अजय कुमार
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच नोकझोंक कोई नई नहीं है। यह सब तब से चल रहा है जब एक बार समाजवादी पार्टी के प्रचार के दौरान समाजवादी रथ में नेताजी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव तो कुर्सी पर बैठे,लेकिन शिवपाल यादव कुर्सी की जगह कुर्सी के हत्थे पर बैठे नजर आये थे। वहीं इसके उलट दोनों के बीच तब भी नोंकझोंक देखने को मिली थी,जब एक मीटिंग के दौरान डिप्टी सीएम स्टूल पर बैठे नजर आये थे। इसके बाद अखिलेश अक्सर केशव प्रसाद को स्टूल वाला मंत्री कहकर चिढ़ाते रहते थे। इसी प्रकार जब हाल में ही केशव और योगी के बीच मतभेद की खबरें आईं तो अखिलेश उसमें कूद पड़े और केशव को सौ विधायक लाने पर मुख्यमंत्री बनाने का ‘मानसून आफर’ दे दिया। अब इसी क्रम में जुबानी जंग मानसून आफर से निकालकर मोहरे तक जा पहुंच गई है।
दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित संविधान मान स्तंभ की स्थापना कार्यक्रम में कहा था कि वो(केशव प्रसाद मौर्य )दिल्ली के वाईफाई का पासवर्ड हैं। मौर्य जी तो मोहरा हैं, कुछ देर में ही इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर केशव प्रसाद मौर्य का भी जवाब आ गया। उन्होंने अखिलेश यादव पर कांग्रेस का मोहरा बनने का आरोप लगाया। अखिलेश भी नहीं रुके, शाम होने तक उन्होंने फिर केशव पर निशाना साधते हुए उनको डबल इंजन की सरकार में दिल्ली- लखनऊ के बीच शंटिंग करने वाला इंजन तक कह दिया।
अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के बीच आरोप-प्रत्यारोप पिछले दिनों भाजपा की कार्यसमिति की बैठक के बाद तेज हो गई है। केशव ने बैठक में संगठन को सरकार से बड़ा होने की बात क्या कही, इस पर अखिलेश ने भाजपा को घेरते हुए एक्स पर लिख दिया कि ‘तोड़फोड़ की राजनीति को जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वह वहीं काम वह अपने अंदर कर रही है। इसलिए अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।‘ इस बीच केशव दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर वापस लखनऊ पहुंचे तो अखिलेश ने एक्स पर लिखा कि ‘लौट के बुद्धू घर को आए।‘ कुल मिलाकर दोनों नेताओं के बीच व्यंग से शुरू हुई नोंकझोंक अब कटुता में बदलती जा रही है।