- राजस्थान सहित 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों के उप चुनावों में भाजपा को मिली बढ़त
- राजस्थान के परिणामों ने भजन लाल और मदन राठौड़ की जोड़ी का कद बढ़ाने के साथ दिए दूरगामी राजनीतिक संदेश
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
भाजपा और कांग्रेस गठबंधनों ने महाराष्ट्र और झारखंड के साथ वायनाड एवं नांदेड़ लोकसभा की जीत को आपस में बांटा राजस्थान सहित 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों के उप चुनावों में भाजपा को मिली बढ़त राजस्थान के परिणामों ने भजन लाल और मदन राठौड़ की जोड़ी का कद बढ़ाने के साथ दिए दूरगामी राजनीतिक संदेश
देश के सबसे समृद्ध प्रदेश महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन और आदिवासी बहुल झारखंड में कांग्रेस समर्थित इण्डिया गठबंधन ने विजय प्राप्त कर एक-एक राज्य में अपनी-अपनी जीत को बांट लिया हैं। महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों और झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव परिणाम लगभग स्पष्ट हो गए है। साथ ही 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनावों में भी भाजपा को प्रतिपक्ष के मुकाबले भारी बढ़त मिली है। विशेष कर उत्तरप्रदेश के नौ और राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को आशातीत सफलता मिली है।
प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र की प्रतिष्ठापूर्ण विजय और भाजपा को झारखंड को छोड़ अन्य प्रदेशों में मिली विजय पर नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय पर आयोजित भव्य जलसे में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उनका उत्साह वर्धन किया है।
इसी प्रकार केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारी बहुमत से विजय प्राप्त की है। दूसरी ओर महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने विजयश्री का वरण किया है। प्रियंका गांधी की जीत के साथ एक नया इतिहास भी बना है जिसके अन्तर्गत संसद में अब गांधी परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे। सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा और राहुल गांधी रायबरेली से पहले ही लोकसभा सांसद है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने इस भव्य विजय पर नई दिल्ली में अपने आवास पर प्रियंका गांधी का शाल ओढ़ा कर अभिनंदन किया।
देश के 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों में असम की 5 (ढोलाई, सिदली, बोंगाईगांव, बेहाली, सामगुरी), बिहार की 4 (रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज), छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण, गुजरात की एक वाव, कर्नाटक की शिगगांव, संदूर, चन्नापटना, केरल की 2 विधानसभा पलक्कड़ और चेलक्कारा और एक लोकसभा (वायनाड), मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर, मेघालय की एक गमबेग्रे, पंजाब की 4 (गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, बरनाला, चब्बेवाल) राजस्थान की 7 (चोरासी, दौसा, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूम्बर, रामगढ़, झुंझुनू), सिक्किम की दो (सोरेंग-चाकुंग, नामची-सिंघीथांग, यूपी की 9 ( मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, फूलपुर, कटेहरी, मझवां, सीसामऊ),उत्तराखंड की एक केदारनाथ और पश्चिम बंगाल की तालडांगरा, हाओरा, सीताई-नैहाटी, मेदिनीपुर, मदारीहाट सीटों पर हुए उप चुनाव में भी भाजपा और सहयोगी दलों ने बढ़त बनाई है।
राजस्थान के उपचुनावों में भाजपा को बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश की 7 में से 5 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी एक-एक सीट जीतने में सफल रही है। भाजपा को झुंझुनू, खींवसर, रामगढ़, देवली उनियारा और सलूंबर में जीत मिली है जबकि कांग्रेस को दौसा और भारतीय आदिवासी पार्टी को चौरासी में सफलता मिली है। उपचुनाव के नतीजों से भजन लाल शर्मा मंत्रिपरिषद के सबसे वरिष्ठ मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमों सांसद हनुमान बेनीवाल को बड़ा झटका लगा है। डॉ किरोड़ी लाल मीणा के छोटे भाई जग मोहन मीणा दौसा तथा हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल खींवसर से चुनाव हार गई हैं। इसके साथ ही हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा का विधानसभा में भी अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। दूसरी ओर प्रदेश की हॉट सीटों में शामिल झुंझुनूं में पूर्व मंत्री दिवंगत शीशराम ओला और रामगढ़ में जुबैर खान परिवारों का परंपरागत गढ़ भी ढह गया है। इधर दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी अंचल में तेजी से वागड़ और मेवाड़ में अपना प्रभाव बढ़ा रहे भारत आदिवासी पार्टी (बाप) के प्रमुख राजकुमार रोत ने डूंगरपुर जिले की अपनी चौरासी सीट को बचाए रखने के साथ ही सलूंबर विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार को जबरदस्त टक्कर दी जिस कारण बाप का उम्मीदवार हर। हैं में बढ़त मिलने के बावजूद अंतिम चरण में चुनाव हारा है।
इन उप चुनावों में भाजपा की जीत को कई वजहों से रेखांकित किया जायेगा । पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास केवल एक सलूंबर की सीट ही थी और कांग्रेस के पास दौसा, उनियारा देवली, झुंझुनूं और रामगढ़ की सीटें थी लेकिन इस उप चुनाव में कांग्रेस दौसा के अलावा कोई सीट जीत नहीं पाई और भाजपा ने न केवल बाजी पलट कर रख दी वरण इन सीटों पर विजय पताका फहराने के अलावा हनुमान बेनीवाल से नागौर जिले की उनकी खींवसर सीट भी छीन ली। इस चुनाव से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कद बढ़ा है और चुनाव में भजन लाल और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की जोड़ी द्वारा 14 जन सभाएं, रोड शो तथा विभिन्न समाजों की कमरा बैठकों के अलावा बेहतर बूथ मैनेजमेंट कर चुनाव की बाजी जीत कांग्रेस से लोकसभा चुनाव में मिली हार का करारा जवाब देते हुए बदला भी ले लिया है।
इन उप चुनावों में भाजपा की सुनियोजित चुनाव रणनीति के मुकाबले कांग्रेस की व्यूह रचना बहुत ही ढीली रही और वे अपने बागियों तथा इण्डिया गठबन्धन के सहयोगी दलों के साथ भी तालमेल नहीं बैठा पाए जिसकी वजह से कई स्थानों पर चुनाव त्रिकोणीय हो गए तथा आखिर में वोटों के बंटवारे का फायदा भाजपा को ही मिला। इस बार कांग्रेस के बड़े नेताओं का चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं होना भी चर्चा का विषय बना। ये नेता महाराष्ट्र और झारखंड में ही अधिक व्यस्त रहे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोतप्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा तथा पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं सांसद मुरारी लाल मीणा एक मात्र दौसा की सीट पर मिली विजय से अपने मन को संतुष्ट कर सकते है। हालांकि दोनों दलों को जीत हार का आत्म विश्लेषण जरूर करना होगा।
यह चुनाव प्रदेश की राजनीति में एक नया संदेश देने वाला है। विशेष कर इस बार उप चुनाव वाली सीटों के मतदाताओं ने परिवारवाद की राजनीति को सिरे से नकार दिया। इसका प्रमाण दौसा में भाजपा तथा झुंझुनूं एवं रामगढ़ में कांग्रेस की हार है। हालांकि सलूंबर सीट पर भाजपा को लगातार चौथी बार विजय मिली हैं। यहां दिवंगत विधायक अमृत लाल मीणा की पत्नी शान्ति देवी मीणा कड़े संघर्ष के बाद चुनाव जीती है। इधर भजन लाल मंत्रिपरिषद के मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने अपने भाई की पराजय के दर्द का इजहार करते हुए अपनों पर ही भीतरघात का आरोप लगा दिया है। इस चुनाव ने यह भी साबित किया है कि उप चुनाव में सत्ताधारी दल को फायदा मिलता है क्योंकि हर क्षेत्र की जनता प्रायः उप चुनाव में अपने क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए सत्ताधारी दल के साथ ही रहना पसन्द करती है।
इन उप चुनावों के परिणामों ने राजस्थान की भजन लाल सरकार का आने वाले राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट ग्लोबल समिट 2024 का जायका बढ़ा दिया है और उम्मीद है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ की जोड़ी को आने वाले समय में मंत्रिपरिषद के विस्तार,संगठन के पदाधिकारियों तथा जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों,सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में राजनीतिक नियुक्तियों,नए जिलों के पुनर्गठन तथा मुख्यमंत्री शर्मा के ड्रीम प्रोजेक्ट्स ई आर सी पी और यमुना जल को प्रदेश में लाने आदि फैसलों की क्रियान्विति के लिए एक ताकत मिलेगी।
अब यह तय दिखता है कि यदि भजन लाल सरकार जन आकांक्षाएं पूरी करेंगी तो उप चुनाव में मिली यह शानदार विजय भाजपा के लिए राजस्थान में आने वाले स्थानीय निकायों और पंचायती राज चुनावों में संजीवनी बूटी का काम करेगी ।