हॉकी कांस्य पदक विजेता, श्रीजेश, सुमित, संजय, रोहिदास व अभिषेक का पेरिस ओलंपिक से घर लौटने पर जोरदार स्वागत

Hockey bronze medal winners Sreejesh, Sumit, Sanjay, Rohidas and Abhishek received a warm welcome on their return home from Paris Olympics

  • श्रीजेश बोले, हॉकी टीम का यह ओलंपिक का यह कांसा भारत के लोगों के लिए है
  • खुशी है मैं ओलंपिक कांस्य के साथ हॉकी को अलविदा कह रहा हूं

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : अपना चौथा और आखिरी ओलंपिक खेल कर भारत को 2024 के पेरिस ओलंपिक सहित हॉकी में लगातार दो ओलंपिक में कांसा जिताने में ’दीवार‘ की तरह बतौर गोलरक्षक किले की हिफाजत करने वाले पीआर श्रीजेश, फर्स्ट रशर अमित रोहिदास , स्ट्राइकर अभिषेक, फुलबैक सुमित व संजय सहायक कोच शिवेंद्र सिंह का पेरिस से मंगलवार सुबह यहां इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय पर जोरदार स्वागत किया गया। श्रीजेश 2024के पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह में दो कांसे जीतने वाली निशानेबाज मनु भाखर के साथ भारत के ध्वजवाहक थे। श्रीजेश सहित भारत की कांस्य पदक विजेता हॉकी टीम के दूसरे और आखिरी जत्थे के रूप में यहां पहुंचने वाले पांचों खिलाड़ियों के लिए हॉकी प्रेमी हवाईअड्डे पर फूलमालाओं और ढोल नगाड़ों के साथ मौजूद थे। यह केवल दूसरा ऐसा मौका है जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 1972 के म्युनिख ओलंपिक के बाद लगातार दो ओलंपिक में कांसा जीता।

पीआर श्रीजेश ने मंगलवार सुबह यहां पहुंचने पर कहा, ’ यकीन नहीं होता कि पेरिस ओलंपिक में कांसा जीतने पर इतनी बड़ी तादाद में हॉकी प्रशंसक हमें बधाई देने के लिए यहां आए हैं। अपने और अपने साथियों के इस जोरदार स्वागत से अभिभूत हूं। हमारी भारतीय हॉकी टीम का यह ओलंपिक का यह कांसा भारत के लोगों के लिए है, जो बराबर हमारा समर्थन करते रहे और हर अच्छे-बुरे वक्त में हमारे साथ रहे। मुझे खुशी है कि मेरे टीम मेरे लिए खेली और मैं ओलंपिक कांस्य पदक के साथ हॉकी को अलविदा कह रहा हूं।जब कोई एक अपनी हॉकी टांगता तो कई अन्य उसकी जगह लेने के लिए आते हैं। हमने पिछले ओलंपिक में भी कांसा जीता था और पेरिस ओलंपिक में कांसा जीता और पदक जीतने की यह आदत अच्छी है।‘

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अब तक ओलंपिक में आठ स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य सहित कुल 13 पदक जीते हैं। भारत के लिए करीब दो दशक तक हॉकी खेलने वाले सदाबहार गोलरक्षक पीआर श्रीजेश ने 2024 के पेरिस ओलंपिक के शुरू होने से पहले ही यह घोषणा कर दी थी यह उनका आखिरी ओलंपिक होगा। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने जहां पेरिस ओलंपिक में सबसे ज्यादा कुल दस गोल कर किए वहीं श्रीजेश ने ’दीवार‘ की तरह हर मैच में मुस्तैदी से किले की हिफाजत कर भारत को कांस्य जिताने में अहम भूमिका अदा की। सच तो यह है कि पूरी भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक का यह कांसा श्रीजेश को समर्पित किया। भारत ने स्पेन को 2-1से हरा कर ओलंपिक में अपना कांसा बरकरार रखा।