आजादी कभी मुफ्त में नहीं मिलती, क्रांतिकारियों के साहस, बलिदान से प्रेरणा लें युवा : डॉ. राजेश्वर सिंह

Freedom is never given for free, youth should take inspiration from the courage and sacrifice of revolutionaries - Dr. Rajeshwar Singh

रविवार दिल्ली नेटवर्क

लखनऊ : सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने तेलीबाग, लखनऊ स्थित वृंदावन योजना में देश के दूसरे सबसे बड़े कन्वेशन सेंटर की स्वीकृति पर क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “वृंदावन योजना में प्रस्तावित यह इंटरनेशनल एग्जीबिशन कम कन्वेंशन सेंटर 32 एकड़ भूमि पर विस्तृत होगा जिसमें 10 हजार दशकों के बैठने की व्यवस्था होगी। आधुनिकता की चमक और संस्कृति की आभा से परिपूर्ण यह केंद्र लखनऊ को नई पहचान दिलाएगा।”

विधायक ने आगे लिखा, “सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में इस भव्य केंद्र के निर्माण की स्वीकृति हेतु श्रद्धेय योगी आदित्यनाथ जी का कोटिशः वंदन, अभिनंदन एवं हृदय से आभार!”

31वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा (निःशुल्क बस सेवा) के माध्यम से कल्ली पश्चिम वासियों ने किया भव्य राममंदिर के दर्शन –

वृहस्पतिवार को सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा अपनी मां तारा सिंह की स्मृति में अनवरत संचालित रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा का संचालन ग्राम पंचायत कल्ली पूरब से किया गया।

इस निःशुल्क बस सेवा के माध्यम से कल्ली पश्चिम गांव के बुजुर्गों और महिलाओं को अयोध्या लाने, ले जाने से लेकर रास्ते में उनके भोजन, नाश्ता और सुलभता पूर्वक दर्शन कराने की व्यवस्था भी विधायक की टीम द्वारा की गई।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने क्रांतिकारियों के बलिदान को किया याद

सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने वृहस्पतिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स(ट्विटर) पर पोस्ट कर स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए लिखा कि स्वतंत्रता अमूल्य है, लोकतंत्र को बनाए रखना और भारत की संप्रभुता की रक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। प्रत्येक पीढ़ी हमारे देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने ट्वीट में क्रांतिकारियों को हुए कारावास से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत करते हुए आगे लिखा असहयोग और भारत छोड़ो आंदोलन सहित विभिन्न आंदोलनों के नेतृत्व के दौरान महात्मा गांधी 2,088 दिन जेल में रहे। 1941 में नजरबंदी के दौरान भागने से पहले नेता जी सुभाष चंद्र बोस अनुमानित तीन साल जेल में रहे। अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण विनायक दामोदर सावरकर को सेलुलर जेल में 10 वर्षों से अधिक समय बिताना पड़ा। बाल गंगाधर तिलक को लगभग छह साल जेल में बिताना पड़ा जिसमें उन्हें दो साल मांडले, बर्मा में बंद रहे। कई आंदोलनों के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल लगभग दो साल जेल में बंद रहे।

युवा स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए डॉ. सिंह ने आगे लिखा 23 मार्च 1931 को 23 साल की उम्र में भगत सिंह को फाँसी पर लटका दिया गया। सुखदेव थापर को 23 मार्च 1931 को 23 साल की उम्र में फाँसी दी गई, शिवराम राजगुरु को 23 मार्च 1931 को 22 साल की उम्र में फाँसी दी गई, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को 17 जून 1926 को 29 साल की उम्र में फाँसी दी गई, उधम सिंह को माइकल ओ’डायर की हत्या के लिए 31 जुलाई 1940 को 40 साल की उम्र में फांसी दी गई।

सरोजनीनगर विधायक ने आगे लिखा ये आंकड़े हमें याद दिलाते हैं कि आज़ादी कभी मुफ़्त में नहीं मिलती, अपने बलिदान से आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों के साहस और प्रतिबद्धता से आज के युवाओं को आगे बढ़ने, लोकतंत्र की रक्षा और न्याय के लिए खड़े होने की प्रेरणा मिलनी चाहिए।

डॉ. सिंह ने आगे जोड़ा जिस तरह हम क्रांतिकारियों की विरासतों का सम्मान करते हैं, आइए यह सुनिश्चित करें कि हम उस भारत के निर्माण में योगदान करें जिसकी इन नायकों ने कल्पना की थी – एक एकजुट, आत्मनिर्भर राष्ट्र।