प्रतिद्वंद्वी टीमों की इज्जत करने के साथ हमें उनके खिलाफ निर्मम होकर खेलना होगा : गुरप्रीत संधू

  • हमारी टीम एशियन कप 2023 का टिकट पाने वाले एक टीम होनी चाहिए
  • किसी भी टीम को हल्के नहीं ले सकते क्योंकि दांव पर बहुत कुछ है

सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत के गोलरक्षक गुरप्रीत सिंह संधू कोलकाता में एएफसी एशियन कप 2023 क्वॉलिफायर में तीसरे दौर के मैचों को खेलने लेकर खासे रोमांचित हैं। उन्होंने एशियन कप के लिए क्वॉलिफाई करने की अहमियत पर खुलकर चर्चा की। गुरप्रीत संधू ने कहा, ‘भारत फुटबॉल के लिए बेहद अहम वक्त है। भारत के सामने एएफसी एशियन कप क्वॉलिफायर के तीन अहम मैच हैं। निजी तौर पर मै इस यात्रा से वाकिफ हूं क्योंकि मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं पहले ही इसका अनुभव कर चुका हूं। इस बार यह कुछ अलग है क्योंकि हमें इस बार मात्र तीन मैच ही खेलने हैं इसके मूल प्रारूप के मुताबिक छह मैच नहीं । मैं इसीलिए यह इसे खासा चुनौतीपूर्ण मानता हूं। हमारे लिए अच्छी बात यह है कि हम एएफसी क्वॉलिफायर के ये तीनों मैच अपने घर में खेल रहे हैं और इसीलिए रोमांचित हूं। हम इन मैचों में अपनी प्रतिद्वंद्वी टीमों की बेशक इज्जत की जरूरत है लेकिन हमें उनके खिलाफ निर्मम हो खेलने उतरना होगा। हमें यह पक्का करना होगा कि हम इन टीमों के खिलाफ अच्छा नतीजा हासिल करेें। मेरा मानना है हमारी टीम अपने ग्रुप से एएफसी एशियन कप 2023 का टिकट पाने वाले एक टीम होनी चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘ कोलकाता का मतलब फुटबॉल है। जब हम बड़े हो रहे थे हम तभी से जानते थे कि भारत में फुटबॉल का घर है कोलकाता। जो भी भारत में फुटबॉल खेलने का सपना संजोता है कोलकाता और कम से कम एक बार वीवाईबीके में एक बार खेलना उसका सपना होता है। जहां तक हमारे एएफसी एशियन क्वॉलिफायर में हमारे लिए मौकों की बात है तो आज के नई जमाने की फुटबॉल में हर ड्रॉ पेचीदा होता है। मैंं अपनी प्रतिद्वंद्वी टीमोंका सम्मान करता हूं। साफ है कि हमारे प्रतिद्वंद्वियों ने भी इन तीनों मैचों के लिए तैयारी की होगी। यह भी समझा जा सकता है कि उन्होंने भी इन मैचों के लिए अपनी तैयारी जरूर की होगी। हम किसी भी टीम को इस चरण में हल्के नहीं ले सकते क्योंकि दांव पर बहुत कुछ लगा है।’

गुरप्रीत संधू ने कहा, ‘जहां तक बात 2019 में एशियन कप में खेलने और यादों के झरोखों में झांकने की बात है तो मेरे और भारत के लिए तब खेलने वाले हर किसी के लिए पूरा माहौल ही विश्वस्तरीय टूर्नामेंट के लुत्फ उठाने का था। इसमें विश्व कप में खेलने का सा अहसास हो रहा था। टूर्नामेंट बेहद पेशेवर ढंग से आयोजित किया था। सब कुछ एकदम दुरुस्त था और यही हमेशा याद रहेगा। बेशक थाईलैंड के खिलाफ 4-1 से जीत सबसे यादगार थी। उम्मीद है हम इसी तरह के क्षण फिर जी सकेंगे। 2019 में एशियन कप में शिरकत करने वाली टीम में भी मैं भी नौजवान खिलाडिय़ों में से एक था लेकिन अब अब नहीं। मैं अब बूढ़े अनुभवी खिलाडिय़ों की जमात में हूं। हमारी रोज की जिंदगी अब बहुत बदल चुकी है। दुनिया ने कोरोना को झेला है और तब से बहुत कुछ बदल गया हे। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी भी बदल चुकी है। हम कैसे ट्रेनिंग करते हैं , हम होटल में कैसे घूमते हैं। हम सभी अपनी जिंदगी कदे लेकर अब बहुत सचेत हैं। मेरा अपने प्रशंसकों के लिए बस यही संदेश है हमारा खुल कर समर्थन करें। हम भारतीय फुटबॉल का विकास चाहते हैं। अपने प्रशंसकों के बिना तो हम कुछ हैं ही नहीं।’