नृपेन्द्र अभिषेक नृप
मनीषा मंजरी की पुस्तक “फ्रोजन इन टाइम” पाठकों को हिमालय की बर्फीली वादियों में ले जाती है, जहाँ समय एक शाश्वत सर्दियों में ठहर गया प्रतीत होता है। इस उपन्यास में मानवीय भावनाओं और अलौकिकता के मेल से एक गहरी और विचारोत्तेजक प्रेम कहानी गढ़ी गई है, जिसमें प्रेम, बलिदान और मुक्ति की खोज प्रमुख तत्व हैं। मंजरी ने इस कहानी को अक्ष बैंसेट और वान्या वसिष्ठ के बीच अनोखे, गूढ़ प्रेम से जोड़ते हुए लिखा है। अक्ष का चरित्र समय की परतों में लिपटा हुआ है, जो एक असीमित जीवन के श्राप को ढो रहा है। वहीं, वान्या, अपने साहसी और सहृदय स्वभाव के साथ, उसके जीवन में आशा और सांत्वना की एक किरण बनकर प्रवेश करती है।
अक्ष बैंसेट का चरित्र उपन्यास का केंद्रीय पात्र है, जिसके माध्यम से लेखिका ने एक ऐसे व्यक्ति की पीड़ा और अकेलेपन को दिखाया है, जो अपने प्रियजनों को खोने के दर्द को बार-बार सहता है। यह चरित्र हमें अनंत जीवन के शाप के अंधेरे पक्ष से परिचित कराता है। अक्ष, जो पाँच तत्वों को नियंत्रित करने की शक्ति रखता है, अपनी शक्तियों के बावजूद एक गहरे अवसाद में डूबा हुआ है। उसकी शक्तियाँ उसके जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती हैं, परंतु वह इनसे सन्तुष्ट नहीं बल्कि त्रस्त है। मंजरी ने इस किरदार के भीतर की जटिलताओं को बखूबी उभारा है, जिससे पाठक उसके दर्द को महसूस कर सकते हैं। अक्ष की बैकस्टोरी, उसकी असफलताएँ और प्रियजनों का खोना उसके व्यक्तित्व को एक गहराई देता है जो उसे साधारण नायक से अलग बनाता है।
वहीं, वान्या वसिष्ठ का चरित्र एक साहसी और भावुक युवती के रूप में उभरता है। वान्या की विशेषता यह है कि वह अपनी सहज समझ और गहरी संवेदनाओं के कारण अक्ष के दर्द और पीड़ा को समझने में सक्षम होती है। उसका अक्ष की ओर आकर्षण केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आत्मिक स्तर पर है। वान्या अपने साहस और संवेदनशीलता से अक्ष के दिल के घावों को महसूस करती है और एक ऐसी ताकत बन जाती है जो उसे उसके अतीत के बोझ से मुक्त करने का सामर्थ्य रखती है। वान्या के माध्यम से, लेखिका ने प्रेम की उस शक्ति को उजागर किया है जो किसी के जीवन में बदलाव ला सकती है।
इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता इसकी गहरी और संतुलित भाषा है, जो कहानी के परिवेश और पात्रों के साथ एक अनूठी संगति बनाती है। हिमालय की बर्फीली वादियों, शीतल हवाओं, और ठिठुरते मौसम का वर्णन कहानी में एक रहस्यमय माहौल जोड़ता है, जो पाठकों को कथानक में डुबो देता है। मंजरी का हिमालय का चित्रण उसे एक किरदार बना देता है, जो कहानी में अपने आप में एक जीवन्त उपस्थिति है। इसका वातावरण अक्ष और वान्या की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहाँ यह दोनों न केवल बाहरी खतरों का सामना कर रहे हैं बल्कि अपने आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहे हैं।
अक्ष और वान्या की प्रेम कहानी केवल रोमांस तक सीमित नहीं है बल्कि यह आत्मा के स्तर पर गहराई से जुड़ी हुई है। दोनों पात्रों के बीच का रिश्ता समय और तर्क की सीमाओं से परे है। इस प्रेम कहानी में वास्तविकता और रहस्यवाद का ऐसा सम्मिश्रण है जो इसे एक विशेष आयाम प्रदान करता है। अक्ष और वान्या का प्रेम, उनके बीच का बंधन और उनकी संयुक्त यात्रा इस कहानी को एक मर्मस्पर्शी गाथा बनाते हैं, जिसमें प्रेम की ताकत को अद्भुत रूप में दर्शाया गया है।
कहानी में वान्या के प्रवेश के साथ रहस्यमयी घटनाओं का सिलसिला शुरू होता है। उसकी उपस्थिति उन प्राचीन शक्तियों को जगा देती है जो अक्ष को श्राप में बंधे रहने के लिए विवश करना चाहती हैं। इस भाग में मनीषा मंजरी ने कहानी को रहस्य और रोमांच से भर दिया है। यह घटनाएँ पाठक के भीतर एक रोमांच पैदा करती हैं, जिसमें वे जानना चाहते हैं कि आगे क्या होगा। रहस्यवाद और रोमांच के मिश्रण ने कहानी को और भी रोचक बना दिया है।
“फ्रोजन इन टाइम” केवल एक प्रेम कहानी नहीं है, यह एक यात्रा है—अक्ष की आत्मा की यात्रा, उसके मुक्त होने की यात्रा और वान्या की सहानुभूति और साहस की यात्रा। मनीषा मंजरी ने प्रेम, साहस, और बलिदान के बीच संतुलन बिठाते हुए पात्रों को एक आत्मीय गहराई दी है। अक्ष और वान्या दोनों ही ऐसी प्रेरणाएँ हैं जो हमें याद दिलाती हैं कि प्रेम केवल एक भावना नहीं है, यह जीवन को पुनः जीवित करने की शक्ति भी रखता है। इस उपन्यास का अंत हमें एक नई दृष्टि देता है, जहाँ हम अनन्तता और मृत्यु के बीच के अंतर को समझ पाते हैं और यह महसूस करते हैं कि प्रेम के माध्यम से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
वास्तव में “फ्रोजन इन टाइम” एक अत्यंत संतोषजनक और भावनात्मक रूप से गहन रचना है। मनीषा मंजरी का यह उपन्यास भारतीय साहित्य में प्रेम और अलौकिकता का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनका लेखन शैली में गहरी संवेदनशीलता है, और उनकी कल्पना की शक्ति इसे एक अनूठा और यादगार उपन्यास बनाती है।
समीक्षक: नृपेन्द्र अभिषेक नृप
पुस्तक: फ्रोजन इन टाइम
लेखक : मनीषा मंजरी
प्रकाशन: सहित्यपिडिया प्रकाशन
मूल्य: 360 रुपये