भजन लाल की भाजपा सरकार इन दिनों हैं पशोपेश में, कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को संतुष्ठ करना टेढी खीर हैं!

Bhajan Lal's BJP government is in a dilemma these days, it is difficult to satisfy Cabinet Minister Dr. Kirori Lal Meena!

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान में कांग्रेस के पिछले शासन में पूरे पांच साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मध्य टकराहट के कारण कांग्रेस के विभिन्न गुटों में खेमेबंदी दिखी और इस संघर्ष का परिणाम यह रहा कि कांग्रेस को प्रदेश में सत्ता से हाथ धोना पड़ा। इसी प्रकार का दृश्य इन दिनों भाजपा की राजस्थान सरकार के नेताओं में भी देखा जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को किनारे करने से उनके समर्थक पहले ही भजन लाल सरकार से खुश नहीं है और इधर भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा पिछले दस महीनों से अलग भी भूमिका में नजर आ रहे हैं।

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान में अपनी पार्टी भाजपा के उम्मीदवारों की हार के बाद से ही नैतिकता के नाम पर उन्होंने अपना इस्तीफा भी दे रखा है जो कि आज तक मंजूर नही हुआ है। किरोड़ी लाल मीणा जिस तरह के मुद्दे उठाते हैं और जिस तरह से अपनी ही सरकार को घेरते हैं। उससे लगता नहीं कि वे सत्तारूढ पार्टी के नेता या कोई मंत्री हैं। मंत्री के बजाय वे किसी सामाजिक कार्यकर्ता या आरटीआई एक्टिविस्ट की तरह अधिक लग रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने डिंपल मीणा हत्याकांड को लेकर सरकार को पत्र लिखा कि इस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए। हालांकि पुलिस मामले की जांच करके खुलासा कर चुकी और डिंपल की मां सहित परिवार वालों को ही दोषी मान चुकी है। इसके बावजूद भी डॉ. मीणा पुलिस की जांच से संतुष्ठ नहीं हैं। वे सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को लेकर कई बार अपनी ही पार्टी की सरकार के मुखिया से कह चुके हैं कि एसआई भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर गड़बड़िया हुई है।

जिस तरह से डॉ.मीणा सरकार में होते हुए बड़े बड़े मुद्दे उठा रहे हैं और पूर्व के मामलों में हुए बड़े घोटालों और भर्ती परीक्षाओं की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। उन्हें लेकर भाजपा सरकार गहरे पशोपेश में है। भाजपा सरकार समझ नहीं पा रही है कि वे कैसे इन मामलों की जांच कराए और डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को संतुष्ठ करे। डिंपल मीणा हत्याकांड मामले में पुलिस खुलासा कर चुकी। डिंपल की मां को ही हत्या का जिम्मेदार मानते हुए चालान पेश किया गया। पुलिस तमाम सबूत डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के समक्ष भी रख चुकी है। अब सरकार यह तय नहीं कर पा रही कि वे डॉ. मीणा को कैसे राजी करे।

किरोड़ीलाल मीणा ने अब बड़े मुद्दे उठाकर सरकार को चिंता में डाल दिया है। उन्होंने आरएएस भर्ती 2018 और आरएएस भर्ती 2021 में हुई गड़बड़ियों को लेकर कई तथ्य सरकार के सामने रखे हैं। डॉ.मीणा का दावा है कि आरएएस भर्ती 2018 का पेपर लीक हुआ था। इस भर्ती में टॉप करने वाले को मेन्स एग्जाम से 7 दिन पहले ही पेपर दे दिया गया था। ना केवल टॉपर बल्कि अन्य कई अभ्यर्थियों को राजनैतिक दबाव के चलते और रुपए लेकर फर्जी तरीके से नंबर बढ़ाए गए। डॉ. मीणा का दावा है कि दर्जनों अयोग्य अभ्यर्थियों का आरएएस भर्ती में चयन कराया गया और योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। डॉ. मीणा ने आरएएस भर्ती 2018 और आरएएस भर्ती 2021 से जुड़े कई तथ्य सरकार को दिए और सीबीआई जांच की मांग की। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक डॉ.मीणा की मांग पर कोई निर्णय नहीं किया गया है।

डॉ मीणा ने आरपीएससी के तीन पूर्व चैयरमेन दीपक उप्रेती, शिव सिंह राठौड़ और संजय श्रोत्रिय पर सीधे आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इन तीनों के कार्यकाल में ही आरएएस भर्ती 2018 और 2021 का आयोजन किया गया था। इन तीनों पूर्व अध्यक्षों की मिलीभगत से ही पेपर लीक किए गए। खाली छोड़ी गई उत्तर पुस्तिकाओं में उत्तर लिखवाए गए, दोबारा कॉपी जांचने के बहाने फर्जी तरीके से नंबर बढाए गए। जो प्रश्न अभ्यर्थी की ओर से छोड़ दिए गए, उन प्रश्नों में भी पूरे नंबर दिए गए और कॉपियां जांचने के दौरान जान बूझकर सीसीटीवी कैमरे बंद किए गए। साथ ही इंटरव्यू में भी अयोग्य अभ्यर्थियों को ज्यादा नंबर दिए गए। डॉ.मीणा ने इस मुद्दे को लेकर सीबीआई जांच की मांग तो कर दी लेकिन क्या भजनलाल सरकार डॉ. मीणा की इस मांग को मान पाएगी। सियासी गलियारों में ऐसी चर्चाएं हैं कि डॉ. मीणा की इन मांगों के मानने और नहीं मानने से पता चल जाएगा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हे लेकर कितना गंभीर है।

हालांकि हाल ही भजन लाल मंत्रिमंडल की बैठक में डॉ मीणा ने भाग लिया था लेकिन बताते है कि उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक में इन सभी मुद्दों को उठा कर सरकार को फिर से धर्म संकट में डाल दिया। मंत्रिमंडल की बैठक के उन्होंने फिर से दोहराया कि वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ के निर्देश पर बैठक में गए थे लेकिन उन्होंने पुनः मुख्यमंत्री जी से इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि डॉ मीणा के बार बार अपनी ही सरकार के विरोधी बयान देने से आने वाले विधानसभा उप चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 जैसे बड़े आयोजन से पहले भजन लाल सरकार के लिए इस राजनीतिक संकट को सुलझाना एक टेड़ी खीर साबित हो रहा है।

डॉ.मीणा को लेकर प्रतिपक्ष कांग्रेस भाजपा पर बहुत आक्रामक हो रही है और उनके इस्तीफे को लेकर जनता के मध्य उत्पन्न भ्रम की स्थिति को स्पष्ट करने की मांग कर रही है। देखना है अब भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा डॉ. मीणा को लेकर क्या फैसला करते है?