सुनील तिवारी
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आज 49वां जन्मदिवस है. 16 सितम्बर 1975 को पिथौरागढ़ जिले में सेना में सूबेदार रहे शेर सिंह धामी के यहाँ जन्में पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इसे सीएम धामी की किस्मत ही कहा जाएगा कि उन्हें महज 45 वर्ष की आयु में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गयी. मंत्री बनने की आस में कई बार निराश हो चुके धामी को इसकी जरा सी भी आशा नहीं थी कि उन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल जायेगी. धामी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी तब मिली जब राज्य में महज 4 माह में 2 बार सीएम बदले जा चुके थे और 6 माह बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने थे. चुनाव के पूर्व के सारे सर्वें में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती हुई नहीं दिखाई दे रही थी. ऐसे समय में सीएम धामी ने अपनी मेहनत के बलबूते पुनः भाजपा को सत्ता में ला दिया लेकिन इसकी कीमत उन्हें खुद की सीट हारकर चुकानी पड़ी. पीएम मोदी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सीएम धामी की मेहनत से प्रभावित होकर पुनः मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी. यह भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी हारे हुए व्यक्ति को पुनः मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई. इस तरह कहा जा सकता है कि पुष्कर सिंह धामी ने किस्मत से पाई कुर्सी को मेहनत से पक्की कर ली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड से विशेष लगाव है और उन्होंने कई बार ये कहा है कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा. सीएम धामी पीएम मोदी के इसी कथन को चरितार्थ करने में लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने जिस राजनीतिक परिपक्वता एवं प्रशासनिक कुशलता का परिचय दिया है वह काबिल-ए-तारीफ है. पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बने हुए अभी महज 3 साल हुए हैं लेकिन इन तीन सालों में धामी उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय पटल पर भी लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे हैं. उन्होंने कई ऐसे कार्य (यूसीसी विधेयक, नक़ल विरोधी कानून, लैंड जिहाद) किये हैं जिसकी प्रशंसा न सिर्फ उत्तराखंड में होती है बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी होती है. उनके द्वारा किये गए कई कार्यों का अनुसरण देश के अन्य राज्य भी कर रहे हैं. उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के साथ ही सीएम धामी ने वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनांने का संकल्प लिया था जो धीरे-धीरे सिद्धि होता दिखाई दे रहा है. सतत विकास सूचकांक, बहुआयामी गरीबी सूचकांक एवं रोजगार सृजन सूचकांक आदि में उत्तराखंड की रैंकिंग बताती है की उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है.