मैं अपनी टीम में नि:स्वार्थ क्रिकेटरों को रखना चाहता हूं: सूर्य कुमार यादव

I want to have selfless cricketers in my team: Surya Kumar Yadav

  • हम नि:स्वार्थ टीम बन एक दूसरे के प्रदर्शन का लुत्फ उठाना चाहते हैं
  • हमारे बल्लेबाजों और गेंदबाजों का लचीलापन सराहनीय है

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : कप्तान सूर्य कुमार यादव खुद के तूफानी अर्द्धशतक और विकेटकीपर सलामी बल्लेबाज संजू सैमसन के आतिशी शतक की बदौलत भारत ने बांग्लादेश से तीन टी 20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की सीरीज का हैदराबाद में शनिवार रात आखिरी मैच भी 133 रन से जीत 3-0से सफाया कर दिया। नए चीफ कोच गौतम गंभीर और कप्तान सूर्य कुमार की जोड़ी ने अपने मागदर्शन में भारत को लगातार दूसरी टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज जिताई।

संजू सैमसन (111 रन, 47 गेंद,8 छक्के, 11 चौकश )ने बेखौफ और नि:स्वार्थ क्रिकेट खेल तीसरे और अंतिम टी 20 अतर्राष्ट्रीय् मैच में विस्फोटक शतक जड़ने के साथ कप्तान सूर्य (75 रन, 35 गेंद, 8छक्के, पांच चौके ) के साथ दूसरे विकेट के लिए 70 गेंदों में 173 रन की बेशकीमती भागीदारी कर पहले बल्लेबाजी करने वाली भारतीय टीम को निर्धारित 20 ओवर में छह विकेट पर 297 रन के विशाल स्कोर तक पहुंचाया।भारत ने 232 रन चौकों और छक्कों की मदद से बनाए। लेग स्पिनर रबि बिश्नोई (3/30) और रफ्तार के सौदागर मयंक यादव (2 /32) ने आपस में पांच विकेट आपस में बांट लिटन दास(42 रन, 25 गेंद, आठ चौके) और तौहीद हृदय (63 रन, 42 गेंद, तीन छक्के पांच चौके) की बढ़िय भागीदारी के बावजूद को 20 ओवर में सात विकेट पर रोक कर भारती को तीसरा और अंतिम टी 20 जिताने के साथ सीरीज भी जित दी। भारत के चीफ कोच गौतम गभीर और कप्तान सूर्य की इस टी 20 सीरीज में नि:स्वार्थ खेलने वाली टीम तैयार करने की हसरत पूरी हो गइ। शनिवार को संजू सैमसन ने भारतीय टीम के नि:स्वार्थ और बेखौफ क्रिकेट खेल की बानगी दिखाई। संजू ने पारी के भारी की पारी के दसवें ओवर में लेग स्पिनर रिशाद हुसैन की गेंदों पर लगातार पांच छक्के जड़े 35 गेंदों में 92 रन पूरे किए और जब उनका खुद का स्कोर 96 रन तब मेहदी हसन की गेंद पर छक्का जड़ा 40 गेंदों में अपना शतक पूरा किया जो कि टी 20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी भारतीय द्वारा जड़ा दूसरा सबसे तेज शतक है।

भारत के तीसरा व अंतिम टी 20 जीतने के साथ 3-0 से सीरीज जीतने के बाद कप्तान सूर्य कुमार यादव ने कहा, ‘ मेरा मानना है कि हमने बतौर टीम बहुत कुछ हासिल किया। मैंने इस टी 20 सीरीज के शुरू से पहले कहा था कि मैं अपनी टीम नि:स्वार्थ क्रिकेटरों को रखना चाहता हूं। हम नि:स्वार्थ टीम बन एक दूसरे के प्रदर्शन का लुत्फ उठाना चाहते हैं। हमारी टीम यह सौहार्द हम यह साफ दिखाई दे रहा है। गौती (चीफ कोच गौतम गंभीर) भाई ने भी बांग्लादेश के खिलाफ इस सीरीज के शुरू होने से पहले यही बात कही थी टीम टीम से बड़ा कोई नहीं है। आप चाहे 49 पर हैं यह 99 रन पर आपको गेंद को मैदान के बाहर मारना ही होगा और संजू सैमसन ने शनिवार रात यही किया। जब बल्लेबाजी और गेंदबाजी की बात आती है तो हमें बहुत लचीला होना होगा। हर किसी को कुछ ओवर में गेंद से योगदान कर विकेट चटकाने होंगे औार बल्लेबाजों को भी लचीला होना होगा। इस टी 20 सीरीज में हमारे बल्लेबाजों और गेंदबाजों का लचीलापन सराहनीय है। हमें मैदान पर जीत की इस आदत को अच्छी आदतों को बनाए रखने की जरूरत है। हमारी टीम में आपस में बस चर्चा ही बस इसी तरह नि:स्वार्थ हो अपने लिए बल्कि टीम के रूप में खेलने को लेकर होती है।

कप्तान व चीफ कोच की खुल कर खेलने की आजादी शानदार है: हार्दिक पांडया
‘हमारे कप्तान( सूर्य कुमार यादव) और चीफ कोच (गौतम गंभीर) ने हमें जिस तरह खुल कर खेलने की आजादी है वह पूरी टीम के लिए शानदार है। अंतत: अहम यही है आप खुल कर खेले और उसका पूरा लुत्फ उठा अपना सर्वश्रेष्ठ दें। ड्रेसिंग रूम में आप सब जब एक दूसरे की कामयाब का आनंद लेते हैं तो आप और बेहतर करने की कोशिश कदते हैं। शारीरिक रूप से मैं पूरी तरह फिट हूं और भगवान बहुत दयालु हैं और हमेशा आगे हैं मेरी मदद करते हैं।अच्छे दिन हों या बुरे दिन, प्रक्रिया जारी है और कुछ नही बदलता है। मेरा मानना है कि मैंने कवर के उपर से आखिरी ओवर में जैसा शॉट खेला ऐसे शॉट अक्सर नहीं लगते हैं लेकिन जब ऐसे शॉट लगते हैं तो आत्मविश्वास बहुत बढ़ता है।’
हार्दिक पांडया , मैन ऑफ द’ सीरीज

‘मैं जानता हूं अपनी नाकामियों से कैसे निपटना है’
‘मैं अपने बढ़िया प्रदर्शन से बेहद खुश हूं। यह जानकार निराशा होती है कि आप क्या कर सकते हैं। मैंने इतने सारे मैच खेल कर भी यह महसूस किया कि मैं और बेहतर कर सकता हूं। मैं जानता हूं अपनी नाकामियों से कैसे निपटना है क्योंकि मैं बहुत नाकाम रह चुका हूं। मेरा फोकस प्रोसेस पर है और मैं जानता हूं मैं बेहतर प्रदर्शन कर सकता हूं। जब देश के लिए खेलने का दबाव था पर मैं बढ़िया प्रदर्शन कर दिखाना चाहता था । मैं बेसिक्स पर काबिज रह कर एक समय केवल एक गेंद खेलना चाहता था। हमारे टीम नेतृत्व ने कहा कि चाहे जो कुछ हो मेरा साथ उन्होंने यह कहा ही नही बल्कि दिखाया। पिछली सीरीज में मैं दो बार शून्य पर आउट हुआ और यह सोचते सोचते केरल लौट गया कि क्या होगा और अब मैं यहां हूं। मेरे मेंटर ने मुझसे कहा कि तुम्हें एक ओवर में छह छक्के जड़ने हैं और इसका इंतजार था और शनिवार को यह हुआ।’
-संजू सैमसन, मैन ऑफ द’ मैच