तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के रिद्धि-सिद्धि भवन में तीर्थंकर पार्श्वनाथ नर्सिंग कॉलेज, अमरोहा का लैंप लाइटिंग और शपथ ग्रहण समारोह
रविवार दिल्ली नेटवर्क
- वीसी बोले, नर्सिंग पेशे में अनुशासन और ईमानदारी पहली शर्त
- नर्सिंग स्टुडेंट्स अपनाएं करुणा, समर्पण सरीखे गुण: प्रो. बोस
- प्रो. सुभाषिनी ने 160 नए स्टुडेंट्स को दिलाई नर्सिंग की शपथ
- प्रो. श्योली सेन बोलीं नर्सिंग पेशा सेवा का सबसे पवित्र माध्यम
- तीर्थंकर पार्श्वनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग के मेधावी छात्र पुरस्कृत
नर्सें अस्पताल का दिल होती हैं। नर्स ही अस्पताल में सच्ची सेवा और प्रेम भावना का प्रतीक होती है। नर्स मरीजों के जीवन में बदलाव लाने की शक्ति है। करुणा और समर्पण से ही एक नर्स अपने कर्तव्यों को पूर्ण कर सकती है। यह अमरोहा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी- सीएमओ डॉ. सत्यपाल सिंह का मानना है। वह तीर्थंकर पार्श्वनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अमरोहा के बीएससी नर्सिंग और एएनएम फर्स्ट ईयर स्टुडेंट्स के लैंप लाइटिंग और शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व सीएमओ डॉ. सत्यपाल सिंह के संग-संग एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, मेरठ की प्राचार्या प्रो. एस. बालमणि बोस, टीएमयू के कुलपति प्रो. वीके जैन, नर्सिंग कॉलेज की डीन प्रो. एसपी सुभाषिनी, नर्सिंग कॉलेज, अमरोहा की प्राचार्या प्रो. श्योली सेन, नर्सिंग कॉलेज, मुरादाबाद की एक्टिंग प्राचार्या प्रो. जसलीन एम. आदि ने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के रिद्धि-सिद्धि भवन में आयोजित लैंप लाइटिंग और शपथ ग्रहण समारोह का फ्लोरेंस नाइटिंगेल के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके शुभारम्भ किया। नर्सिंग डीन, प्रो. एसपी सुभाषिनी ने नवागंतुक 160 छात्र-छात्राओं के नर्सिंग की शपथ दिलाई। शपथ में कर्तव्यों के प्रति निष्ठा और मरीजों के प्रति करुणा का संकल्प लिया। कार्यक्रम में बीएससी नर्सिंग और एएनएम में शैक्षणिक उपलब्धि में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टुडेंट्स को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन ने नर्सिंग के क्षेत्र में अनुशासन, ईमानदारी, और निरंतर सीखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नर्सिंग में सफल होने के लिए कठोर प्रशिक्षण और समर्पण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि असली सफलता केवल अकादमिक उपलब्धियों से नहीं आती, बल्कि मरीजों को दी जाने वाली वास्तविक सेवा से आती है। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, मेरठ की प्रो. एस. बालमणि बोस ने नर्सिंग स्टुडेंट्स से करुणा, सहानुभूति, धैर्य, और समर्पण सरीखे गुणों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, नर्सिंग पेशे में यह गुण न केवल मरीजों की देखभाल में मददगार होते हैं, बल्कि उनकी तकनीकी क्षमताओं को भी सशक्त बनाते हैं। उन्होंने स्टुडेंट्स से कहा, वे इन गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करके मरीजों के जीवन में सुधार लाने का प्रयास करें।
नर्सिंग कॉलेज, अमरोहा की प्राचार्या प्रो. श्योली सेन ने अतिथियों और स्टुडेंट्स के पैरेंट्स का स्वागत करते हुए नर्सिंग को सेवा का सबसे पवित्र माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि नर्सिंग का कार्यक्षेत्र अपने आप में बहुत महान और दायित्वपूर्ण है, जिसमें प्रत्येक नर्स मरीजों के प्रति संवेदना और देखभाल का भाव रखना चाहिए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। वृष्टि, वैष्णवी, आशी, भावना आदि छात्राओं ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। बीएससी नर्सिंग तृतीय सेमेस्टर के छात्रों ने नाटक के जरिए नर्सों की स्वास्थ्य देखभाल मरीजों के प्रति सहानुभूति और स्वास्थ्य सेवा में नर्सों के अद्वितीय योगदान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। ऑथ सेरेमनी में प्रो. रामनिवास, प्रो. वरुण तोशनीवाल, श्री विजय पुरी गोस्वामी, मिस शालू उपाध्याय, मिस आरुषी सक्सेना, मिस छाया राठौर, मिस अंकिता चौहान, श्री ऑस्कर आवेदिया, मिस जोशीला, श्री मुकुल कुमार, श्री प्रशांत कुमार, मिस श्रुति सक्सेना, श्री आरुल आदि मौजूद रहे। फैकल्टी- सुश्री प्रियंका मसीह ने वोट ऑफ थैंक्स दिया, जबकि संचालन प्रो. सिद्धेश्वर अंगड़ी ने किया।