अजय कुमार
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव के बाद कल 07 अगस्त को पहली बार अयोध्या के दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने रामनगरी के संत-धर्माचार्यों के साथ अलग से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान सीएम योगी ने संतों के सामने फैजाबाद लोकसभा सीट से पार्टी की हार का मलाल भी प्रकट किया। संतों से कहा कि अयोध्या के सम्मान को आगे ले जाना संतों की जिम्मेदारी है। सीएम ने सरयू तट स्थित सरयू अतिथि गृह में संतों के साथ भोजन भी किया। इस दौरान वे संतों को साधते नजर आए। उन्होंने साफ-साफ कहा कि लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर मिली हार से पूरे देश में भाजपा को जबरदस्त आलोचना झेलनी पड़ रही है। इस हार ने विपक्षियों को मौका दे दिया है। संतों से सवालिया लहजे में कहा कि देश-दुनिया में इस हार के लिए तंज कसे जा रहे हैं, अयोध्यावासी कोसे जा रहे हैं, संतों पर कटाक्ष किए जा रहे हैं, यह सब आप सभी को अच्छा लग रहा है क्या। कुछ संतों ने जब यह कहा कि चुनाव के दौरान उनकी उपेक्षा की गई तो सीएम ने कहा कि अब इससे परे होकर काम करना होगा, संतों का काम आगे बढ़कर नेतृत्व करना है।
इसी तरह से सीएम ने एक मूर्ति अनावरण समारोह में भी फैजाबाद की हार पर मलाल व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या को नई पहचान दिलाने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। इसने संतों का गौरव बढ़ाया है और अयोध्या वासियों को पहचान दिलाई है। हमें इस सम्मान को बरकरार रखने का प्रयास करना है। मिले हुए सम्मान को संरक्षित व सुरक्षित करने में हमारा प्रयास सार्थक हुआ तो लंबे समय तक इस सम्मान के पात्र बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि संतों की जिम्मेदारी कहीं अधिक है। संत खुद आगे आकर नई अयोध्या का बखान करें। अपने अनुयायियों को भी इसके लिए प्रेरित करें। पहले की अयोध्या और अब की अयोध्या का अंतर सबको समझाने की जरूरत है। बतातें चलें कि जिले के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होने वाले हैं। इस सीट से सपा विधायक रहे अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद यह सीट रिक्त हो गई। सीएम ने इशारों-इशारों में ही मिल्कीपुर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए जुटने को कहा।