पुलिस नि:संकोच यूएपीए लगाए: गृह मंत्री अमित शाह

Police should impose UAPA without hesitation: Home Minister Amit Shah

इंद्र वशिष्ठ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि टेरर इकोसिस्टम के ख़िलाफ़ एकीकृत एंटी टेरर इकोसिस्टम बनाना पड़ेगा। इसके लिए एटीएस, एसटीएफ, प्रशिक्षण और अभियोजन की एसओपी, इन चारों में सामंजस्य होना बहुत जरुरी है।

गृह मंत्री ने एनआईए द्वारा आयोजित आतंकवाद निरोधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए गृह मंत्रालय कुछ ही महीनों में एक नेशनल काउंटर टेररिज्म पॉलिसी और स्ट्रेटजी लाएगा है। आतंकवाद का वित्त पोषण जब तक नहीं रोकते, आतंकवाद को नहीं रोक सकते। इसके इकोसिस्टम को तोड़ना है तो इसके वित्त पोषण को रोकना होगा।

थानों की भूमिका-
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ पूरी लड़ाई में थानों की भूमिका को नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते।
जब तक थाने पूर्ण रूप से आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए तैयार नहीं है, ये लड़ाई हम नहीं लड़ सकते। क्योंकि कोई भी सूचना हो, वो थाना स्तर से ही राज्य खूफिया एजेंसी या भारत सरकार की खुफ़िया एजेंसी के पास आएगी। सूचना थाने से ही आती है। इसलिए वहां एक विशेष दृष्टि निर्मित करनी होगी। आतंकवाद तभी समाप्त हो सकता है जब थाने से लेकर राज्य के पुलिस प्रमुख तक पूरी पुलिस की व्यवस्था इसके लिए जागरुकता लाए और एक साथ काम करे।

गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद निरोधी इस सम्मेलन की उपयोगिता तभी है, जब सम्मेलन में निकले कार्रवाई योग्य बिंदु को थाने तक, बीट तक ले जाएं। बीट से लेकर एनआईए महानिदेशक तक पूरे तंत्र को आतंकवाद के ख़िलाफ़ के खतरों से जागरूक करने का हम अगर काम करते हैं तभी यह सम्मेलन सफल माना जाएगा।

आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई का मतलब यह नहीं, कि कुछ षड्यंत्र को पकड़ कर उसका पर्दाफाश करना। आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई का मतलब है आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ने वाली एजेंसियों के हाथ कानूनी रूप से मज़बूत किए जाएं। एक ऐसा इकोसिस्टम बनाया जाए, जिसके आधार पर आतंकवाद के ख़िलाफ़ हमारी लड़ाई मजबूत हो।

यूएपीए –
गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम‌ (यूएपीए) के मामले में किस प्रकार से जांच हो और किस प्रकार से अभियोजन की कार्रवाई हो?

गृह मंत्री ने इसके लिए एनआईए का उदाहरण दे कर कहा कि एनआईए भी यूएपीए का उपयोग करता है। एनआईए ने 632 मामले दर्ज किए हैं। 499 मामलों में अदालत में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। एनआईए के मामलों में सज़ा दर 95 फीसदी से ज्यादा है। गृह मंत्री ने कहा कि अगर एनआईए कर सकती है तो राज्य पुलिस क्यों नहीं कर सकती?

गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अफसरों से कहा कि जहां पर भी यूएपीए लगाने की जरुरत हो, नि:संकोच लगाना चाहिए। जहां पर यूएपीए लगाएं, वहां पर आपकी सुपरवाइजरी अथारिटी की जिम्मेदारी है कि इसकी जांच एनआईए की तर्ज़ पर हो।

साझा लड़ाई –
गृहमंत्री ने कहा कि उग्रवाद के ख़िलाफ़ इस साझा लड़ाई को हम अपनी लड़ाई समझे। कोई राज्य उग्रवाद से बच नहीं सकता, जब तक हम इस लड़ाई को साझा लड़ाई समझ कर न चलें।

गृह मंत्रालय एक मजबूत संकल्प के साथ देश में उग्रवाद के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए एक इकोसिस्टम भी बनाएगा, परिणाम भी लाएंगे और सफल भी होंगे।

(इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1989 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)