फर्जी कम्पनी बना आईटीसी में खेल करने वाले कारोबारियों पर जांच एजेंसियों का शिकंजा

Investigative agencies crack down on businessmen playing with ITC by turning it into a fake company

अजय कुमार

लखनऊ : सेंट्रल खुफिया एजेंसी उत्तर प्रदेश के चार जिलों के 16 कारोबारियों से फर्जी आईटीसी की वसूली करेगी। जीएसटी की चोरी में केंद्रीय खुफिया एजेंसी की जांच पड़ताल में इन कारोबारियों का पता चला हैं। गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने फर्जी कंपनी बनाकर आईटीसी में खेल करने वाले एक बड़े कारोबारी को गोरखपुर से गिरफ्तार किया था। उसे लखनऊ लाकर पूछताछ की गई तो डेढ़ दर्जन और कारोबारियों के नाम सामने आए। इन सभी को अब नोटिस भेजा जा रहा है। डीजीजीआई इनसे वसूली करेगी। इनमें लखनऊ और गोरखपुर के अलावा बरेली, रायबरेली के कारोबारी शामिल हैं। लखनऊ के दो ठेकेदारों के ठिकाने पर छापेमारी हो चुकी है। खुफिया एजेंसी ने गोरखपुर से विश्वकर्मा इंटरप्राइजेस के प्रमुख कृष्ण मोहन विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया है। उसने अपनी फर्म में सीमेंट, लकड़ी और टीएमटी बार का काम दर्शाया था। जांच में पता चला कि कोई खरीद नहीं थी। कारोबारियों को खाली इनवॉइस दे रहा था। साथ ही लखनऊ के दो ठेकेदारों साई कंस्ट्रक्शन और पहलवान कंस्ट्रक्शन समेत कई सरकारी योजनाओं के लिए कार्य कर रहे ठेकेदारों के नाम सामने आए। इन दोनों से वसूली की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। दोनों ही ठेकेदार सरकारी निर्माण योजनाओं का ठेका लेते हैं।

गिरफ्तार कारोबारी बोगस कंपनियों के जरिए इनपुट क्रेडिट टैक्स में हेराफेरी कर रहा था। कंपनी से जारी की गई फर्जी इनवॉइस से अन्य कारोबारियों ने व्यापार दिखाते हुए इनपुट क्रेडिट टैक्स को क्लेम किया था। डीजीजीआई के सूत्रों के अनुसार अब तक 20 करोड़ की टैक्स हेरफेर सामने आ चुकी है। लखनऊ, गोरखपुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों के कारोबारियों की संलिप्तता होने की उम्मीद है।