टेस्ट क्रिकेट में वापसी बहुत बढ़िया है : ऋषभ पंत

It's great to be back in Test cricket: Rishabh Pant

  • अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी पर क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट खेलना चाहता था
  • मैदान पर उतर कर स्थिति को अपने हिसाब से आंक उसी के मुताबिक खेलता हूं
  • अपना टेस्ट शतक पूरा करने पर मैंने राहत महसूस की

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : भारत के धुरंधर विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने दिसंबर, 2022 के आखिर में भयंकर कार दुर्घटना के बाद दूसरा जीवन पाने के बाद अपने जीवट और खुद पर दुबारा मैदान पर लौटने के संकल्प से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में करीब दो बरस बाद कामयाब वापसी की। ऋषभ पंत भारत को इस साल के शुरू में टी-20 विश्व कप जिताने में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज अहम भूमिका निभाने के बाद टेस्ट में वापसी पर बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नै में पहले टेस्ट में शतक जमा रविवार को चौथे दिन पहले ही सत्र में अपनी टीम को जीत दिला 1-0 कर बढ़त दिलाने पर खासी राहत महसूस कर रहे हैं। ऋषभ पंत ने बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज मौजूदा सीरीज के पहले टेस्ट में शतक जड़ने के अपने आदर्श महेंद्र सिंह के

भारत के लिए छह टेस्ट शतक जड़ने के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली।

ऋषभ पंत ने कहा, ‘ बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में चेन्नै के अपने पसंदीदा मैदान पर शतक जमाना मेरे बेहद खास था क्योंकि चोट के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी पर क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट खेलना चाहता था। जब मैंने तीसरे दिन पहले टेस्ट में अपना शतक पूरा किया तो मैं वाकई बहुत भावुक था। मैं टेस्ट में खासतौर पर बल्लेबाजी का खूब लुत्फ उठाता हूं। मैं हर मैच में स्कोर करना चाहता हूं। टेस्ट क्रिकेट में वापसी बहुत बढ़िया है क्योंकि मैं इससे वाकई सबसे ज्यादा और दिल से जुड़ा हूं। मैं चीजों को एकदम सहज रखता हूं। मैं मैदान पर उतर कर स्थिति को अपने हिसाब से आंक कर उसी के मुताबिक खेलता हूं। पहले टेस्ट में जब हमने तीन विकेट सस्ते में गंवा दिए तो तब हमें जरूरत भागीदारी करने की थी और मैंने और शुभमन गिल ने दूसरी पारी में यही किया। मेरा मानना है जब किसी ऐसे खिलाड़ी के साथ बल्लेबाजी करते हैं जिससे की मैदान से बाहर भी आपके रिश्ते बहुत बढ़िया तो बहुत मदद मिलती है। मैदान पर मैं हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करता हूं।‘

ऋषभ पंत ने कहा, ‘मैं मैदान पर उतर कर हमेशा नर्वस होता हूं। मैं ही नहीं कोई भी जब भारत के लिए खेलता है तो नर्वस होता हैं। चेन्नै में तो मैं चोट से उबरने कर करीब दो बरस बाद टेस्ट खेल रहा था और मेरा नर्वस होना स्वाभाविक था। जब मैंने पहले टेस्ट के तीसरे दिन अपना शतक पूरा किया तो मैंने बहुत राहत महसूस की। जब मैंने 100 रन पूरे कर लिए तो तब तक कप्तान रोहित (शर्मा) भाई का संदेश आ चुका था कि जो करना जल्द कर लो। मैंने इसीलिए शतक पूरा करने के बाद तेज बल्लेबाजी की शायद 150 रन बन जाए। जहां तक मेरे एक हाथ से शॉट खेलने की बात तो इस बाबत बस यही कहूंगा कि मेरी कोशिश अपना संतुलन बनाए रख कर शरीर का पूरा जोर उस पर लगा कर इसे खेलने की रहती है। जहां तक मेरे अब पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने की बात है तो इस बाबत मैंने कप्तान रोहित शर्मा से बात की और उन्हें बताया कि पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने से मेरे पास बजाय पुच्छल्ले बल्लेबाज के साथ छठे नंबर पर खेलने से टीम के लिए बड़ी पारी खेलने का मौका होता है। मुझे इसीलिए बांग्लादेश के खिलाफ दोनों पारियों में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजना कारगर रहा। कार दुर्घटना के बाद दूसरा जीवन मिलने पर नौजवानों के लिए मेरा संदेश बस यही है कि जिंदगी का लुत्फ उठाओ लेकिन लापरवाही से बचो।‘