प्रीति पांडे
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. उनकी कुर्सी खतरे में हैं…. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर इल्जाम लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारी मुश्किलों में पड़ गए हैं. मुश्किल भी ऐसी वैसी नहीं, इतनी भयंकर की अब बात उनकी कुर्सी की है. उनके अपने सांसद ही उनसे इस्तीफा मांग रहे हैं. लिबरल सांसदों ने उन्हें 28 अक्टूबर तक पद छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है. ऐसा न करने पर उन्हें अंजाम भुगतने की चेतावनी तक दे दी गई है. जस्टिन ट्रूडो के सामने अचानक जो सियासी अंधेरा छाया है… अब वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए अब अपने बच्चों की दुहाई तक दे रहे हैं.
आपको बता दें कि कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के मुताबिक, बुधवार यानी 23 अक्टूबर को लिबरल सांसदों की एक बैठक हुई जिसमें ट्रूडो को अपदस्थ या उनकी कुर्सी छीने जाने का खाका तैयार किया गया । लिबरल सांसदों ने बुधवार को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक डेडलाइन दे दी है जिसमें सांसदों ने कहा कि वो दी गई मोहलत में ये फैसला करें कि उन्हें नेता बने रहना है या फिर अंजाम भुगतने के लिए तैयार हैं. इसके लिए सांसदों ने 28 अक्टूबर तक इस्तीफे की डेडलाइन दी है. लिबरल पार्टी के सांसदों ने जस्टिन ट्रूडो से चौथी बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव न लड़ने को कहा है. पार्टी के करीब 24 सांसदों ने ट्रूडो को हटाने की मांग वाली एक चिट्ठी पर हस्ताक्षर तक किए हैं.
खबर है कि ट्रूडो विरोधी सांसद कुछ समय से बैठकें कर रहे थे. वे कॉकस के सदस्यों को एकजुट करना चाहते हैं जिससे कि जस्टिन ट्रूडो को पीएम पद से हटाया जा सके और पार्टी को चुनावी हार से बचाया जा सके. करीब नौ साल तक सरकार में रहने के बाद जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता में काफी कमी देखने को मिल रही है. सीबीसी पोल ट्रैकर के मुताबिक, कंजर्वेटिव पार्टी को सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी पर 19 अंकों की बढ़त हासिल है. यह अंतर बताता है कि अगले चुनाव के बाद दर्जनों लिबरल सांसदों को अपनी सीट गंवानी पड़ सकती है. इसी रिपोर्ट को देखते हुए अब 24 लिबरल सांसदों ने ट्रूडो को पद छोड़ने की मांग वाला एक दस्तावेज हस्ताक्षर कर दिए है…
खबर तो ये भी है कि लिबरल पार्टी के सांसद पैट्रिक वीलर ने पार्लियामेंट हिल पर पार्टी की कॉकस बैठक में बुधवार को ट्रूडो को एक पत्र पढ़कर सुनाया. इस पत्र में ट्रूडो के तुरंत इस्तीफा देने के पक्ष में तर्क दिए गए थे. इस पत्र में डेडलाइन भी तय की गई बताई गयी थी. इसमें कहा गया कि जस्टिन ट्रूडो को 28 अक्टूबर से पहले अपने भविष्य के बारे में फैसला लेना होगा. जब लिबरल पार्टी के सांसद जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे, तब वह असहज दिखे. एक वक्त तो ऐसा भी आया कि वह पूरी तरह इमोशनल हो गए और उनकी आखों से आंसू छलक पड़े.
इस्तीफे की मांग वाली बात सुनकर बैठक में ही भावुक जस्टिन ट्रूडो अपने बच्चों की दुहाई देने लगे. सूत्रों का कहना है कि कनाडा के पीएम ट्रूडो ने सांसदों को अपने लंबे राजनीतिक करियर का अपने तीन बच्चों पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया और इस दौरान वो भावुक भी हो गए. ट्रूडो ने अपने संसदीय दल से कहा है कि नेता के तौर पर उनकी योग्यता पर उनकी चिंताओं को सुनने के बाद उन्हें विचार करने के लिए कुछ समय चाहिए.
यह बैठक करीब तीन घंटे तक चली. बंद कमरों में जो जस्टिन ट्रूडो भावुक हुए थे, जब वह बाहर निकले तो उनके चेहरे पर एक झूठी मुस्कान थी. मगर कुर्सी का तनाव साफ दिख रहा था. मीटिंग के बाद बाहर निकलकर मीडिया से उन्होंने केवल इतना कहा कि लिबरल ‘मजबूत और एकजुट’ हैं. इसके अलावा, ट्रूडो ने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. उन्होंने पहले कहा था कि वह फिर से चुनाव लड़ेंगे. दिलचस्प बात यह है कि कनाडा में पिछले 100 सालों में कोई भी प्रधानमंत्री लगातार चार बार इस पद पर नहीं रहा है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अगर ट्रूडो 28 अक्टूबर की तय समय सीमा तक पद छोड़ने की उनकी मांगों को अनदेखा करते हैं तो असंतुष्ट लिबरल क्या करेंगे.