फूलपुर विस सीट पर दावेदारी को लेकर सपा-कांग्रेस आमने-सामने

SP-Congress face to face with claim on Phulpur Vis seat

अजय कुमार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज(इलाहाबाद) की जो फूलपुर लोकसभा सीट देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की संसदीय सीट हुआ करती थी,उसी के अंतर्गत आने वाली फूलपुर विधान सभा सीट पर होने वाले उप-चुनाव में दावेदारी को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच ठन गई है। सपा यह सीट छोड़ने को तैयार नहीं है जबकि कांग्रेस इतिहास का वास्ता देकर अपने लिये फूलपुर की सीट मांग रही है। कुल मिलाकर फूलपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तिथि की भले ही घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इस पर कांग्रेस के नेताओं द्वारा दावेदारी जताने पर सियासत गरमा गई। हालांकि, 24 घंटे के भीतर ही सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने यह साफ कर दिया कि इंडी गठबंधन में कांग्रेस शामिल है, लेकिन फूलपुर उपचुनाव में सपा का ही उम्मीदवार मैदान में उतरेगा।

बता दें फूलपुर विधानसभा सीट के लिए 2022 में हुए चुनाव में भाजपा के प्रवीण पटेल ने सपा के प्रत्याशी को कांटे की टक्कर में कुछ हजार मतों से पराजित किया था। लेकिन वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में फूलपुर संसदीय सीट से भाजपा ने प्रवीण पटेल को उम्मीदवार घोषित कर दिया। प्रवीण पटेल चुनाव जीत गए। ऐसे में फूलपुर विधानसभा सीट खाली हो गई। अब यहां उपचुनाव होना है। इंडी गठबंधन से सपा का उम्मीदवार मैदान में उतरेगा या कांग्रेस का, अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है। वही सपा नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ता इस बात को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी अपना ही उम्मीदवार मैदान में उतरेगी, लेकिन दूसरे ही पल प्रयागराज आए कांग्रेस के प्रदेश संगठन मंत्री अनिल यादव ने यह कहकर खलबली मचा दी कि गठबंधन की तरफ से कांग्रेस इस सीट पर दावा करेगी।

दावे के पीछे कि जो वजह भी बताई गई है उसके अनुसार यह कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस इकाई द्वारा शीर्ष नेतृत्व के सामने मजबूती से पक्ष रखा जाएगा। बीते लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से अधिक वोट सपा को मिले थे। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार मुज्तबा सिद्दीकी कुछ मतों से पराजित हुए थे। ऐसे में इंडी गठबंधन के तहत यह सीट सपा के पास ही है।