दर्शकों को भाव विभोर कर गया सीता की खोज और लंका दहन का मंचन

रविवार दिल्ली नेटवर्क

अयोध्या : रामनगरी अयोध्या चल रही फिल्मी सितारों की रामलीला के साथ-साथ पारंपरिक रामलीला का भी आयोजन किया जा रहा है। जहां फिल्मी कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकार भी अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं. फ़िल्मी सितारों की रामलीला के सांतवे दिन मुख्य अतिथि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दीप प्रज्वलित किया. इसके बाद गणेश वंदना के साथ प्रारंभ हुई इस लीला के अगले चरण में सीता खोज से लेकर लंका दहन लीला का मंचन किया,रामायण आधारित इस मंचन को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे और कलाकारों की एक-एक प्रस्तुति पर मंत्र मुक्त भी होते रहे।

सीता की खोज करने के लिए हनुमान जी को समुद्र पार कर लंका जाना है। उसी समय बानर सेना हनुमान जी को बचपन की बाते याद दिलाते हैं कि किस तरह मुंह में सूरज को दबाया था। यह सुनते ही हनुमान जी को अपना बल याद आ जाता है और समुद्र को लांघ कर लंका में प्रवेश कर जाते हैं। ज़हां पर हनुमान जी सीता माता की खोज करते हैं। हनुमान जी अशोक वाटिका में पहुंचते हैं और हनुमान जी पेड़ से श्रीराम जी की दी गई अंगूठी सीता जी के पास डाल देते हैं। जिसे देख सीता जी रोते हुए संदेश देने को कहती हैं, तब हनुमान जी ने पेड़ से उतरकर माता के चरणों में प्रणाम कर सारा वृतांत सुनाया।तभी माली ने रावण को अशोक वाटिका उजड़ने की सूचना दिया,जहां पर रावण ने अपने पुत्र अक्षय को वानर को बंधक वना पकड़ने को कहा। रावण हनुमान जी की पूछ में आग लगावा देते हैं। इस पर हनुमान पूरी लंका में आग लगा देते हैं। लंका दहन का मंचन देख पंडाल में बैठे भक्त राम व हनुमान जी के जयकारे लगाने लगे।

रामलीला मंचन के माध्यम से उपस्थित दर्शक अपने आराध्य भगवान श्री राम के जीवन से जहां एक तरफ परिचित हो रहे हैं,तो वहीं उन्हें प्रेरणा भी मिल रही है। मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि वैसे तो इस अयोध्या में दो स्थानों पर प्रमुख रामलीला का आयोजन होता है.फिल्मी सितारों की रामलीला बीते 4 वर्षों से प्रारंभ हुई और इस रामलीला में योग्यतम् पात्र निभाने में दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और कुछ उत्तर प्रदेश के भी पात्र हैं. ऐसे पात्रों को इकट्ठा कर उनका अभ्यास करना बहुत कठिन कार्य है.आयोजकों का यह एक अच्छा प्रयास है. वही कहा कि शहर से दूर होने के बावजूद यहां पर इस रामलीला को देखने वालों की संख्या अधिक है। जो समाज में भगवान राम की एक लोकप्रियता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि फिल्मों में काम करने वाला हो या कोई भी और हो,राम की भूमिका निभाता है,तो वह अच्छे संस्कार ग्रहण कर लेता है।