मॉनसून का कहर अपने चरम पर है। सारे देश में बारिश हो रही है और कई इलाकों में पानी ने लाखों लोगों की जिंदगी को हलाक कर दिया है। हजारों मकान ढह गये तो कई जगह गांव के गांव जलमग्न हो गये हैं। नदियां उफन रही हैं और बांध टूट रहे हैं तो सड़कें कट गई हैं। सड़कों के कटने से आवागमन बाधित हो गया है जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल के मालणा में बादल फट जाने से प्रलय आ गया। बांध को तो नुकसान पहुंचा ही, कई जगहों में तेज गति से बहते हुए पानी ने सड़कों को काट दिया और पक्के मकानों को ढहा दिया। इसमें एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड में भी बारिश का प्रकोप देखने में आ रहा है और नदियां उफन रही हैं। केदारनाथ जाने वाली सड़क कट गई है तो चारधाम यात्रा में भी व्यवधान पड़ा है। वहां बारिश और भूस्खलन से 20 लोगों की मृत्यु की खबर है। उत्तराखंड जाने वालों को आगाह किया जा रहा है कि वे अपनी यात्रा स्थगित कर दें। उधर दक्षिण भारत के वायनाड में भूस्खलन से मरने वालों की तादाद बढ़कर 350 हो गई है और अभी भी सैकड़ों लोग लापता हैं। बताया जा रहा है कि उनमें से बड़ी संख्या में लोग मिट्टी में दब गये हैं। वहां सहायता कार्य में सेना, वायुसेना, नौसेना के अलावा एनडीआरएफ के जवान मुस्तैदी से राहत कार्य कर रहे हैं। केरल से सटे हुए कर्नाटक के कई इलाकों में भी जल विभीषका देखने में आ रही है और हजारों हेक्टेयर जमीन जलमग्न हो गई है। कई जगहों से भूस्खलन की खबरें आ रही हैं। कुल मिलाकर स्थिति विकराल है। मौसम विभाग ने अभी और बारिश की संभावना जताई है।