बाबा गोरखनाथ मंदिर में सावन महोत्सव का हुआ आगाज

Sawan festival started in Baba Gorakhnath temple

रविवार दिल्ली नेटवर्क

कटिहार : महाशिवरात्रि एवं श्रावण मास सह श्रावणी पूर्णिमा में यहां भक्तों की भीड़ लाखों की संख्या में कांवरिया मनिहारी गंगा घाट से गंगा जल लेकर बाबा गोरखनाथ धाम में जलाभिषेक करते हैं l

मिनी बाबाधाम के नाम से प्रसिद्ध कटिहार जिले के गोरखपुर गांव के गोरखनाथ शिव मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। इस शिव मंदिर की कहानी कई किंवदंतियों से जुड़ी है। किंवदंती के अनुसार अनुमानित 1053 ई सन में प्रसिद्ध संत गोरखनाथ जी महाराज असम के कामाख्या से गोरखपुर आ रहे थे। इस दौरान गोरखनाथ जी महाराज कटिहार के इस गांव में तीन दिन रहे। जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना की गई। इसी कारण इस गांव का नाम गोरखपुर पड़ा और मंदिर का नाम गोरखनाथ।

इस गांव में रहने के दौरान गोरखनाथ जी महाराज ने गांव के उत्तर पूर्वी में एक गोरख चंडी की स्थापना की। मंदिर का प्रबंधन स्थानीय समिति द्वारा किया जाता है जो भक्तों की सुविधा और मंदिर की देखभाल के लिए निरंतर प्रयासरत रहती है। आने वाले भक्तों के लिए यहाँ सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं ताकि उनकी यात्रा सुखद और मंगलमय हो।