“शिखर पर्व” का समापन : जीवन चक्र से जुड़ी दार्शनिक नृत्य प्रस्तुति

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जयपुर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की उपस्थिति में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित “शिखर पर्व” का राजभवन में समापन हुआ। तीसरे दिन ‘लास्य दक्षिण’ में विख्यात नृत्यांगना जया प्रभा मेनन ने केरल के लोकप्रिय अर्ध शास्त्रीय नृत्य मोहिनी अट्टम की चित्ताकर्षक प्रस्तुतियों से ‘शिखर पर्व’ को परवान चढ़ाया।

जया प्रभा ने आरम्भ में गणेश लीला को अपने नृत्य में जीवंत किया। बाद में सामूहिक नृत्य प्रस्तुति में नाग तत्व में शिव के नागेश्वर स्वरूप की मोहक भाव व्यंजना की। उनके नृत्य में लय-ताल संग मुद्राओं का संयोजन मन को रंजित करने वाला था।

जया प्रभा के ‘लास्य दक्षिण’ का लुभाने वाला महत्वपूर्ण पक्ष था, उनके द्वारा प्रस्तुत मोहिनी अट्टम ‘अष्टपदी’ नृत्य। जयदेव रचित गीत गोविंद से जुड़ी इस रचना में राधा-कृष्ण के अलौकिक प्रेम, रास लीलाओं को उन्होंने साथी कलाकारों संग अपनी विरल भाव भंगिमाओं से नृत्य में साकार किया।

इससे उपरान्त सामूहिक नृत्य प्रस्तुति में जीवन चक्र से जुड़ी दार्शनिक नृत्य प्रस्तुति भी प्रभावित करने वाली थी इसमें लय ताल के साथ मनुष्य जीवन में उतार-चढ़ाव को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया।

राज्यपाल श्री मिश्र, राज्य की प्रथम महिला श्रीमती सत्यवती मिश्र सहित उनके परिजनों, सिरोही के पूर्व महाराजा पद्मश्री श्री रघुवीर सिंह देवड़ा, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्दराम जायसवाल, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता, उपखंड अधिकारी श्री कनिष्क कटारिया सहित अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन ने सुंदर नृत्य प्रस्तुतियों को देखा।