गाजियाबाद में विदेशी युवती बनकर फेसबुक पर दोस्ती करके लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए साइबर सेल ने नाइजीरियाई युवक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 32 एटीएम कार्ड, पांच मोबाइल, चार रेंट एग्रीमेंट, वीजा, पासपोर्ट, छह चेक बुक, आधार कार्ड और दो पासबुक बरामद हुई हैं। पुलिस के मुताबिक गिरोह करीब 18 महीने से सक्रिय है और करीब ढाई सौ लोगों से 50 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुका है। गिरोह को बैंक खाते मुहैया कराने वाला आरोपी फरार है, जिसकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि विजयनगर निवासी मधुरेन्द्र कुमार सिंह ने दिसम्बर 2021 में विजयगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनका कहना था कि नवंबर 2021 में उनके पास जेनिफर जॉनसन नाम से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। स्वीकार करने पर जेनिफ ने खुद को लंदन से बताया और भारत घूमने की इच्छा जाहिर की। जेनिफर ने मधुरेन्द्र को साढ़े 3 लाख पौंड के ड्राफ्ट की कॉपी भेजकर बताया कि वह दो दिसंबर को मुम्बई एयरपोर्ट पर पहुंचेगी। वहां से वह लोकल फ्लाइट लेकर दिल्ली पहुंचेगी। दो दिसंबर को मधुरेन्द्र के पास एक अनजान नंबर ने कॉल आई। कॉलर ने खुद को कस्टम अधिकारी बताते हुए कहा कि जेनिफर के पास साढे 3 लाख पौंड का ड्राफ्ट है। उसे क्लियर करने के नाम पर अलग-अलग बहानों से उनसे करीब सात लाख रुपये हड़प लिए गए। एसपी सिटी ने बताया कि मामले की जांच करते हुए साइबर सेल ने नाइजीरिया निवासी अक्का दिदियर, मुंडेरा बाजारा चोरा चोरी गोरखपुर निवासी अरविंद शर्मा और थाना सिकंदरपुर बलिया के मोहल्ला डोमनपुरा निवासी प्रिंस पांडेय को गिरफ्तार किया है। गिरोह में शामिल लखनऊ निवासी बबलू शर्मा फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
एसपी सिटी ने बताया कि अक्का दिदियार वर्ष 2019 में बिजनेस वीजा पर छह महीने के लिए नाइजीरिया से भारत आया था। छह महीने बीतने के बाद से वह भारत में अवैध रूप से रह रहा था। कारोबार करने की बजाय वह ठगी के धंधे में सक्रिय हो गया। अक्का दिदियार ने ही जेनिफर जॉनसन बनकर मधुरेंद्र से ठगी की थी। एसपी सिटी के मुताबिक अक्का दिदियार वर्ष 2020 में उत्तराखंड से भी ठगी के मामले में जेल जा चुका है।
साइबर सेल के नोडल अधिकारी व सीओ इंदुरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि अक्का दिदियार भारतीय पुरूषों के अलावा महिलाओं से भी ठगी करता था। उसने फेसबुक पर विदेशी महिलाओं व पुरूषों के नाम से फर्जी अकाउंट बना रखे थे। महिलाओं से वह विदेशी डॉक्टर व इंजीनियर बनकर ठगी करता था। इसके अलावा उसने भारतीय नामों से भी महिला-पुरूष के फर्जी फेसबुक अकाउंट बना रखे थे। उसने अन्य देशों के महिला-पुरूषों के साथ भी ठगी की है।
पुलिस के मुताबिक इसी तरह की ठगी में लखनऊ साइबर सेल ने प्रशांत नाम के युवक और एक नाइजीरियाई को गिरफ्तार किया था। प्रशांत ने ही अरविंद की मुलाकात अक्का दिदियार से कराई थी। एसपी सिटी ने बताया कि फरार बबलू शर्मा फर्जी आधार कार्ड, सिम और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते मुहैया कराता था। एक खाते के बदले वह 3 से 5 हजार रुपये वसूलता था। फर्जी खातों पर मिलने वाली चेकबुक व एटीएम कार्ड अक्का दिदियार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रिंस और अरविंद की थी। दोनों आरोपी खातों में आने वाली रकम का सात फीसदी हिस्सा लेते थे।
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि अब तक आरोपियों के 13 बैंक खाते फ्रीज कराए जा चुके हैं। उनमें करीब एक करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन मिली है। इसके अलावा 32 अन्य खाते ट्रेस हुए हैं, जिनके बारे में संबंधित बैंकों से जानकारी मांगी गई है। ठगी की रकम से आरोपी अपने महंगे शौक पूरा करते थे। गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।
एसपी सिटी ने बताया कि नाइजीरियाई युवक समेत तीनों आरोपियों से आईबी और एलआईयू ने पूछताछ की है। अक्का दिदियार छह महीने के बिजनेस वीजा पर भारत आया था। अवधि बीत जाने के बाद भी वह अवैध रूप से दिल्ली में रह रहा था। उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया जाएगा। नाइजीरियन दूतावास को उसकी गिरफ्तारी की सूचना भिजवाई जा रही है।