शादी जैसी परपंरा के साथ खिलवाड़ करना सही नहीं

सोनम लववंशी

कुछ साल पहले कंगना रनौत की एक फिल्म ‘क्वीन’ आई थी!’ ये अपनी तरह के अनोखे कथानक वाली फिल्म थी, जिसमें नायिका की शादी ऐन वक्त पर टूट जाती है। लेकिन, हनीमून पैकेज कैंसिल नहीं हो पाता! ऐसी स्थिति में पैसे बेकार जाने के बजाए, वो अकेली ही हनीमून पर चली जाती है। ये अपनी तरह की अलग फ़िल्मी कहानी थी। लेकिन, यदि कोई लड़की किसी लड़के के बगैर खुद से ही शादी करे और हनीमून पर भी जाए, तो उसे क्या कहा जाएगा! गुजरात के बड़ोदरा की क्षमा बिंदू यही कर रही हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि वे अपने आपसे बहुत प्यार करती हैं और दुल्हन बनना भी चाहती हैं! लेकिन, किसी से शादी नहीं करना चाहती! ये शादियों के मामले में एक अलग सी अवधारणा है, जिसे न तो सामाजिक स्वीकार्यता है और न कानून इसे मानता है। पर, ये समाज में एक नई बहस का विषय जरूर है!

● सोनम लववंशी

खुद के लिए जीने के बहुत से मतलब हैं! अपनी रुचियों का ध्यान रखना, अपने लिए समय निकालना, घर और पति की जरूरतों की पूर्ति करने के साथ उनकी पसंद-नापसंद का ध्यान रखना। लेकिन, इसके साथ में अपनी पसंद को भी दबने नहीं देना। लेकिन, इसका कहीं यह मतलब नहीं कि खुद से शादी कर लेना। यह बड़ोदरा की क्षमा बिंदू करने वाली हैं। सीधे से शब्दों में इसे ‘सेल्फ मैरिज’ कहा जा सकता है। स्त्री और पुरुष की शादी सामान्य बात है, सामाजिक अवधारणा भी यही है। कुछ असामान्य शादियां पुरुष से पुरुष और महिला से महिला की भी सुनी गई! लेकिन, क्षमा बिंदू जो करने वाली हैं, वो अपने आप में अनोखी घटना है। उन्होंने अपने आप से ही शादी का एलान करके एक नई बहस को छेड़ दिया। सवाल ये भी उठता है कि ‘सेल्फ मैरिज’ की जरूरत ही क्यों! वे अपने आपसे प्यार करके बिना शादी का प्रपंच करके भी तो रह सकती थीं! ऐसा नहीं लगता कि ये महज प्रोपेगेंडा है! आश्चर्य है कि इसे लेकर कहीं से कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई!

किताबी भाषा में इस तरह की शादी को ‘सोलोगैमी’ नाम दिया गया है। जिन चंद महिलाओं ने सोलोगैमी’ को अपनाया, उनका कहना है, कि यह खुद का मूल्य समझने और खुद से प्यार करने की तरफ उठाया गया एक बड़ा कदम है। दुनिया के देशों में यह महिलाओं में ज्यादा प्रचलित है। महिलाएं इसे अपनाने की तरफ ज्यादा बढ़ रही है। 24 साल की क्षमा बिंदू खुद से शादी करके एक नई परंपरा को जन्म देने की कोशिश कर रही हैं। इसलिए कि क्षमा का कहना है कि वे किसी लड़के से शादी करना नहीं चाहती! लेकिन, उन्हें दुल्हन तो बनना था। क्षमा के लिए यह सेल्फ एक्सेप्टेन्स यानी खुद को अपनाने का एक तरीका है। इसी कारण उन्होंने यह कदम उठाने का फैसला किया।

महिलाएं आखिर ‘सोलोगैमी’ की तरफ क्यों आकर्षित हो रही हैं, वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं! पर इसे एक तरह से पुरुषों के प्रति फ्रस्टेशन भी तो माना जा सकता है! कई महिलाएं ‘सोलोगैमी’ इसलिए अपना रही हैं, क्योंकि वे अकेले में खुद के साथ जितनी खुशी महसूस करती हैं, उतनी वे अपने लाइफ पार्टनर के साथ कभी नहीं कर पाएंगी! दरअसल, ये एक तरह की सोच है, पर ये हर किसी के लिए संभव नहीं! ‘सोलोगैमी’ का अर्थ है, कि वह किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि जीवन से और खुद से ज्यादा जुड़ाव महसूस करती हैं।

कई लड़कियां ऐसी भी हैं, जो लड़के से शादी की इच्छा नहीं रखतीं, वे भी ‘सोलोगैमी’ अपना रही हैं। लेकिन, जरूरी नहीं कि वे क्षमा बिंदू की तरह शादी का प्रपंच रचे! सही जीवनसाथी की तलाश का जब कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल रहा हो, तो ऐसी लड़कियां ‘सेल्फ मैरिज’ करके चैन की सांस ले सकती हैं। इसे सदियों से चल रही सामाजिक परम्पराओं को खंडित करने की कोशिश भी कहा जा सकता है। पर, इसे सही दिशा में उठाया गया कदम भी नहीं कहा जा सकता। क्योंकि, ये सर्व स्वीकार्य परंपरा नहीं है।
बड़ोदरा की क्षमा बिंदू खुद से शादी करके हनीमून पर भी जाएगी! देश में क्षमा बिंदू पहली लड़की है, जो ऐसा कुछ कर रही है। यह देश में होने वाली पहली सोलोगैमी मैरिज है। दुल्हन क्षमा का कहना है, कि मैं कभी भी शादी करना नहीं चाहती थी। लेकिन, दुल्हन बनने का सपना मैंने हमेशा से देखा है। ऐसे में मैंने खुद से ही शादी करने का फैसला किया। जैसे हर कोई किसी न किसी से प्यार करता है, वैसे ही मैं खुद से प्यार करती हूं। इसलिए मैंने इस शादी का फैसला किया। क्षमा ने शादी के बाद हनीमून की भी प्लानिंग कर रखी है। वो हनीमून के लिए गोवा जाएंगी। उनके इस फैसले से परिवार को कोई आपत्ति नहीं है। उनके माता-पिता बहुत खुले विचारों वाले हैं और उन्होंने क्षमा को ये करने की इजाजत भी दी।

खुद के साथ शादी करना ही सेल्फ मैरिज या सोलोगैमी कहलाता है। इसकी शुरुआत करीब दो दशक पहले हुई थी। लेकिन, ये चर्चा में तब आया, जब फेमस प्रोटागोनिस्ट कैरी ब्रैडशॉ ने खुद से शादी करने का ऐलान किया था। ये कुछ अनोखा था, इसलिए बाद में कई लोगों ने इस शादी को स्वीकार किया। फिर जब कोरोना काल में लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हुए, तब फुरसत की सोच ने इस मैरिज को तवज्जो मिली। कई मशहूर सितारे भी अपने पार्टनर से शादी करने से पहले खुद से शादी कर चुके है। लेकिन, कानूनी तौर पर देखा जाए, तो इस तरह की शादी को कोई मान्यता नहीं दी जाती। खास कर भारतीय परम्परा में शादी एक पवित्र बंधन है। जिसे दो आत्माओं का मिलन कहा जाता है। लेकिन सोलोगैमी मैरिज विवाह पद्धति को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। इस शादी का भविष्य क्या होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन खुद से प्यार जताने के लिए शादी जैसी परपंरा के साथ खिलवाड़ करना सही नहीं कहा जा सकता।