दीपक कुमार त्यागी
भारतीय राजनीति में उत्तर प्रदेश की हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका रही है, वैसे भी देखा जाये जनसंख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है, इसलिए यह भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु में हमेशा अपना अहम स्थान बनाकर रखता है। फिलहाल उत्तर प्रदेश की कमान एक ऐसे ओजस्वी युवा व्यक्तित्व भगवाधारी संन्यासी “योगी आदित्यनाथ” के हाथों में है, जिनका जीवन देश समाज व सनातन धर्म के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है। वैसे तो “योगी आदित्यनाथ” का जन्म 5 जून 1972 को देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जनपद के पैतृक गांव पंचूर में हुआ था, जो उस समय अविभाजित उत्तर प्रदेश का हिस्सा था। एक आम मध्यवर्गीय गढ़वाली राजपूत परिवार में जन्मे “योगी आदित्यनाथ” के पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है, योगी सात भाई-बहनों में पांचवें नंबर की संतान हैं, हालांकि संत परंपरा में पिता के नाम की जगह गुरु का नाम आता है, जिसका योगी पूरे सम्मान के साथ निर्वहन करते हैं। वह उत्तराखंड के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से विज्ञान स्नातक हैं। “योगी आदित्यनाथ” वर्ष 1993 में पढ़ाई के दौरान अचानक ही गोरखपुर चले आए थे, उस वक्त योगी के मन में क्या चल रहा था, यह उनके घरवालों व अन्य किसी दोस्त तक को भी नहीं पता था। जब यहां आकर उन्होंने देखा कि सम्पूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश मज़हबी जेहाद, हिन्दुओं के धर्मान्तरण, नक्सली व माओवादी हिंसा, आकंठ भ्रष्टाचार तथा माफियाओं के चलते जबरदस्त अपराध की अराजकता में जकड़ा हुआ है, जिसे देखकर “योगी आदित्यनाथ” का मन बेहद व्यथित हुआ। वैसे भी योगी का मन सनातन धर्म, संस्कृति, अध्यात्म, शिक्षा, समाज सेवा, सांस्कृतिक चिंतन, लेखन, हिन्दुत्वनिष्ठ राष्ट्रवादी राजनीति एवं गोरक्षा के कार्य आदि में ही अधिक लगता था। जिसके चलते उन्होंने नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ “श्री गोरक्षनाथ मंदिर” गोरखपुर के गोरक्षपीठाधीश्वर
महंत अवेद्यनाथ महाराज से उन्होंने संन्यासी बनने की इच्छा प्रकट की थी। जिसके पश्चात 15 फरवरी सन 1994 की पावन तिथि पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाराज ने अपने उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ का दीक्षाभिषेक सम्पन्न किया था। 22 साल की उम्र में वह सांसारिक मोह-माया छोड़कर अब एक योगी बन गए और इसके बाद उनका नाम संत परंपरा के अनुसार बदल कर “अजय सिंह बिष्ट” से “योगी आदित्यनाथ” हो गया था।
“योगी आदित्यनाथ” ने वर्ष 1996 में अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ महाराज के लोकसभा चुनाव के प्रबंधन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया था। वर्ष 1998 में गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ महाराज ने योगी को अपना उत्तराधिकारी घोषित करके लोकसभा प्रत्याशी घोषित करने का कार्य किया था। मात्र 26 वर्ष की आयु में “योगी आदित्यनाथ” के लोकसभा चुनाव में विजय के साथ इनके राजनीतिक करियर की धमाकेदार शुरुआत हुई थी। उस वक्त योगी को देश में सबसे कम उम्र का लोकसभा सांसद होने का गौरव भी प्राप्त हुआ था। दिन-प्रतिदिन “योगी आदित्यनाथ” पर मठ से जुड़ी व सामाजिक जिम्मेदारी बढ़ती चली गयी, उन पर नाथपंथ की सर्वोच्च सिद्धपीठ “श्री गोरखनाथ मंदिर” गोरखपुर के पीठाधीश्वर महंत के दायित्व के निर्वहन के साथ-साथ “श्री गोरक्षपीठ” के द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतर्गत लगभग साढ़े चार दर्जन शिक्षण, प्रशिक्षण, चिकित्सा एवं सेवा संस्थानों के प्रबंधक, अध्यक्ष एवं मार्गदर्शक की जिम्मेदारी भी आ गयी थी। वह देश में सनातन धर्म के एक महत्वपूर्ण रक्षक के साथ-साथ, शिक्षा-चिकित्सा संस्थानों में अनेक मौलिक प्रयोग कर विविध नवाचारों के प्रतिष्ठापक और विभिन्न पुस्तकों के लेख भी हैं। उनके द्वारा लिखित यौगिक षट्कर्म, हठयोग: स्वरूप एवं साधना, राजयोग: स्वरूप एवं साधना, हिन्दू राष्ट्र नेपाल – अतीत एवं वर्तमान पुस्तकें बेहद प्रसिद्ध हैं। वह “श्री गोरखनाथ मंदिर” द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका “योगवाणी” के प्रधान संपादक भी हैं। वह देश में नाथपंथ एवं नाथयोग दर्शन के एक प्रकांड विद्वान हैं। नाथपंथ एवं योगदर्शन के साथ-साथ देश के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य, सामाजिक, सांस्कृतिक, विभिन्न ज्वलंत मुद्दों व राष्ट्रीय विषयों पर विभिन्न समाचारपत्र व पत्रिकाओं में “योगी आदित्यनाथ” के ज्ञानवर्धक आलेख निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं, जिनमें “योगी आदित्यनाथ” के देश व समाज हित के अनमोल विचार एवं चिंतन की प्रतिध्वनि स्पष्ट रूप से नज़र आती है। “योगी आदित्यनाथ” ने वर्ष 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में लगातार जीत हासिल करके अपनी राजनीतिक धमक देश के ताकतवर राजनेताओं को दिखाने का कार्य किया था, उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में मात्र 42 वर्ष की उम्र में लगातार पांच बार लोकसभा सांसद बनने का अहम रिकॉर्ड कायम किया था।
“योगी आदित्यनाथ” देश में सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक परिस्थितियों के अध्येता एवं समालोचक हैं। उनको एक सफल राजनेता, मुख्यमंत्री के साथ-साथ मौलिक चिंतक, शोध-अध्येता, दार्शनिक एवं व्यावहारिक योग के प्रकांड विद्वान के रूप में देश ही नहीं बल्कि दुनिया में ख्याति प्राप्त है। वह दुनिया में भारतीय सनातन धर्म एवं संस्कृति के आज मुख्य ध्वजवाहकों में से एक हैं, वह ‘हिंदुत्व ही राष्ट्रीयता है’ के एक मुख्य उद्घोषक हैं। वह भारत में आज के दौर में चल रही धर्माधारित राजनीति के मुख्य प्रतिमान बन गये है। वह भारत की राजनीति में एक नई कार्य-संस्कृति के मुख्य प्रतीक बन गये हैं। देश व समाज हित की निष्पक्ष राजनीति करने के चलते वह लोक-कल्याण पथ के सर्वश्रेष्ठ पथिक हैं, वह सामाजिक समरसता के सच्चे वाहक हैं, उनका स्वानुशासित योगमय कठोर परिश्रमी जीवन आम जनमानस के लिए अनुकरणीय है।”
देश-दुनिया में चर्चित भगवाधारी संन्यासी “योगी आदित्यनाथ” का मुख्यमंत्री के रूप में अब उत्तर प्रदेश में दूसरा कार्यकाल चल रहा है। वैसे तो “योगी आदित्यनाथ” पहले से ही भारतीय राजनीति का एक बेहद चर्चित, बेहद लोकप्रिय व प्रसिद्ध चेहरा रहें हैं, उनका देश व प्रदेश की जनता के बीच हमेशा जलवा क़ायम रहा है। वैसे जनता के दृष्टिकोण से देखा जाए तो वह “योगी आदित्यनाथ” को उनकी आक्रामक शैली की वजह से ही बेहद पसंद करती है। देश की जनता के बीच “योगी आदित्यनाथ” की छवि एक ऐसे बेबाक फायर ब्रांड नेता की बनी हुई है, जिससे जन अदालत में मोर्चा लेने के लिए विपक्षी दलों के दिग्गज राजनेताओं को भी बार-बार सोच विचार करना पड़ता है। वह भारत की राजनीति में एक ऐसे राजनेता हैं, जो कि सनातन धर्म संस्कृति की परंपराओं का सिर्फ अपने क्षणिक राजनीतिक हित साधने के लिए दिखावा ना करके, अपने रोजमर्रा के जीवन में दिल से जीने का कार्य करते हैं। “योगी आदित्यनाथ” के रोजमर्रा के जीवन में सनातन धर्म की छाप स्पष्ट रूप से झलकती है, जिसके चलते ही “योगी आदित्यनाथ” देश के बहुसंख्य सनातन धर्म के करोड़ों अनुयायियों के बीच आज बेहद लोकप्रिय हैं।
“उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का प्रथम बार पदभार संभालने के बाद से लगभग हर दिन योगी आदित्यनाथ अपनी आक्रामक हिंदुत्ववादी व जनहित की कार्यशैली के बलबूते देश की राजनीति में जबरदस्त ढंग से चर्चाओं में बने रहने में कामयाब रहे हैं। आज उनके कार्यकाल की सबसे अच्छी बात यह है कि योगी राज में छोटे-बड़े विभिन्न माफियाओं पर बिना किसी जाति-धर्म अमीर-गरीब के भेदभाव के कार्रवाई हो रही है। उन्होंने बिना किसी भेदभाव के ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से एक लाख से अधिक लाउडस्पीकर उतरवाने के बेहद असंभव कार्य को बेहद शांतिपूर्ण ढंग से करवा कर इतिहास रचने का कार्य किया है, देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री के लिए योगी की यह निष्पक्ष कार्यशैली एक बहुत बड़ी नज़ीर है। आज योगीराज में उत्तर प्रदेश में बात-बात पर दंगा-फसाद करके अपनी मनमानी करने वाले लोगों व अपराध करने वाले लोगों के बीच योगीराज के बुलडोजर का जबरदस्त खौफ व्याप्त है, कभी उत्तर प्रदेश में कानून को अपनी जेब में रखने वाले निरंकुश बेखौफ अपराधियों में आज योगीराज के चलते कानून का भय व्याप्त है।”
वैसे धरातल पर बिना किसी राजनीतिक दुर्भावना से ग्रस्त होकर निष्पक्ष रूप से आंकलन किया जाये तो इसबार उत्तर प्रदेश में दोबारा से “योगी आदित्यनाथ” की सरकार बनवाने में अपराधियों के खिलाफ बेखौफ होकर उनकी बुलडोजर चलवाने वाली छवि का बहुत बड़ा योगदान रहा है। प्रदेश के मतदाताओं के बीच यह संदेश चला गया कि योगी जो कहते हैं वह उस पर कायम रहकर धरातल पर कार्य करके दिखाते हैं, वैसे देखा जाए तो सार्वजनिक जीवन में यही छवि किसी भी राजनेता की सबसे बड़ी वास्तविक पूंजी होती है, जिसको सफलतापूर्वक “योगी आदित्यनाथ” ने एकत्र करने का कार्य अब कर लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने प्रथम कार्यकाल में “योगी आदित्यनाथ” ने जिस प्रकार से अपराधियों पर जो बुलडोजर चलवाने वाली कार्यवाही की थी, योगी के उस बुलडोजर ने उत्तर प्रदेश के माफियाओं के बुलंद हौसलों व इमारतों दोनों को ध्वस्त करने का कार्य करते हुए जनता के दिलों में योगी के लिए बेहद सम्मानजनक स्थान बनाने का कार्य किया है।
उत्तर प्रदेश के लोगों का मानना है कि योगी राज में पूर्ववर्ती सरकारों की भांति राज्य में अपराधियों को जाति-धर्म के आधार पर अपराध करने की छूट मिलना अब पूरी तरह से बंद हो गयी है, जिसके चलते राज्य में धरातल पर धीरे-धीरे कानून व्यवस्था में सुधार हो रहा है। उत्तर प्रदेश के विकास को नये आयाम देने के लिए राज्य में बड़ी-बड़ी बुनियादी ढांचागत परियोजनाएं का तेजी के साथ निर्माण किया जा रहा है, राज्य में विश्वस्तरीय सड़कों का जाल बुना जा रहा है, उत्तर प्रदेश के विकास को गति देने के लिए सड़कों को गड्ढों से मुक्त करने के लिए समय समय पर बृहद अभियान चलाये जा रहे हैं। योगी राज में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी व सुधार के लिए कार्य किये जा रहे हैं, चिकित्सा शिक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, घातक कोरोना महामारी व एन्सेफलाइटिस जैसी गंभीर बिमारियों के खिलाफ योगी सरकार का धरातल पर निरंतर युद्ध जारी है। किसानों को विभिन्न प्रकार से राहत देने के लिए योगी सरकार वचनबद्ध होकर कार्य कर रही है। महिला सशक्तिकरण व सुरक्षा के लिए योगी सरकार लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए योगी सरकार वचनबद्ध है, वह प्रदेश में निवेश के लिए निरंतर विभिन्न अवसर पैदा करने का कार्य कर रही है। कोरोना काल में जबरदस्त मंदी के बावजूद भी उत्तर प्रदेश की जनता के लिए रोजीरोटी का बंदोबस्त करवाना योगीराज की बड़ी उपलब्धि है। कोरोना काल में जब सभी के दरवाजे आम जनता के लिए बंद थे उस वक्त अपनी जान की परवाह ना करके आम लोगों के जीवन बचाने के लिए “योगी आदित्यनाथ” ने निरंतर लोगों के बीच पहुंचकर आम जनमानस व कोरोना वारियर्स की हौसला अफजाई करते हुए व्यवस्था को बखूबी बनाए रखने का कार्य किया था। आज “योगी आदित्यनाथ” उत्तर प्रदेश सरकार के सिस्टम को आमूलचूल बदलकर प्रदेश की जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री व सफल राजनेता के रूप में “योगी आदित्यनाथ” की कार्यशैली की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह आम जनता से भी सीधा संवाद और संपर्क करते हैं। उनकी उस कार्यशैली का ही यह परिणाम है कि वह राजनीतिक जिम्मेदारी, मुख्यमंत्री के पद की जिम्मेदारी, धार्मिक, सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करने के साथ-साथ ही निरंतर समाज से जुड़ी व आम जनमानस की व्यक्तिगत समस्याओं के बखूबी निवारण के लिए प्रयास करते रहते हैं। देश के आम जनमानस व राजनीतिक गलियारों में योगी अपनी स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं, देश, समाज व सनातन धर्म एवं संस्कृति का हित उनके लिए बेहद अहम है। हालांकि वह हमेशा देश में उग्र हिन्दुत्व के बड़े पैरोकार रहे हैं और आज वह उसके सबसे बड़े प्रतीक भी बन गये हैं। उन्होंने हमेशा अपने भाषणों में देश में आतंकवाद, नक्सलवाद और देश विरोधी तत्वों के देश से सफाए की बात करके धरातल पर उस पर अमल करके जनता के दिलोदिमाग पर छाने का कार्य बखूबी किया है। मैं “योगी आदित्यनाथ” को उनको जन्मदिवस पर बहुत -बहुत हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं और सर्वशक्तिमान ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह जीवन पथ पर यूं ही सफलता के नित-नये आयाम स्थापित करते हुए, देश व समाज का मार्गदर्शन करते रहें।