रविवार दिल्ली नेटवर्क
कोरोना काल में कई बड़ी कंपनियों ने कॉस्ट कटिंग के नाम पर नौकरियों में कटौती की। हालांकि, इसके बाद जहां ऐसा लग रहा है कि नौकरियों में कटौती कम हुई है, वहीं कई बड़ी कंपनियों ने बड़े पैमाने पर नौकरियों में कटौती की है।
नई दिल्ली: कुछ साल पहले कोरोना काल में नौकरियों में भारी कटौती हुई थी। बड़ी-बड़ी कंपनियों में लाखों कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। लेकिन अब जहां नौकरियों में कटौती की संख्या कम होती दिख रही है। एक बार फिर हजारों कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। टाटा, रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों ने हाल ही में नौकरियों में कटौती की है। करीब 52 हजार कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है।
सामने आई जानकारी के मुताबिक, पिछले साल पांच दिग्गज कंपनियों ने करीब 52 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ये आंकड़े कंपनियों को सौंपी गई वार्षिक रिपोर्ट से सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कटौती करने वालों में रिलायंस रिटेल, टाटा ग्रुप की टाइटन, रेमंड, पेज इंडस्ट्रीज और स्पेंसर शामिल हैं। रिलायंस रिटेल ने सबसे ज्यादा कर्मचारियों की कटौती की है। रिलायंस रिटेल ने पिछले वित्त वर्ष में 38 हजार 29 लोगों को नौकरी से निकाला। उनके द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में 2 लाख 45 हजार 581 कर्मचारी थे। लेकिन साल भर में यह संख्या घटकर 2 लाख 7 हजार 552 रह गई।
ये कारण आये सामने
अब मांग की गति कम होने के कारण खुदरा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कटौती का समय आ गया है। जीवनशैली, किराना खुदरा विक्रेताओं और रेस्तरां ने पिछले वर्ष की तुलना में 26,000 नौकरियों की कटौती की। बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के साथ-साथ मंदी की आशंकाओं के बीच उपभोक्ता मितव्ययता के कारण छंटनी हुई है। साथ ही, कपड़ों और कारों की खरीदारी का सिलसिला कम होने से भी कई सेक्टर प्रभावित हुए हैं। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के अनुसार, खुदरा क्षेत्र की कंपनियों ने 9 प्रतिशत की दर से अपने स्टोर का विस्तार किया। यह दर पिछले पांच साल में सबसे कम है।