ढाका-बांग्लादेश में भारी हिंसा के बीच प्रधान मंत्री हसीना ने अपना पद त्याग दिया और चुपचाप देश से बाहर चसी गईं। बताया जाता है कि वह हेलीकॉप्टर से कहीं चली गई हैं। उनके स्थान पर वहां की सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली है और सेनाध्यक्ष ने घोषणा की कि शेख हसीना के शासन का अंत हो गया है । पिछले कुछ समय से वहां काफी हिंसा हो रहाी है। दरअसल 1971 में हुए गृह युद्ध में जिन लोगों ने भाग लिया था उनके वंशजों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण का विरोध हो रहा था जो बाद में हिंसक हो गया। इसमें कम से कम 300 लोग मारे गये जिसमें 16 पुलिस वाले भी हैं। हालांकि वहां के सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा काफी घटा दी थी लेकिन उत्तेजित युवा सड़कों पर उतर आये और भारी हिंसा में लिप्त हो गये। उन्होंने सरकारी भवनों में आग लगा दी और गाड़ियां तोड़ डालीं। इसके बाद पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा दिया गया लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ और हिंसा बदस्तूर जारी रही। कुछ लोगों का कहना है कि वह भारत चली गईं हैं तो कुछ कह रहे हैं कि वह यूरोप के किसी सुदूर देश में शरण ले रही हैं।