सुल्तान ऑफ जोहोर कप हॉकी में कांसा जीतना खाली हाथ लौटने से बेहतर था : आमिर अली

Winning bronze in Sultan of Johor Cup hockey was better than returning empty handed: Aamir Ali

  • चीफ कोच श्रीभाई ही हमारे लिए सबसे बढ़िया गुरु हैं
  • हमने मस्कट में होने वाले जू. पुरुष हॉकी एशिया कप की तैयारी शुरू कर दी है
  • आने वाले कुछ महीने हमारे लिए 2025 जू. हॉकी विश्व कप की तैयारियों के लिए अहम

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : फुलबैक आमिर अली की कप्तानी में अपने नए चीफ कोच पीआर श्रीजेश के मार्गदर्शन में भारत की जूनियर पुरुष हॉकी टीम जोहोर बाहरू (मलयेशिया) में सुल्तान ऑफ जोहोर कप में मात्र ऑस्ट्रेलिया से इकलौता लीग मैच 0-4 से हार गोलअंतर में ब्रिटेन से एक गोल से पिछड़ने के बाद न्यूजीलैंड से प्ले ऑफ में दो-दो से बराबर रह उसे शूटआउट में 3-1 से हरा कर कांसा जीता स्वदेश लौट आई है। भारत ने लीग में जापान को 4-2से, ब्रिटेन को 6-4 से, मलयेशिया को 4-2 से हराया लेकिन ऑस्ट्रेलिया से 0-4 से हारने के बाद न्यूजीलैंड से अपना अंतिम लीग मैच 3-3 से ड्रॉ खेला।

भारत के कप्तान आमिर अली ने टीम के कांसा जीत स्वदेश लौटने पर कहा, ’ हमारी टीम ब्रिटेन से गोल अंतर में पिछड़ कर फाइनल में पहुंचने में नाकाम रहने से बहुत निराशा थी। ऐसे में हमने बतौर टीम तय किया कि अब पीछे पलट कर देखने का कोई मतलब नहीं है। हमने अपना पूरा ध्यान कांसा जीतने पर लगाकर खुद से कहा कि हम खाली हाथ घर नहीं लौट सकते हैं।सुलतान ऑफ जोहोर कप हॉकी में कांसा जीतना खाली हाथ लौटने से बेहतर था । हमारी टीम के 12 खिलाड़़ी पहली बार कोई बड़ा टूर्नामेंट खेल रहे थे। हमारी टीम के कम से कम 12 इन लड़कों ने जूनियर हॉकी टेस्ट सीरीज जरूर खेली लेकिन सभी एक जूनियर हॉकी टूर्नामेंट में बतौर टीम खेलने उतरे थे। श्रीभाई (पीआर श्रीजेश टीम के चीफ कोच ) ही हमारे लिए सबसे बढ़िया गुरु हैं और उन्होंने बराबर हमें बिना कोई दबाव लिए पूरी तरह मैचों का लुत्फ उठाने को कहा। हम इसी कारण मैचों में पिछड़ने के बाद वापसी कर पाए। श्रीजेश भाई ने मैच में कदम , कदम आगे बढ़ने को बताया ही साथ ही हाफ टाइम में जब हम पिछड़ भी रहे तो उन्होंने मैच में बिना दबाव आगे बढ़ने की अहमियत बताई। हम बस केवल मैच ऑस्ट्रलिया से 0-4 के बड़े अंतर से हारे और इसका हमें बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। हम हमारी टीम राउंड रॉबिन लीग और गोल अंतर की अहमियत को समझ गई है।‘

भारतीय जूनियर टीम अब साई, बेंगलुरू में वापस लौट आई है और उसका फोकस 26 नवंबर से 4 दिसंबर तक मस्कट (ओमान) में होने वाले जूनियर पुरुष हॉकी एशिया कप जीतने पर है जो कि भारत में दिसंबर, 2025 में होने एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप का क्वॉलिफाइंग टूर्नामेंट है। भारत की जूनियर पुरुष हॉकी टीम के कप्तान आमिर अली ने कहा, ’ हम अब वापस शिविर में लौट आए हैं और हमने अगले महीने मस्कट में जूनियर पुरुष हॉकी एशिया कप की तैयारी शुरू कर दी है। हमारे लिए आने वाले कुछ महीने हमारे लिए बेहद अहम हैं क्योंकि हम अपनी ही धरती पर 2025 में एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप की तैयारियों में जुटे हैं। हमारा शिविर उसी परिसर में चल चल रहा हे जहां कि सीनियर टीम का भी शिविर चल रहा है इससे हमें बहुत मदद मिलेगी। मेरे खुद के सीनियर पुरुष हॉकी टीम के साथ एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में साथ खेलने के अनुभव ने मुझे जूनियर टीम के नवोदित का मार्गदर्शन करने में मदद मिली। मैंने सीनियर भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और मनप्रीत सिंह के साथ खेल कर बहुत कुछ सीखा। हमने जब श्रीजेश भाई से पूछा कि हम आपको अब ’सर‘ कह कर पुकारे क्योंकि अब आप हमारे कोच चुके हैं तो उन्होंने कहा आपको जो सहज लगे आप मुझे उसी तरह पुकार सकते हैं तो हमने ’ श्रीभाई‘ कह कर पुकारने का फैसला किया।