MY फैक्टर की उपचुनावों से पहले बीजेपी ने निकाली काट तो सपा प्रमुख का पलटवार

When BJP criticized MY Factor before the by-elections, SP chief hit back

प्रीती पांडेय

लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में नतीजे बीजेपी की अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे । नतीजों के बाद मंथन हुआ, बार बार समीक्षा की गई कि चूक कहां हुई । खैर जो हो चुका सो हो चुका….. बदला तो जा नहीं सकता लिहाजा अबकी बार गलती की गुंजाइश ही न रखी जाए इसके मद्देनजर बीजेपी ने यूपी में जल्द होने वाले 10 सीटों के उपचुनाव के लिए एक नया फॉर्मूला निकाला है …. इस फार्मूले के तहत (MY) यादव मुस्लिम फैक्टर से चोट खाई बीजेपी ने समाधान निकालते हुए दोनों ही समाज से आने वाले अफसरान को फील्ड पोस्टिंग से दूर रखने की स्ट्रेटजी बना ली है। शुरुआत उपचुनाव वाले 10 जिलों में पोस्टिंग पर रोक लगाकर कर भी दी गई है।

इन जिले में मुरादाबाद में छोड़ दिया जाए जहां सीडीओ इसी समाज से हैं, इनके अलावा किसी भी जिले में डीएम , पुलिस कमिश्नर, SSP, SP, CDO, CMO जैसे फील्ड से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पदों पर एक भी मुस्लिम और यादव अफसर पोस्टेड नहीं हैं।

प्रयागराज में एडीसीपी के पद पर तैनात शिवराज यादव को मेरठ पुलिस ट्रेनिंग सेंटर ट्रांसफर किया गया है।
अंबेडकर नगर – कटेहरी,
अयोध्या – मिल्कीपुर,
भदोही की मझवां,
गाजियाबाद,
मुरादाबाद – कुंदरकी,
अलीगढ़ – खैर,
प्रयागराज -फूलपुर,
कानपुर सिटी – सीसामऊ,
मुजफ्फरनगर- मीरापुर
और
मैनपुरी – करहल विधानसभा क्षेत्र में जल्द चुनाव होने है।

वर्तमान में इन 10 सीटों में से NDA और सपा के पास पांच-पांच सीटें हैं। लोकसभा के नतीजों के बाद प्रदेश में मजबूत पकड़ के लिहाज से बीजेपी ने उप चुनाव में सभी सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। जिसके मद्देनजर MY फैक्टर के लिहाज से कदम भी उठाए गए। लेकिन इस खबर के बाहर आते ही की प्रदेश में योगी सरकार कथित तौर पर चुनावी जिलों में यादव और मुस्लिम अधिकारियों को हटा रही है , इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने x पर पोस्ट करते हुए लिखा…..

“जब उपचुनावों में भी भाजपा को हराने के लिए जनता फ़ील्ड में उतर चुकी है तो भाजपा कुछ अधिकारियों को हटाने का कितना भी शासकीय-प्रशासकीय नाटक कर ले, कोई उनको पराजय से रोक नहीं सकता। देखना ये भी है कि इनकी जगह जो अफ़सर आएंगे, उनकी निष्पक्षता पर मोहर कौन लगाएगा। भाजपा उपचुनावों में अपनी 10/10 की हार के अपमान से बचने के बहाने ना ढूँढे। अगर भाजपा जन-विरोधी नहीं होती तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। महँगाई, बेरोज़गारी, बेकारी, पुलिस भर्ती, नीट परीक्षा, महिला-सुरक्षा, संविधान और आरक्षण की रक्षा, नज़ूल भूमि जैसे मुद्दों से लड़ने के लिए भाजपा कब और किसे नियुक्त करेगी? कुछ विशेष अधिकारियों को चुनावी ज़िम्मेदारी से हटाने की बात कहकर, भाजपाइयों ने ये बात स्वीकार कर ली है कि उनकी सरकार में शायद कुछ चुनावी घपले अधिकारियों के स्तर पर होते हैं। ये भाजपा की अपनी सरकार के साथ-ही-साथ चुनाव आयोग के ऊपर भी… चुनाव आयोग स्वत: संज्ञान ले।”

हालांकि बीजेपी के खेमे से सपा प्रमुख के इस आरोप और हमले का जवाब भी दिया जा रहा हैं बीजेपी प्रवक्ता ने राकेश त्रिपाठी ने कहा ” अखिलेश यादव मिथ्या प्रलाप कर रहे हैं अधिकारियों, अपराधियों , माफियाओं की जाती और धर्म देखना सपा, बसपा की नीति रही है। बीजेपी और हमारी सरकार ये काम नहीं करती। हमारी सरकार मेरिट देखती है। जहां तक अधिकारियों को स्थानांतरण की बात है वो रूटीन का काम है । अखिलेश व्यर्थ का आरोप लगा रहे हैं बेहतर हो की वो कार्यकर्ताओं के बीच जाएं और लोगों से संवाद करें । बीजेपी उपचुनाव के लिए तैयारी कर रही है बीजेपी के नेता, कार्यकर्ता, दोनों डिप्टी सीएम, सीएम सभी जनता से संवाद कर, प्रचार कर nda की जीत सुनिश्चित करने में जुटी है ।”

गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों के दौरान MY फैक्टर के चलते ही सपा और कांग्रेस को बेहतर नतीजे देखने को मिले। अब उपचुनाव से पहले खास जाती और धर्म के अधिकारियों का मुद्दा उठाते हुए अखिलेश इसे चुनावी जिलों में भुनाने में लगे हैं तो बीजेपी मुद्दा ही सुलटाने में । बहरहाल evm में दबने वाला बटन इस मुद्दों के बीच किसके लिए खुशखबरी की घंटी बजायेगा इसके थोड़ा इंतजार तो करना ही होगा । हालांकि जीत के दावे दोनों ही खेमों की तरफ से किया भी खूब जा रहा है।