- एशियन चैंपियंस ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट प्रोसेस के साथ प्रोगेस को जानने का मौका
- हमारी महिला हॉकी टीम नौजवान और अनुभवी खिलाड़ियों का एक अच्छा मिश्रण
- निरंतर जीत के लिए हमें अटैकिंग और डिफेंसिव स्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत
- अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में कामयाबी के लिए कौशल के साथ फिटनेस सबसे अहम
- दुनिया की शीर्ष टीमों के खिलाफ जितना ज्यादा खेलेंगे उतना ही बेहतर
- एचआईएल से सीखेंगी जमाने की हॉकी से कदमताल करना
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : हरेन्द्र सिंह भारत के ऐसे सबसे कामयाब ऐसे खालिस देसी कोच हैं जो अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में बतौर कोच अपनी पहचान बना चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में भारत की सीनियर और जूनियर पुरुष और महिला हॉकी टीमें खासी कामयाब रही हैं। हरेन्द्र ने अमेरिका के हेड हॉकी कोच के रूप में अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद से फिर से भारत की सीनियर महिला हॉकी टीम के चीफ कोच की कमान संभाल ली है। करीब डेढ़ दशक तक अलग अलग भारतीय हॉकी टीमों के कोच रहते हुए उन्होंने देश की हॉकी प्रतिभाओं को तलाशने और समझने के साथ तराशा भी है।प्रस्तुत है बेंगलुरू से फोन पर चीफ कोच हरे्न्द्र से भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए भविष्य के रोडमैप और आने वाली चुनौतियों पर ravivardelhi.com की खास मुलाकात।
हरेन्द्र सिंह ने दूसरी बार भारतीय महिला हॉकी टीम के चीफ कोच की जिम्मेदारी संभालने पर कहा, ‘हमारी महिला हॉकी टीम लिए पेरिस ओलंपिक के क्वॉलिफाई न करने की निराशा को भुला कर आगे बढ़ चुकी है। मैंने अपनी भारतीय टीम की लड़कियों से यही कहा है जो बीत गया, सो अतीत है। अब हमारे लिए बड़ा लक्ष्य है आने वाला 2028 के लॉस एंजेल्स ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करना और इसके लिए प्रोसेस बहुत अहम है। हमारे लिए अगले महीने होने वाली महिला एशियन चैंपियन ट्रॉफी , फिर भारत में 2025 में फरवरी में एफआईएच महिला हॉकी प्रो लीग और 2026 में होने वाल एशियाई खेल, महिला विश्व कप है, जो हमें यह जानने का मौका देंगे कि प्रोसेस के साथ हमने कितनी प्राोगेस की है। 2025में एफआईएच प्रो लीग, राष्ट्रमंडल खेल ये जानने का मौका होगा कि हमने प्रोसेस में कितनी प्रोग्रेस की है। इन सभी बड़े टूर्नामेंट में हम जितना ज्यादा दुनिया की शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलेंगे उतना ही हमारा खेल बेहतर होता है और हम खुद को इन सभी के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकेंगे। हमारे लिए आने वाला हर टूर्नामेट सीखने और अपना खेल निरंतर करने का मंच और मौका है।2024 के ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन की महिला टीम भी अब 11से 20 नवंबर तक राजगीर(बिहार) में एशियन चैंपियंस हॉकी में खेलने आएगी और इसमें हमें उसके खिलाफ खेलने से उसे आंकने और खुद को 2026के आईची (जापान) में एशियाई खेलों, बेल्जियम व नीदरलैंड महिला विश्व कप के लिए तैयार करने का मौका मिलेगा। हमारी महिला हॉकी टीम नौजवान और अनुभवी खिलाड़ियों का एक अच्छा मिश्रण है। चीन की महिला टीम ने ओलंपिक के लिए खुद को तैयार करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में जाकर उसके खिलाफ मैच खेले औा खुद को बढ़िया ढंग से तैयार किया और नतीजा उनकी कामयाबी के रूप में सबके सामने हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी टीम की सभी लड़कियों को सबसे पहले यह समझाया है कि अतर्राष्ट्रीय हॉकी में कामयाबी के लिए हॉकी कौशल के साथ सबसे अहम है फिटनेस। अंतर्राष्ट्रीय हॉकी आज इतनी तेज रफ्तार से खेली जा रही है कि जरा सी कमतर फिटनेस खिलाड़ी के लिए बड़ी बाधा बन सकती है। हमें यूरोपीय टीमों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह फिट रहने की जरूरत होगी। हम अपनी कोर ग्रुप की 40 खिलाड़ियों में सभी को मौका देना चाहते हैं। हमारी कोशिश चोट के बाद उसका इलाज करने की बजाय इस चीज का इलाज करने की चोट लगे ही नहीं। हमें निरंतर जीत की आदत डालनी है तो हमें अटैकिंग और डिफेंसिव स्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत है। हमारी लड़कियों को डी के भीतर अपनी निशानेबाजी करने और यह सोचने की क्षमता बेहतर करने की जरूरत है कि कब डी में निशाना लगा गोल किया जाए अथवा पेनल्टी कॉर्नर बनाया जाए। हमारी लड़कियों के पास हॉकी कौशल है और इसके साथ यदि फिटनेस भी बेहतरीन हो जाए तो फिर उन्हें रोकना दुनिया की प्रतिद्वंद्वी टीमों के लिए ज्यादा मुश्किल हो जाएगा। हमारी टीम में आपस में टीम में जगह पाने के लिए जितनी कड़ी प्रतिद्वंद्विता होगी यह टीम और खिलाड़ियों के लिए उतना ही बेहतर होगा। हमारी लड़कियों की सही समय पर डी में शॉट लगाने की क्षमता बेहतर होगी उतना ही हमारी भारतीय टीम के लिए बेहतर होगा। अब हॉकी इंडिया द्वारा 2024-25 हॉकी इंडिया लीग (एचआईएच) में लड़कियों की भी छह टीमों की लीग शुरू करना महिला हॉकी के लिए बड़ा क्रांतिकारी कदम हो सकता है। एचआईएल में जब हमारी जूनियर और सीनियर लड़कियां दुनिया की शीर्ष टीमों की लड़कियों के साथ और खिलाफ अलग अलग कोचों के मार्गदर्शन में खेलेंगी तो नए जमाने की हॉकी से कदमताल करने के लिए जो भी अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में नया हो रहा है उसे सीखना भारतीय हॉकी टीम के भविष्य में बहुत कारगर साबित होगा।‘