राजस्थान और मारवाड़ की समस्याओं पर नहीं बोले एक शब्द …उदयपुर में हाईकोर्ट की स्थाई बैंच की उम्मीद भी नहीं हुई पूरी!
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान के सुप्रसिद्ध कवि कन्हैया लाल सेठिया की रचना सोने री धरती जठे, चांदी रो आसमान। रंग रंगीलो रस भरयो म्हारो प्यारो राजस्थान… की कालजयी रचना की इन कुछ पंक्तियों के साथ कवि हृदय केन्द्रीय कानून मन्त्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने गृह प्रदेश राजस्थान की सूर्य नगरी और प्रदेश की न्यायिक राजधानी जोधपुर में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को यशस्बी और तपस्वी प्रधानमंत्री का सम्बोधन देकर उनका भावभीना स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपरान्ह जोधपुर में राजस्थान हाई कोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह में शामिल हुए। वे महाराष्ट्र से लखपति दीदियों के एक बड़े कार्यक्रम से सीधे जोधपुर पहुँचें लेकिन मौसम की वजह से 10 मिनट देरी से आने के लिए उन्होंने सभी से माफी मांग अपने बड़प्पन का परिचय दिया। इस गरिमामय अवसर पर सुप्रीम कोर्ट तथा राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश गण, सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायाधीश पंकज मिथल, ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, न्यायाधीश संदीप मेहता सहित अन्य कई विशिष्ट लोग भी शामिल हुए।
प्लैटिनम जुबली समारोह में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा और प्रदेश के अन्य कई मन्त्रियों और नेता मौजूद थे लेकिन जोधपुर के स्थानीय सांसद केन्द्रीय मन्त्री गजेंद्र सिंह शेखावत का इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहना सभी को आश्चर्य में डाल गया। हालाँकि इसका कारण उन्हें शीर्ष नेतृत्व द्वारा हरियाणा विधान सभा चुनाव का दायित्व देना बताया गया और गजेंद्र सिंह शेखावत ने विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से पीएम मोदी के कार्यक्रम में अनुपस्थित रहने की लिखित मंजूरी भी मांगी।
इस भव्य समारोह में प्रधानमन्त्री मोदी ने अपना पूरा भाषण देश और प्रदेश की न्याय पालिका और न्यायिक क्षेत्र में किए गए सुधारों पर ही केन्द्रित रखा और राजस्थान तथा मारवाड़ की समस्याओं पर एक शब्द भी नहीं बोलें। समारोह की गरिमा के अनुरूप उन्होंने कोई राजनीतिक बात भी नहीं की । साथ ही प्रदेश की न्यायालयों से जुड़ी माँगों पर भी कोई चर्चा नहीं की जबकि विषय की प्रासंगिकता के अनुरुप दक्षिणी राजस्थान के मेवाड़ और वागड़ के लोगों को उदयपुर में हाईकोर्ट की स्थाई बैंच की स्थापना को लेकर भी बहुत उम्मीदे थी,लेकिन इस बार भी वहाँ के बाशिंदों की यह उम्मीद पूरी नहीं हुई।
प्रधानमन्त्री मोदी ने अंग्रेजी हकूमत के दौरान बने उपनिवेशिक भावना से ग्रसित ‘भारतीय दण्ड संहिता’ क़ानूनों को उनकी सरकार द्वारा बदल कर भारतीय संस्कृति के अनुरुप ‘भारतीय न्याय संहिता’ किए जाने के पीछें की भावना को विस्तार से बताया। साथ ही कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के 75 साल ऐसे समय में पूरे हुए हैं,जब हमारा संविधान भी 75 साल पूरे करने जा रहा है। इसीलिए यह हमारे अनेक महान लोगों की न्याय निष्ठा और योगदान को सेलिब्रेट करने का उत्सव तथा संविधान के प्रति हमारी आस्था का उदाहरण है। इसके लिए उन्होंने सभी न्यायाधीशों और राजस्थान के लोगों को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि हमारे देश की एकता का इतिहास राजस्थान उच्च न्यायालय के अस्तित्व से भी जुड़ा हुआ है। जब सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की 500 से अधिक रियासतों को एकीकृत करके देश का एकीकरण किया था तो उनमें राजस्थान की कई रियासतें भी थी। जयपुर, उदयपुर और कोटा जैसी कई रियासतों के अपने अपने उच्च न्यायालय थे। इनके एकीकरण के साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा राष्ट्रीय एकता हमारी न्यायपालिका की आधारशिला है। यह जितनी मजबूत होगी, हमारे देश की व्यवस्थाएं भी उतनी ही मजबूत होंगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय एकता बनाए रखने में एकीकृत न्यायिक प्रणाली का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने राजस्थान के सभी जिलों की कोर्ट में इंटीग्रेशन प्रोग्राम शुरू होने पर ख़ुशी जाहिर की और इसके लिए सभी को बधाई दी। पीएम ने कहाकि बीते एक दशक में हमारा देश तेजी से बदला है। हम देख रहे हैं कि आज टेक्नोलॉजी हमारे ज्यूडिशरी सिस्टम में कितना अहम रोल निभा रही है आज देश में 18000 से ज्यादा कोर्ट कंप्यूटरीकृत हो चुके हैं। नेशनल डाटा ग्रिड से 26 करोड़ से ज्यादा मुकदमा की जानकारी एक सैटेलाइट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जुड़ चुकी है पूरे देश की 3000 से ज्यादा कोर्ट परिसर 1200 से ज्यादा जिले वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़ गई हैं। राजस्थान,भी इस दिशा में काफी तेज गति से काम कर रहा है।
समारोह में प्रधानमन्त्री मोदी ने राजस्थान हाई कोर्ट के संग्रहालय का वर्चुअल ढंग से उद्घाटन करने के बाद एक स्मारिका का विमोचन भी किया। राज्यपाल बागड़े द्वारा इस मौक़े पर राजस्थान हाईकोर्ट की प्लेटिनम जुबली पर भारत डाक विभाग द्वारा जारी फर्स्ट कवर का लोकार्पण कर फर्स्ट कवर प्रधानमन्त्री मोदी को भेंट किया।
उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायाधीश संजीव खन्ना ने समारोह में बताया कि देश में राजस्थान विशेष कर जोधपुर के वकीलों की संख्या सबसे अधिक हैं। केन्द्रीय कानून मन्त्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस अवसर पर जोधपुर के दलवीर भंडारी और आर एम लोढ़ा आदि का विशेष रूप से जिक्र किया और बताता कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चन्द्र चुड़ जी अपनी अस्वस्थता के कारण समारोह में भाग ले नहीं सके है लेकिन न्यायिक कार्यवाहियों को क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने के उनके नवाचार के लिए उन्होंने उनकी प्रशंसा की । साथ ही अवगत कराया कि राजस्थान हाईकोर्ट न्यायिक कार्यवाहियों को हिन्दी में उपलब्ध कराने के मामले में देश में सबसे पहला प्रदेश हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय का स्वर्णिम इतिहास रहा हैं। प्रदेश लोक अदालतों के माध्यम से आपसी समझाइश से हजारों मामले सुलझाने में भी आगे रहा हैं। उन्होंने कहा कि न्याय को सरल और स्पष्ट बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी हैं।
राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एम श्री वास्तव ने राजस्थान हाईकोर्ट के 75 वर्षों के ऐतिहासिक सफर और देश की न्यायिक व्यवस्था में राजस्थान के योगदान की चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समारोह की गरिमा के अनुरूप इस बार राजस्थान और मारवाड़ की विभिन्न समस्याओं तथा राज्य की न्यायिक क्षेत्र से जुड़ी किसी मांग पर नहीं बोले और साथ ही उदयपुर में हाईकोर्ट की स्थाई बैंच की माँग का उन्होंने कोई उल्लेख किया लेकिन देश के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मोदी मंत्री परिषद में प्रदेश के छह मन्त्रियों के राजस्थान से होने तथा प्रदेश के दो नेताओं के देश में उच्च संविधानिक पदों पर होने के कारण राजस्थान की उम्मीदों की भरपाई करने का दवाब उन पर अवश्य हैं। देखना है आने वाले समय में राजस्थान की न्यायोचित माँगों पर मोदी सरकार का क्या रूख रहता है?