भारत को हरमनप्रीत का पेनल्टी स्ट्रोक गंवाना महंगा पड़ा,जर्मनी ने भारत से पहला मैच 2-0 से जीता

It was costly for India to lose Harmanpreet's penalty stroke, Germany won the first match from India 2-0

  • जर्मनी के गोलरक्षक जोशुआ ने गजब की मुस्तैदी दिखाई
  • भारत का संजय को फ्रीमैन के रूप खिलाने का दांव उलटा पड़ा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह जर्मनी के खिलाफ दो मैचों की हॉकी सीरीज के बुधवार को यहां मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम में बुधवार को खेले गए पहले मैच को दु:स्वप्न की तरह भुला ही देना चाहेंगे। चौथे मिनट में एक गोल से पिछड़ने के बाद दूसरे क्वॉर्टर में भारत की अग्रिम पंक्ति में दिलप्रीत सिंह, अभिषेक और सुखजीत ने मध्यपंक्ति में आक्रामक मिडफील्डर नीलकांत शर्मा और अपने अतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज करने वाले राजिंदर द्वारा बढ़ाई गेंद पर जर्मनी के गोल पर हमले बोलने के साथ भारत को पांच पेनल्टी कॉर्नर दिलाए लेकिन सब बेकार गए । हरमनप्रीत ने हाफ टाइम से दो मिनट पहले पेनल्टी स्ट्रोक भी गंवाने के साथ मैच में चार पेनल्टी कॉर्नर पर भी गोल करने के मौके चूके और तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से दो मिनट पहले तेज वॉली लगाई लेकिन इस पर उनका निशाना लक्ष्य चूक गया। भारत का शुरू के दो क्वॉर्टर में फ्रीमैन के रूप में संजय को खिलाने का दांव उलटा पड़ा। वहीं बाद के दोनों क्वॉर्टर में सुमित वाल्मीकि को उतारना सही साबित हुआ और उन्होंने आगे गेंद बढ़ाने के साथ जर्मनी के स्ट्राइकर को अपने गोल पर आने से रोका। हेनरिक मार्टजेंस के चौथै मिनट में बेहतरीन मैदानी गोल और 30 वें मिनट में दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर कप्तान लुकस विंडफेडर द्वारा कमजोर फ्लिक पर दागे एक एक गोल से जर्मनी ने भारत से पहला मैच 2-0 से जीत कर दो मैचों की सीरीज कर 1-0 की बढ़त ले ली। भारत को कुल मिले सात पेनल्टी कॉर्नर और 28 वें मिनट में मिले पेनल्टी स्ट्रोक को भी गोल में नहीं बदल पाना महंगा पड़ा। वहीं जर्मनी ने कुल मिले तीन में से; दूसरे को गोल में बदला । जर्मनी के गोलरक्षक जोशुआ ओनयेकवुई नाजी की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह के ड्रैग फ्लिक को रोकने के साथ पेनल्टी स्ट्रोक को भी रोका। भारत ने आखिरी पांच मिनट में अपने गोलरक्षक सूरज करकेरा को बाहर बुला लेकिन तब भी गोल नहीं कर पाया

जर्मनी के मिडफील्डर तियो हैंड्रिक्स मैन ऑफ द‘ मैच रहे ।

हेनरिक मार्टजेंस ने भारत की रक्षापंक्ति की भूल का लाभ उठाकर भारत के गोलरक्षक कृष्ण बहादुर पाठक को छका मैच के चौथे मिनट में गोल कर जर्मनी को 1-0 से आगे कर दिया। जर्मनी को दो मिनट बाद पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस पर भारत ने रेफरल लिया और विडियो अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला पलट इसे रद्द कर दिया। दिलप्रीत सिंह गेंद को लेकर डी में पहुंचे लेकिन उनके शॉट को जर्मनीके गोलरक्षक जोशुआ ओनयेकुई ने रोक दिया। शमशेर सिंह दाएं से गेंद को लेकर जर्मनी की डी में पहुंचे और इस पर भारत को मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन ड्रैग फ्लिकर वरुण कुमार ठीक से गेंद को अपनी स्टिक पर नहीं ले पाए और यह बेकार गया और मेजबान टीम के पास बराबरी पाने का मौका निकल गया। दिलप्रीत ने दाएं से गेंद दाएं से तेज स्लैप से गेंद को डी में पहुंचाया लेकिन सुखजीत सिंह गेंद को अपनी स्टिक पर लेने से चूक गए। भारत की अग्रिम पंक्ति पहले क्वॉर्टर में तालमेल बनाने के लिए जूझती नजर आई। पहले क्वॉर्टर की समाप्ति पर जर्मनी की टीम हेनरिक मार्टजेंस के गोल से 1-0 से आगे थी।

भारत की रक्षापंक्ति में जर्मनप्रीत सिंह और वरुण ने भारत के किले की बेहतर ढंग से चौकसी की। संजय फ्रीमैन के रूप में नाकाम रहे। भारत के लिए मिडफील्डर नीलकांत शर्मा और राजिंदर सिंह ने बराबर आगे सुखजीत सिह के लिए गेंद बढा भारत को दूसरे क्वॉर्टर में तीन पेनल्टी कॉर्नर दिलाए और इनमें से दो के दौरान हरमनप्रीत मौजूद नहीं थे और इनमे पहले पर संजय गेंद को अपनी स्टिक पर लेने से चूके और तीसरे पर अमित रोहिदास गोल करने से चूके। शिलानंद लाकरा ने जर्मनप्रीत के पास पर पेनल्टी कॉनर बनाया लेकिन इस रोहिदास का निशाना गलत रहा। अगले मिनट अभिषेक और संजय गेंद को लेकर डी में पहुंचने और उन्हें गलत ढंग से रोकने पर मिले पेनल्टी कॉर्नर भारत को मिले पनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत के ठीक से फ्लिक नहीं कर पाए लेकिन हेनरिक ने गोलरेखा पर गेंद को रोकने पर फाउल किया। इस पर मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने हड़बड़ी में गेंद को फ्लिक किया लेकिन गोलरक्षक जोशुआ ओनयेकुई ने अपना दायां पैर लगा रोक कर भारत को बराबरी पाने से रोक दिया। कप्तान लुकास विंडफेडर ने दूसरा क्वॉर्टर खत्म होने से ठीक पहले मिले दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर गेंद को फ्लिक किया और गेंद भारत के गोलरक्षक सूरज करकेरा के पैड को लगकर उछल कर गोल में पहुंच गई और जर्मनी ने हाफ टाइम से ठीक पहले 2-0 की बढ़त ले ली।

भारत ने तीसरे क्वार्टर में सुमित के फ्रीमैन के रूप में उतरने से भारत ने जर्मनी के गोल पर दबाव जरूर बनाया और लेकिन गोल के करीब पहुंचने के बावजूद गोल उतारने में नाकाम रहा। भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिह यदि हाफ टाइम से तीन मिनट डी में सही वॉली जमाई होती तो भारत एक गोल उतार सकता और तब मैच पलट सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत को आखिरी क्वॉर्टर में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन यह बेकार गया।

हमारी फिनिशंग अच्छी फिनिशिंग नहीं रही‘
’हमने गलतियां की और हमारी गलतियों कर लाभ उठाकर जर्मनी ने गोल किए। हमने खासतौर पर दूसरे क्वॉर्टर में शानदार प्रदर्शन किया। हम खेल में पहले लय नहीं थी। हमारी फिनिशंग अच्छी फिनिशिंग नहीं रही। हमे पेनल्टी स्ट्रोक गंवाना भी महंगसा पड़ा। हमने पेनल्टी कॉर्नर पर सजय और वरुण को डैग फ्लिक पर मौका दिया लेकिन वे चूक गए। हमारे निशाने बेहतर होते तो हम यह मैच सकते थे। हम दूसरे मैच में जर्मनी के खिलाफ आदित्य लालगे को मौका देगे।

-क्रेग फुल्टन , भारत के चीफ हॉकी कोच

‘लड़कों को इस सीरीज में आजमाना जारी रखेंगे‘
’हमारी टीम युवा है। हमने अच्छा प्रयास कियर लेकिन जर्मनी अच्छा खेली। हम नए लड़कों को इस सीरीज में आजमाना जारी रखेंगे। हमारे लिए नए लड़कों को आजमाने का यही मौका। मेरा मानना है कि बढ़िया खेले।कु़ल मिला गेंद अच्छा मेनैज किया, यह मेरा यहां मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच था। जर्मनी अच्छी टीम है। हमने बुधवार को जो गलतियां की हमारी कोशिश रहेगी कि हम उन्हें बृहस्पतिवार को दूसरे मैच में न दोहराएं। हम अच्छा खेले। हम इस सीरीज में अपने खिलाड़ियों को आजमाना जारी रखेंगे।

– हरमनप्रीत सिंह, भारत के कप्तान

’ हमने अनुशासित रह कर खेले और जीतने में सफल रहे‘
हमारी टीम कर ओलंपिक के बाद कोई सेशन नहीं था। हम यहां सीधे आकर एक अभ्यास सत्र के साथ खेले। हमने अनुशासित रह कर खेले और जीतने में सफल रह। हमारे चार पांच खिलाड़ी कभी साथ नहीं खेले थे,हमारी टीम में कई अंडर 21 खिलाड़ी है। । हमने एक सत्र किया। हमारे खिलाड़ियों कोच गोल रक्षक ने जोशुआ ने शानदार प्रदर्शन किया। हम खुशकिस्मत हैं कि हमारे पास जोशुआ और डेनबर्ग जैसे अच्छे गोलरक्षक हैं। जिमी लुइस के रूप में हमारे पास फुलटाइम गोलरक्षक कोच हैं। -आंद्रे हेनबर्ग, जर्मनी के कोच