रविवार दिल्ली नेटवर्क
सहरसा : कोशी तटबन्ध के अंदर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण कर पीड़ित परिवारों के बीच बिहार सरकार के मद्य निषेध एवं निबंधन मंत्री रत्नेश सादा ने सूखा राशन वितरित कर उनकी पीड़ा कम करने का प्रयास किया। वहीं पीड़ितों के सहायतार्थ चलाये जा रहे राहत कैम्पों का निरीक्षण किया। मौके पर मंत्री ने कहा कि अचानक आई प्राकृतिक आपदा से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। जबकि आपदा आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने कमान सम्हाला और सरकारी तंत्र को तत्काल मुस्तैद कर बचाव कार्य शुरू कर दिया। फिर बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने का कार्य भी युद्ध स्तर पर शुरू करवाया।
कोशी के जलस्तर में कमी आने के बाद बाढ़ पीड़ितों के बीच होने वाली संभावित बीमारियों को लेकर प्रभावित क्षेत्र में जगह जगह मेडिकल कैम्प लगाकर पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है। इस प्राकृतिक आपदा से जिले के पांच प्रखण्ड प्रभावित हुए। इन इलाकों में कुल 13 मेडिकल कैम्प लगवाया गये है। जहाँ बाढ़ से संबंधित बीमारियों का इलाज चिकित्सकों द्वारा किया जाता है।वहीं साथ मे मौजूद एएनएम एवं पारा मेडीकल टीम के द्वारा दवाइयों का वितरण भी किया जा रहा है। नवहट्टा के E2 घाट महिषी के बहरामपुर,गंडोल, जलई सहित प्रभावित क्षेत्र में 13 मेडिकल कैम्प कार्य कर रहा है। वहीं इस सुविधा का लाभ जहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग उठा रहे है वहीं चिकित्सा व्यवस्था पर संतोष भी व्यक्त कर रहे है।
लड़की पशुओं के स्वास्थ्य के देखभाल के लिए मोबाइल वैन को लगाया गया है जो विभिन्न जगहों पर जाकर पशुपालकों से मिलकर पशुजनित बीमारियों की जानकारी हासिल कर समुचित इलाज कर उचित दवा भी निःशुल्क उपलब्ध करवा रहे है।
बिहार सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के सेवा के लिए पूरी तरह तत्पर है।विभिन्न सुविधाओं के अलावे पीड़ित परिवारों के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा है बल्कि उनके पशुओं के स्वास्थ्य का भी निः शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाया गया है। जिसका भरपूर लाभ लोगों को मिल रहा है। वहीं बाढ़ पीड़ितों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए खुद सरकार के नुमाइंदा पीड़ित इलाकों में पहुंचकर जायजा लेते रहते है।