यूपी में बड़े दिल की बात करने वाले अखिलेश महाराष्ट्र में क्यों हो गये तंग दिल

Why did Akhilesh, who talked about big heart in UP, become narrow hearted in Maharashtra?

अजय कुमार

लखनऊ : सियासत भी अजब-गजब है यहां नेता साथ होकर भी अलग-अलग नजर आते हैं और अलग-अलग होते हुए भी साथ-साथ नजर आना चाहते हैं। विचारों की बात तो बेईमानी हो गई है। राजनीति का इससे अधिक गिरगिटी रंग क्या हो सकता है जो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता इंडी गठबंबधन के नाम पर साथ-साथ होने का दम भरते हैं,लेकिन चुनाव मैदान में यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक अपनी ढपली,अपना राग छेड़ते नजर आते हैं। यूपी के उप चुनाव में सपा ने कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी,वहीं महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के गठबंधन वाले महाअघाड़ी गठबंधन ने समाजवादी पार्टी को ठेंगा दिखा दिया। बस फर्क यह है कि यूपी में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी तो कांग्रेस ने चुनाव रेस से अपने को साइड लाइन कर लिया,लेकिन महाराष्ट्र में जब सपा को एक भी सीट नहीं देकर हासिये पर खड़ा किया गया तो समाजवादी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बगावती रूप अख्तियार कर लिया। समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में नौ सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही थी।

गौरतलब हो, महाविकास अघाड़ी और सपा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर 29 अक्टूबर मंगलवार को नामांकन के अंतिम समय तक बात नहीं बन पाई। महाविकास अघाड़ी से 288 सीटों में से पांच सीटों की उम्मीदें लगाए बैठी सपा ने तिलमिला कर नौ सीटों पर अपने प्रत्याशियों का नामांकन कराकर कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों को आईना दिखा दिया। हालांकि, पार्टी के सूत्रों के मुताबिक यह तय हो गया है कि इसमें सपा के मौजूदा विधायक अबु आजमी और रईस शेख महाविकास अघाड़ी के तहत चुनाव लड़ेंगे। शेष सात उम्मीदवार सपा ने उतारे हैं। अब चार नवंबर को नाम वापसी के बाद महाविकास अघाड़ी में सपा की स्थिति साफ हो सकेगी। सपा ने जिन सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं उसमें धुले सिटी और मालेगांव सेंट्रल में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों जनसभा करके महाराष्ट्र चुनाव अभियान की शुरुआत की थी। पिछले चुनाव में सपा ने मुंबई की मानखुर्द शिवाजीनगर और ठाणे की भिवंडी ईस्ट सीटें जीती थीं। सपा इसके साथ तीन और सीट मांग रही थी। वहीं, यूपी में सपा से चोट खाई कांग्रेस हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में भी सपा को तवज्जो नहीं दे रही है। कहा जा रहा है सपा ने दबाव की राजनीति अपनाते हुए पांच सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा पहले ही कर दी थी लेकिन अब उसने कुल नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। सपा के प्रत्याशियों की बात की जाये तो उसने मानखुर्द शिवाजीनगर और भिवंडी ईस्ट के साथ-साथ मालेगांव सेंट्रल से शान-ए-हिंद निहाल अहमद, धुले सिटी से इरशाद जागीरदार, भिवंडी वेस्ट से रियाज आजमी, तुलजापुर से देवानंद साहेबराव रोचकरी, परांडा से रेवण विश्वनाथ भोसले, औरंगाबाद पूर्व से डॉ. अब्दुल गफ्फार कादरी सय्यद और भायखला से सईद खान को उम्मीदवार बनाया गया है।

खैर, यहां अखिलेश की चर्चा उनके एक बयान को लेकर भी हो रही है। दरअसल, गठबंधन सियासत को लेकर समाजवादी पार्टी अध्‍यक्ष अखिलेश यादव हमेशा से बड़ा दिल दिखाने का दावा करते रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस और बसपा के बीच बातचीत की खबरों पर बात हुई तब भी अखिलेश ने कहा था कि भाजपा को हराने के लिए हम बड़ा दिल दिखाने को तैयार हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से सीट शेयरिंग के मुद्दे पर भी अखिलेश ने बड़े दिल की बात की थी,लेकिन ऐन चुनाव के वक्‍त महाराष्‍ट्र में उनके रुख में बदलाव को विपक्षी गठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है। वहीं अखिलेश से यह भी पूछा जा रहा है कि यूपी में बड़े दिल की बात करने वाले सपा प्रमुख महाराष्ट्र में तंग दिल कैसे हो जाते हैं।