मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में रचा इतिहास, भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाली पहली महिला निशानेबाज बनीं

Manu Bhaker created history in Paris Olympics, became the first female shooter to win a bronze medal for India

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नयी दिल्ली : पेरिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में कांस्य पदक हासिल कर ली है। मनु भाकर ने क्वालीफाइंग दौर में तीसरा स्थान हासिल किया।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में कांस्य पदक हासिल कर ली है। मनु भाकर ने क्वालीफाइंग दौर में तीसरा स्थान हासिल किया। इसी के साथ निशानेबाजी में भारत की पदक की उम्मीद बढ़ गई है। वो पिछले कुछ सालों में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार पदक जीत रही है। मनु भाकर ने अब तक निशानेबाजी विश्व कप की अलग अलग स्पर्धाओं में 7 स्वर्ण पदक जीत चुकी है।

पेरिस ओलंपिक के लिए जाने से पहले पदक की दावेदारों में निशानेबाज मनु भाकर का नाम प्रमुख था। ओलंपिक के शुरू होते ही पहले ही दिन मनु ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत पदक की उम्मीद भी जगा दी है। मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में स्थान बना लिया है। वो 60 शॉट के क्वालिफाइंग रांउड में कुल 580 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने पहली सीरीज में 97, दूसरी में 97, तीसरी में 98, चौथी में 96, पांचवीं में 96 और छठी सीरीज में 96 अंक हासिल किए। उनके इस प्रदर्शन के बाद अब सभी की नजरे फाइनल पर लग गई है। इस युवा और प्रतिभाशाली निशानेबाजी में अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प से न केवल देश का नाम रोशन किया है, बल्कि विश्व स्तर पर भारत को एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित किया है।

कुश्ती और मुक्केबाजों के लिए मशहूर हरियाणा से शूटिंग में भी कुछ दमदार प्रतिभाएं निकलकर आई हैं और उनमें सबसे नई और चमकदार प्रतिभा साबित हुई हैं मनु भाकर। झज्जर की रहने वाली मनु ने शुरुआती दिनों में कई खेलों में हिस्सा लिया लेकिन फिर पिस्टल शूटिंग से लगाव हो गया। सीनियर स्तर पर चमक बिखेरने से पहले हर खिलाड़ी को जूनियर स्तर पर अपनी पहचान बनानी होती है। मनु की कहानी भी अलग नहीं है और उन्होंने जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर पहली बड़ी सफलता हासिल की। इसके बाद उनका जलवा दिखा नेशनल गेम्स 2017 में , जहां उन्होंने हीना सिद्धू जैसी दिग्गज शूटर को हराया और कुल 9 गोल्ड मेडल अपने नाम किए।

यही वो वक्त था जब मनु के अलावा शूटिंग में कई युवा निशानेबाज सामने आ रहे थे। इनमें मनु ने सबसे तेजी से अपनी पहचान बनाई और 2018 में ISSF वर्ल्ड कप में धमाकेदार प्रदर्शन किया. यहां

मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में गोल्ड मेडल जीत लिए। 2018 में ही उन्होंने यूथ ओलंपिक में भी 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीता।

इसके बाद 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में मनु ने स्वर्ण पदक जीतने में सफलता पाई। 2019 में उन्होंने सौरभ चौधरी के साथ मिलकर लगातार 4 वर्ल्ड कप में 10 मीटर मिक्स्ड टीम इवेंट के गोल्ड जीते।

टोक्यो ओलंपिक मनु के लिए काफी निराशाजनक रहा । 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में अचानक उनकी पिस्टल खराब हो गई थी। इसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा और वो फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाईं। हालाकी इसके बाद मनु भाकर ने एक बार फिर वापसी की और कड़ी मेहनत की बदौलत टोक्यो ओलंपिक की निराशा को पीछे छोड़ा। पिछले एक साल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए पेरिस के लिए क्वालिफाई किया। 2023 में उन्होंने बाकू में वर्ल्ड चैंपियनशिप में 25 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीता था।

मनु भाकर की सफलता में केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही सहयता का भी अहम योगदान रहा है । वो सरकार द्वारा खिलाड़ियों को दी जा रही टाप्स स्कीम में शामिल है। उन्होंने टॉप्स के अंतर्गत तैयारी के लिए 28 लाख से अधिक का राशी दी गई है। प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के लिए वार्षिक कैलेंडर के अंतर्गत एक करोड़ 35 लाख 36 हजार रूपए सरकार द्वारा मिले है। मनु अब फाइनल में पहुंच गई है और उनके पास टोक्यो में मिली निराशा को पीछे छोड़ने का अवसर है। उनकी कोशिश क्वालीफाइंग दौर के प्रदर्शन को और अच्छा करते हुए पिछले 2 ओलंपिक से निशानेबाजी में पदक नहीं मिलने कमी को दूर करने की होगी।