जामा मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू जागरण मंच खटखटाएगा कोर्ट का दरवाजा

Hindu Jagran Manch will knock on the court's door regarding Jama Masjid dispute

रविवार दिल्ली नेटवर्क

  • जामा मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू जागरण मंच खटखटाएगा कोर्ट का दरवाजा
  • क्षितिज सूद कहा- प्रशासन पर रेवेन्यू रिकॉर्ड में छेड़छाड़ लगाया आरोप
  • बंगालदेशी रोहिंग्या मुस्लिम न केबल स्नातन धर्म देश के लिए भी बड़ा खतरा

कुल्लू : कुल्लू जिला मुख्यालय में आखाड़ा बाजार जामा मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू जागरण मंच और विभिन्न हिंदु स्ंगठनों के लोगों ने डीसी कुल्लू कार्यालय से प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की इस दौरान प्रशासन की तरफ जामा मस्जिद आखाड़ा बाजार की जमीन को रेनेन्यू का रिकॉड नहीं दिखाए गए जिसके बाद हिंदू जागरण मंच और हिंदू संगठन के लोग प्रशासन की बात से संतुष्ठ नहीं हुए। जिसके बाद अब हिंदु जागरण मंच ने इस मामले में कोर्ट में लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।

साथ हिंदू जागरण मंच ने बंगादेशी रोहिंग्या मुस्लिम को स्नातन हीं नहीं देश के लिए खतरा बताया है और सरकार से बंगलादेशी रोहिंग्य मुस्लिम के फर्जी आधार कार्ड दस्तावेज बनाकर सुनियोजित तरीके से देवभूमि हिमाचल में दस्तक दे रहे है और यहां के स्थानीय लोगों के कारोबार पर कब्जा करने के लिए 50 हजार रूपये दुकान का 3 लाख किराया दे रहे है और बाहरी विदेशी ताकतों के द्वारा फंडिंग कर हिमाचल की डेमोग्राफी बदलने की सुनियोजित तरीके से प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए हिंदू जागरण मंच ने सरकार से जांच की मांग की है।

हिंदू जागरण मंच के महासचिव क्षितिज सूद ने कहा कि डीसी कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक हुई उन्होंने कहा कि बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों ने अराजपत्र का हवाला देखकर मस्जिद की जमीन फाटी वादी दिखाकर बोर्ड पंजाब के नाम बताया है उन्होंने कहा कि रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेवेन्यू रिकॉर्ड में क्यों नहीं चढ़ाया गया उन्होंने कहा कि जब रेवेन्यू रिकॉर्ड मुसाबी लट्ठा देखा तो उसमें यह जमीन फाटी वादी है जो खादी ग्रामोद्योग काश्तकार है उन्होंने कहा कि प्रशासन बक्व बोर्ड का बात कर किसी एक पक्ष की पर भी कर रहा है

उन्होंने कहा कि रेवेन्यू रिकॉर्ड के साथ भी छेड़छाड़ की जा रही है उन्होंने कहा कि इसी तरह का मामला गुजरात सोमनाथ मंदिर के पास भी वक्त बोर्ड की जमीन 102 एकड़ जमीन बात कर अवैध कब्जा किया था उन्होंने कहा कि अब गुजरात सरकार वहां से उसको भी हटा रहा है। उन्होंने कहा कि बेट द्वारिका में कृष्ण की नगरी में बेट द्वारिका को भी यह क्लेम कर रहे हैं कि बक्व बोर्ड का कब्ज बता रहे हैं उन्होंने कहा कि ऐसे में बक्व बोर्ड के इतिहास से हजारों साल पुराना सोमनाथ मंदिर और कृष्ण द्वारिका का इतिहास है।यह मुस्लिम समुदाय के लोगों को समझना होगा।उन्होने कहाकि सरकार को बक्व बोर्ड को निरस्त करना चाहिए ताकि जमीनी जिद्दाद देश से समाप्त हो सके।

स्थानीय निवासी अमन सिंह सूद ने कहा कि हिंदू जागरण मंच के द्वारा इससे पहले 14 सितंबर को भी प्रोटेस्ट किया गया था उन्होंने कहा कि अखाड़ा बाजार जामा मस्जिद को लेकर जांच की जाए अगर यह अवैध है तो इसको आ जाए उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों में प्रशासन की तरफ से हमें कोई भी कागज नहीं दिखाए गए लेकिन पिछले कल जिस प्रकार एसडीएम कुल्लू के द्वारा जो बयान दिया गया कि यह जमीन आजादी से पहले की है और पंजाब बका बोर्ड के पास कब्जा है उन्होंने कहा कि हमारे पास जो कागज है वह साफ दर्शाते हैं कि यह मस्जिद फाटी वादी है ।उन्होंने कहा कि प्रशासन के द्वारा यह जमीन बक्व व बोर्ड के नाम करने की कोशिश की तो हम उसका विरोध करते हैं।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार संयोजित तरीके हिमाचल की डेमोक्रेसी को बदलने के लिए बांग्लादेश से रोहिंग्या मुसलमान को जमा मस्जिद में पनाह देकर उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर कराया जा रहा है।उन्होंने कहा कि यह विशेष समुदाय के लोग गांव में जाकर फेरी लगाकर सामान बेचते हैं उन्होंने कहा कि यह सूची समझी साजिश के तहत बड़ी संख्या में बांग्लादेश से यहां पर मस्जिदों में ठहराए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि कुल्लू जिला पर 60% से अधिक दुकान विशेष समुदाय के लोगों के पास है और वह 50000 रुपए के किराए को ₹300000 किराया देखकर दुकान ले रहे हैं इससे साफ जाहिर होता है कि हर महीने उनको नुकसान हो रहा है लेकिन उनको फंडिंग कहां से हो रही है इसकी भी सरकार जांच करें

उन्होंने कहा कि विशेष समुदाय के लोग किस मकसद से हिमाचल प्रदेश में आ रहे हैं और यहां पर फर्जी आधार कार्ड कौन इनको सपोर्ट कर रहा है इसकी भी जांच सरकार को करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से रोहिंग्या मुसलमान न केवल सनातन धर्म के लिए खतरा है बल्कि देश के लिए भी खतरा है।

हिंदू जागरण मंच के सदस्य यशपाल शर्मा ने कहा कि प्रशासन की तरफ से हमें अराजपत्र दिख रहे हैं और वह आजादी का पहले का है तो वह हिंदी भाषा में क्यों है उन्होंने कहा कि आजादी से पहले तो उर्दू भाषा का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन प्रशासन की तरफ से रेवेन्यू रिकॉर्ड को लेकर भी छेड़छाड़ की जा रही है।

स्थानीय निवासी दिगंबर राणा ने कहा कि जिस प्रकार डीसी ऑफिस से पत्रकारों को बाहर किया गया उसके बाद जिस प्रकार प्रशासन की तरफ से स्टेटमेंट दी गई वो गोलमोल स्टेटमेंट दी गई और प्रशासन के पास कोई ऑथेंटिक रेवेन्यू रिकॉर्ड नहीं है और ऐसे में जो प्रशासन के नाइव तहसीलदार है वह यह कह रहे हैं कि उनके पास ऐसा प्रोविजन है फाटी वादी की जमीन को किसी के नाम से भी कर सकता हूं और आज तक कल्लू में बंदोबस्त हुआ नहीं तो यह नायब तहसीलदार से 2024 की एंट्री दिख रहा है और मस्जिद का खसरा नंबर क्या है और उसको लेकर कोई रेवेन्यू में रिकॉर्ड नहीं है उसके बावजूद प्रशासन इसको लेकर छेड़छाड़ क्यों कर रहा है।