यूनिटेक बिल्डर के प्रोजेक्ट में 20 हजार लोगों का पैसा फंसा

अतुल कुमार

नई दिल्ली –ग्रुरुग्राम और नोएडा में यूनीटेक बिल्डर द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट जिसमे लगभग 20 हजार लोगो ने अपनी जिंदगी भर की पूंजी अपना घर खरीदने में लगा दी,आज 13वर्ष बाद भी एक अदद फ्लैट के लिए दर दर भटकने के लिए मजबूर है।
उनका कहना है यूनीटेक बल्डर्स आज़ धोखा धडी के आरोपों में पूरा परिवार और कई अधिकारी भी जेल में है,लेकिन उनकी गतिविधियां चालू है,गुरुग्राम, नोएडा में Unihomes और अन्य सैकड़ों प्रोजेक्टों में अपनी जिंदगी भर की कमाई लगाने वाले आज परेशान है कि उनकी कही भी सुनवाई नहीं हो रही। आरोप लगाया है यूनीटेक प्रोजेक्ट गुरुग्राम में पैसा लगाने वाले सुभो भट्टाचार्य ने, उन्होंने बताया कि हम लगभग 20000 खरीदार है जिन्होंने विभिन्न प्रोजेक्टों में सन 2006 से 2009 तक फ्लैट खरीदने के लिए अपना रूपया लगाया है।आज सभी मानसिक पीड़ा से गुजर रहे है, कई बुजुर्ग हो गए,किसी की कोरोना काल में नौकरी चली गई,और कई बीमारियों से ग्रस्त हैं।

भट्टाचार्य ने बताया कि मान्य सर्वोच्च न्यायालय ने 7दिसंबर 2018के आदेशानुसार ग्रांट थ्रोनॉट फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार तथ्य सामने आए कि यूनीटेक प्रमोट्रो ने लगभग 17000करोड़ से भी अधिक का गबन किया है और वह रूपया गलत तरीके से अन्य प्रोजेक्ट और विदेशी खातों में जमा किया गया है।

वही आरोप लगाया की सभी प्रोजेक्टों के निर्माण कार्यो को समय से पहले ही रोक दिया गया।यूनीटेक के सीएमडी रमेश चंद्रा एवं अन्य सदस्यों के साथ कई बैठकें हुई लेकिन नतीजा कुछ नही निकला ।वहीं हम एनसीडीआरसी,मान्य उच्च न्यायलय में गत 2013से आज तक विभिन्न न्यायालय,सरकारी अधिकारीगण, मान्य मुख्यमंत्री हरियाणा, उत्तर प्रदेश, से भी गुहार लगा चुके हैं। अभी तक केवल एक ही आश्वाशन मिला की मामला मान्य कोर्ट में अपील नियंत्रण में है।

वहीं हमारी मान्य उच्च न्यायालय से अपील है कि हमारी सुनवाई जल्द से जल्द हो और हमारे साथ न्याय किया जाए।
उन्होंने बताया की इस दौरान कई बायर्स को कुछ रकम वापस भी मिली है लेकिन उससे कही ज्यादा हमारा खर्च होता जा रहा है।वही मान्य कोर्ट ने आदेश भी दिया है कि घर खरीदारों को जिनकी जितनी रकम लगी है उसका 33प्रतिशत ब्याज सहित वापस करे, लेकिन इसमें किसी को दिया किसी को नही, आज भी बड़ी संख्या में लोग अपनी गाड़ी कमाई को लेने के लिए परेशान हैं।
उन्होंने मान्य प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, वित मंत्री,मुख्य चीफ जस्टिस इंडिया को भी पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।