सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : यह एक सुखद संयोग है कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी में पहले क्रिकेट टेस्ट मैच में भारत की कप्तानी करेंगे जबकि दुनिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में एक पैट कमिंस ऑस्ट्रेलियाई की पूरी सीरीज में कप्तानी करेंगे।
आमतौर पर ज्यादातर टेस्ट में कप्तानी बल्लेबाज ही संभालते रहे हैं। बल्लेबाजों के लिए कप्तानी आसान मानी जाती है क्योंकि बतौर बल्लेबाज आप पर बस रन बनाने की जिम्मेदारी होती है। वहीं बतौर गेंदबाज आपको अपने गेंदबाजी स्पैल की योजना बनानी होती है। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पर्थ में शुक्रवार को शुरू हो रहे पहले क्रिकेट टेस्ट की पूर्व संध्या पर भारत के कप्तान जसप्रीत बुमराह ने कहा, ‘जब मैं कप्तान होता हूं तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकता हूं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं जब तरोताजा हूं तो मुझे मालूम है कि मुझे कब जोर लगाना है और कब मुझे अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालनी है। बेशक तब अलग चुनौतियां होती हैं पर तब अच्छी बात यह होती है कि मैं उसका लाभ उठाने की बाबत सोचता हूं क्योंकि मैं गेंदबाजी की जरूरत को समझता हूं। आप बतौर गेंदबाज यह समझते हैं कि पिच कहां मिजाज बदल रही है और आप अपनी गेंदबाजी में कहां क्या बदलाव करना चाहते हैं और तब किस तरह का क्षेत्ररक्षण सजाना अच्छा रहेगा। बेशक गेंदबाज ही बल्लेबाजों से ज्यादा खोजबीन करते हैं और आंकड़ों के मुताबिक यह आंकने की कोशिश करते हैं तब खेल किस तरह आगे बढ़ रहा है। मैं नकारात्मक पक्षों की बजाय सकारात्मक पक्षों पर ज्यादा ध्यान देता हूं। बेशक चुनौतियां होंगी और आप खुद का इम्तिहान लेना चाहते हैं।मेरा मानना है कि आपको अपनी राह खुद बनानी होती है और आंख मूंद कर किसी के पीछे नहीं चल सकते हैं। बेशक मैं विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों की कप्तानी में खेला हूं और दोनों ही खासे कामयाब भी रहे हैं और अच्छे नतीजे भी पाने में सफल रहे हैं।
मैंने बतौर गेंदबाज भी कभी आंख मूंद कर किसी का अनुसरण नहीं किया है बल्कि मैं अपने मन की सुनकर उसी के मुताबिक चलता हूं। मैंने अपनी क्रिकेट इसी तरह खेली है और मुझे अपने दिल की बाबत और खुद की हिम्मत पर भरोसा है। मैं इसी तरह चलता हूं और बतौर गेंदबाज रणनीतिक रूप से हमेशा आप बहुत योजनाएं बनाते हैं। आप इस बात को ठीक ढंग से जानते हैं कि आपको क्या करना है आपको क्रिकेट के मुताबिक क्या तालमेल बैठाना है। हां मैं इसे इस तरह देखता हूं कि आप जितना मुमकिन हो हर लिहाज से सोचे।’