- भारतीय हॉकी के भविष्य को संवारने में एचआईएल अहम भूमिका निभा सकती है
- 2028 के ओलंपिक के लिए एचआईएल से चार-पांच खिलाड़ी भी मिले तो भारत के लिए बढ़िया
- चाहता हूं एचआईएल से ऐसे खिलाड़ी तैयार करें जो दस बरस भारतीय हॉकी की सेवा करें
- हम अपने हॉकी सूरमा क्लब में ज्यादा भारतीय खिलाड़ियों को शामिल करने में सफल रहे
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : अपने जमाने के बेहतरीन सेंटर सरदार सिंह सात बरस बाद फिर से इस साल दिसंबर में शुरू वाली हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) 2024-25 सीजन में सूरमा हॉकी पंजाब की पुरुष टीम के मेंटोर और कोच की दोहरी भूमिका निभाएंगे। बेल्जियम के जेरॉन बार्ट टीम सूरमा हॉकी क्लब के चीफ कोच, माइका कोस्मा एनालिटिकल कोच और अपने जमाने के के बेहतरीन मिडफील्डर अर्जुन हालप्पा तकनीकी सलाहकार होंगे। भारत के कप्तान दुनिया के बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को सूरमा हॉकी क्लब ने एचआईएल में सबसे महंगा 78 लाख रुपये में खरीदा हैं वहीं भारत के मिडफील्डर विवेक सागर प्रसाद को 40 लाख रुपये और स्ट्राइकर गुरजंट सिंह को 19लाख रुपये में खरीदा है। वहीं पहली बार पुरुषों के साथ हो रही महिला एचआईएल में बंगाल टाइगर्स ने भारत की फुलबैक उदिता दुहान को महिला खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा 32 लाख रुपये में खरीदा।
सूरमा हॉकी क्लब, पंजाब के मेंटोर सरदार सिंह ने खास बातचीत में कहा, ‘हॉकी इंडिया लीग में खिलाड़ियों की नीलामी में हमारा जोर सबसे ज्यादा भारत की राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को खरीदने पर था और हम हरमनप्रीत सिंह, विवेक सागर को अपनी सूरमा हॉकी क्लब की टीम में शामिल कर अपने इस मकसद में कामयाब भी रहे। विदेशी खिलाड़ियों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलरक्षण बेल्जियम के विंसेंट वनाश, ऑस्ट्रेलिया के डिफेंडर जेरमी हेवर्ड, बेल्जियउम के मिडफील्डर विक्टर वेगनेज और दक्षिण अफ्रीका के डायन कासिम के रूप मे एक मजबूत टीम बनाने में सफल रहे। हमारी कोशिश सीनियर और जूनियर राष्ट्रीय कोर ग्रुप के खिलाड़ियों को अपनी सूरमा हॉकी क्लब की टीम में शामिल कर उनका खेल निखारने पर है। हमारी भारतीय टीम के 22 से 24 बरस की उम्र के नौजवान खिलाड़ी जब हॉकी इंडिया लीग(एचआईएल) में जब अपनी टीम में और अन्य टीमों के खिलाफ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ और उनके खिलाफ खेलेंगे तो उनका डर निकाल जाएग। भारतीय की नौजवान पीढ़ी के भविष्य को संवारने में एचआईएल अहम भूमिका निभा सकती है। मैं सात बरस के बाद एचआईएल के फिर से शुरू करने के लिए हॉकी इंडिया का खासतौर पर आभार व्यक्त करना चाहूंगा।‘
उन्होंने कहा, ’एचआईएल हमारे यही नौजवान खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी के साथ कदमताल कर अपना खेल निखारने का मौका होगा। हमारी सूरमा हॉकी क्लब की टीम अनुभवी और नौजवान खिलाड़ियों की एक बेहतरीन टीम है। हमारी कोशिश तो अपनी सूरमा हॉकी क्लब की टीम में छह -सात भारतीय टीम के खिलाड़ियों का शामिल करने की थी। भारत की पुरुष हॉकी टीम के पिछले लगातार दो ओलंपिक में कांसा जीतने का एक बड़ा कारण यह था कि मौजूदा टीम में कप्तान हरमनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह, मनप्रीत सिंह और सुमित सरीखे खिलाड़ी एचआईएल 2017 में इसके अंतिम संस्करण में खेल चुके थे। हमारे नौजवान का दुनिया के धुरंधर हॉकी खिलाड़ियों के साथ एचआईएल में खेल बड़े मंच में उनके खिलाफ खेलने का खौफ खत्म हो चुका था। हम चाहते हैं कि हमारे नौजवान खिलाड़ी अपना अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियों के साथ एचआईएल मे खेल कर अपना खेल निखारे और खुद को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी के लिए बेहतर करें। हमें आने वाले 2028 के लॉस ओलंपिक के लिए एचआईएल के लिए चार पांच बेहतरीन खिलाड़ी मिले तो यह भारतीय हॉकी के लिए बहुत बढ़िया होगा। मैं चाहता हूं कि हम एचआईएल से ऐसे खिलाड़ी तैयार करें तो आने वाले दस बरस तक भारतीय हॉकी की सेवा करें।आज के जमाने की हॉकी में कोई भी खिलाड़ी मैदान पर पूरे 60 मिनट नहीं खेल सकता है। ऐसे में आपको बेंच पर भी बराबर तेज तर्रार खिलाड़ी चाहिए और इसके मद्देनजर एचआईएच का रोल खासा अहम रहने वाला है।‘