अरुण कुमार चौबे
भाजपा ने घोषणा की है कि सन1955 से पहले भाजपा के जिन सांसद या नेता का जन्म हुआ है उन्हें आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशी नहीं बनाएगी.भाजपा अपने निष्ठावान और अनुशासित कार्यकर्ताओं के कारण एक बहुत मजबूत राजनीतिक दल है इस पार्टी का नेता चाहे किसी भी पद पर हो वह पहले पार्टी का सामान्य कार्यकरता है उसके बाद उसके लिए पद का महत्व है हमारे देश के प्रधानमंत्री भी अपने आप को प्रधानमंत्री बाद में और कार्यकर्ता पहले निरूपित करते हैं पार्टी के नियम और अनुशासन को पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता सिर झुका कर मानता है और लगातार पार्टी के लिए काम करता है यदि पार्टी का यह नियम मान लिया जाए तो सबसे पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को ही अगले चुनाव में अपने आप को पीछे करना होगा और पार्टी के किसी भी योग्य कार्य कार्यकर्ता का नाम आगे बढ़ाना होगा ताकि एक दशक के बाद भाजपा देश को नया प्रधानमंत्री दे सके भाजपा में प्रधानमंत्री बनने योग्य लोगों की कमी नहीं है श्री राजनाथ सिंह श्री नितिन गडकरी शिवराज सिंह चौहान और योगी आदित्यनाथ जैसे अनुभवी व्यक्तित्व देश के प्रधानमंत्री का पद संभाल सकते हैं देश का सफल राजकाज भी चला सकते हैं भाजपा को इन लोगों को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए यदि भाजपा इन्हें मौका नहीं देती है प्रधानमंत्री बनने के लिए पहल नहीं करती है तो शायद इनके पास प्रधानमंत्री बनने के लिए अगला जन्म लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा ऐसे भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी को चाहिए कि नरेंद्र मोदी को पार्टी आलाकमान निर्देशित करें कि वह खुद प्रधानमंत्री पद के लिए नया नाम प्रस्तावित करें इंदौर की अनुभवी सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन से पार्टी में यही कहा था आप अपना उत्तराधिकारी घोषित करिए अर्थात पार्टी 2019 में श्रीमती सुमित्रा महाजन को इंदौर से पार्टी का प्रत्याशी नहीं बनाना चाहती थी जिसे सुमित्रा जी समझ गई थी पार्टी के अनुशासन का पालन करते हुए उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ता श्री शंकर लालवानी का नाम इंदौर से लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर प्रस्तावित किया था जिसे पार्टी ने मान लिया था इंदौर की जनता ने उन्हें बहुत भारी मतों से विजई बनाया था यदि पार्टी में नियम बना है तो इसमें एक दो अपवाद भी नहीं होना चाहिए चाहे कोई भी नेता कितने ही बड़े पद पर क्यों ना हो पार्टी का अनुशासन सभी के लिए सभी के लिए समान है चाहे वह किसी राज्य का मुख्यमंत्री हो या देश का प्रधानमंत्री हो पार्टी के अनुशासन और नियम से ऊपर कोई भी नहीं है अतः पार्टी को नए नेतृत्व की पहल करना चाहिए भाजपा कमजोर पार्टी में ही बल्कि एक मजबूत पार्टी है जिसे उसके छोटे से छोटे कार्यकर्ता ने मजबूत बनाया है यह पार्टी चुनाव हार कर भी चुनाव नहीं हारती है बल्कि हार के दिन से ही जीतने की पहल शुरू कर देती है इसमें पार्टी लगातार सफल रही है अतः पार्टी को नया प्रत्याशी प्रस्तुत करना चाहिए वैसे भी नरेंद्र मोदी 2024 तक 74 साल की उम्र पार कर चुके होंगे और उम्र का 75 साल शुरू हो जाएगा इंदौर की सांसद श्रीमती सुमित्रा जी ने तो 71 साल में आयु में ही पार्टी का अनुशासन मान लिया था और पार्टी के आदेश का वह विनम्रता से सम्मान किया था यदि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी पार्टी का सम्मान करता है तो जन-जन मैं पार्टी के प्रति सकारात्मक संदेश जा सकता है अतः पार्टी निर्देशित करे उसके पहले स्वयं नरेंद्र मोदी को विचार करना चाहिए उनके बाद पार्टी का स्वस्थ और उन से बढ़कर सबसे अच्छा विकल्प कौन हो सकता है पार्टी में नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया और देश का प्रधानमंत्री बनाया है यह करके पार्टी मैं और देश मैं बहुत बड़ा सम्मान दिया है अब श्री नरेंद्र मोदी की बारी है कि वह पार्टी के अनुशासन का सम्मान करें.