कुल्लू में आयुर्वेद विभाग ने शुरू किया देश का प्रकृति परीक्षण अभियान

Ayurveda department started the country's nature testing campaign in Kullu

रविवार दिल्ली नेटवर्क

कुल्लू : भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा देश की प्रकृति प्रशिक्षण अभियान शुरू किया गया है। तो वही जिला कुल्लू में भी अब यह अभियान शुरू हो गया हैं। इस के तहत आम जनता आसपास की आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर अपने आप को रजिस्टर्ड करवाएगी और मोबाइल के माध्यम से ही उन्हें अपने शरीर की प्रकृति के बारे में पता चलेगा।

इसके अलावा आयुर्वेद विभाग के द्वारा व्यक्ति को प्रकृति के हिसाब से उचित खानपान के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। ताकि आयुर्वेद के माध्यम से व्यक्ति स्वस्थ रह सके। आयुर्वेद विभाग की जिला अधिकारी डॉक्टर सोनिया ने बताया कि जिला कुल्लू में 8000 लोगों को इसके लिए चिन्हित किया जाएगा और जगह-जगह पर उनका देश की प्रकृति प्रशिक्षण अभियान के तहत ऑनलाइन माध्यम से उन्हें उनका डाटा दर्ज भी किया जाएगा।

25 दिसंबर तक लोगों को इसके तहत रजिस्टर किया जाएगा.उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में वर्णित प्रकृति की अवधारणा जीनोमिक्स के विज्ञान और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा किए गए दो दशकों के शोध के आधार पर वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध है।

यह अभियान, एक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य जागरूकता पहल है, जिसका नेतृत्व देश के 4,70,000 से अधिक समर्पित स्वयंसेवकों द्वारा किया जा रहा है और इसका उद्देश्य पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा जागरूकता में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि यह पहल आयुर्वेद को हर घर के करीब लाती है और नागरिकों को अपनी अनूठी प्रकृति को समझने और व्यक्तिगत, निवारक स्वास्थ्य प्रथाओं को अपनाने के लिए सशक्त बनाती है।

आयुष मंत्रालय के नेतृत्व में और भारतीय चिकित्सा पद्धति के राष्ट्रीय आयोग (NCISM) द्वारा प्रबंधित \’देश का प्रकृति परीक्षण अभियान\’, वात, पित्त और कफ दोषों के आयुर्वेदिक सिद्धांतों के आधार पर किसी व्यक्ति की अद्वितीय मन-शरीर संरचना या प्रकृति की पहचान करने पर केंद्रित है। यह ज्ञान प्रतिभागियों को बेहतर स्वास्थ्य और बीमारी की रोकथाम के लिए अपनी जीवनशैली, आहार और व्यायाम दिनचर्या को अनुकूलित करने में सक्षम बनाता है।