- पाक का हॉकी विश्व कप से बाहर होना विश्व हॉकी के लिए बड़ा झटका
- पाक ने अब तक सबसे ज्यादा चार बार जीता है हॉकी विश्व कप
- 2014 में हेग हॉकी विश्व कप के लिए भी क्वॉलिफाई नहीं कर पाया था पाक
- दुनिया की 16 दिग्गज हॉकी टीम करेंगी विश्व कप में शिरकत
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : मौजूदा चैंपियन भारत की जकार्ता मेंं मेजबान इंडोनेशिया पर हॉकी एशिया कप में पूल ए के आखिरी मैच में दर्ज 16-0 की बड़ी ने पाकिस्तान को भुवनेश्वर और राउरकेला में 2023 में 13 से 29 जनवरी तक होने वाले 15वें एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप से बाहर कर दिया। यह दूसरा मौका होगा जब सबसे ज्यादा चार बार विश्व कप जीतने वाली पाकिस्तान की टीम पुरुष हॉकी टीम दुनिया के इस सबसे बड़े टूर्नामेंट में खेलती नहीं दिखेगी। पाकिस्तान की टीम पाकिस्तान की टीम इससे पहले 2014 में हेग (नीदरलैंड) में पहली बार हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई करने में नाकाम रही थी। 2023 के पुरुष हॉकी विश्व कप में ये 16 टीमें शिरकत करेंगी : भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, मलयेशिया, मौजूदा चैंपियन बेल्जियम,, जर्मनी, नीदरलैंड,इंग्लैंड, फ्रांस, स्पेन, वेल्स, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अर्जेेंटीना,, चिली, दक्षिण अफ्रीका।
जापान, मलयेशिया, दक्षिण कोरिया जकार्ता में पुरुष हॉकी एशिया कप में सुपर 4 में जगह बना विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई किया। भारत ने 2019 में मेजबानी पाने के साथ सबसे पहले पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई किया था। बेल्जियम, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, इंग्लैंड ने जून , 2021 में एम्सतलवीन(नीदरलैंड) में यूरो हॉकी चैंपियनशिप से, फ्रांस और वेल्स ने अक्टूबर में कािर्डफ (वेल्स) में 2021 में यूरो क्वॉलिफायर से, अर्जेंटीना और चिली ने जनवरी,2022 में सांतियागो (चिली) में पैन अमेरिकी कप से, दक्षिण अफ्रीका ने 2022 में अकारा में अफ्रीका कप ऑफ नेशंस से तथा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को कोरोना के चलते 2022 के ओशनिया कप के रद्द से 2023 के पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई किया।
पाकिस्तान का हॉकी विश्व कप से बाहर होना दरअसल होना एशियाई ही नहीं विश्व हॉकी के लिए बड़ा झटका है। चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच मैच देखने की दुनिया भर के हॉकी प्रेमियों की हसरत अधूरी रह जाएगी। बेशक भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तल्ख हों लेकिन हॉकी और क्रिकेट में जब जब ये दोनों आमने-सामने होते हैं तो खिलाडिय़ों और हॉकी मुरीदों के लिए भावनाओं पर काबू रखना मुश्किल हो जाता है। बदकिस्मती से पाकिस्तान हॉकी इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। तीन बरस की स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तान की टीम 2016 के रियो और बीते बरस हुए टोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वॉलिफाई नहीं कर पाई थी। वहीं सबसे ज्यादा आठ बार ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम 1928 में इसमें शिरकत करने के बाद बस केवल एक बार 2008 में पेइचिंग ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर पाई थी। वहीं भारत अब तक एक बार 1975 में क्वालालंपुर में हॉकी विश्व कप जीत सका है जबकि उसने इसके पहले संस्करण में 1971 में बार्सीलोना में कांसा और 1973 में एम्सतलवीन में मेजबान नीदरलैंड से टाईब्रेकर में हार कर रजत पदक जीता था। भारत तीसरी बार पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी करेगा और उसने पहली बार 1982 में मुबई और 2018 में भुवनेश्वर में ही दूसरी बार इसकी मेजबानी की थी।
मौजूदा चैंपियन भारत ने मेजबान इंडोनेशिया को पूल ए में अपने आखिरी मैच में हरा पूल ए में कर दूसरे स्थान पर सुपर 4 में जगह बनाई थी। पाकिस्तान के एशिया कप में अपने अंतिम पूल मैैच में जापान से 2-3 से हारने के बाद भारत को सुपर 4 में जगह बनाने के लिए इंडोनेशिया पर 15-0 से जीत दर्ज करनी थी और इससे भी एक गोल ज्यादा गोल कर उसने यह मुकाम पाया। भारत ने चूंकि बतौर मेजबान सबसे पहले विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई कर चुका था उसने एशिया में अपनी भुवनेश्वर में जूनियर विश्व कप में खेलने वाली टीम के आधा दर्जन से ज्यादा खिलाडिय़ों सहित दस खिलाडिय़ों को पहली बार सीनियर टीम केलिए अपने करियर के लिए आगाज करने का मौका दिया। दरअसल भारत और पाकिस्तान के पूल ए में सभी तीन-तीन मैचों की समाप्ति पर एक ड्रॉ, एक हार और एक जीत के साथ चार-चार अंक थे। भारत की इंडोनेशिया पर बड़ी जीत ने ही दरअसल पाकिस्तान की किस्मत पर लगा दिया। जापान की टीम अपने पूल में भारत, पााकिस्तान और इंडोनेशिया सहित सभी तीनों मैच जीत नौं अंकों के साथ शीर्ष पर रही। वही पूल बी में मलयेशिया अपने सभी तीन मैच जीत नौ अंक के साथ शीर्ष पर रहा जबकि और दक्षिण कोरिया तीन में से दो मैच जीत छह अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।