लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाला अस्पताल खुद बीमार की हालात में खड़ा

The hospital that provides health facilities to people is itself in a sick condition

रविवार दिल्ली नेटवर्क

शिमला : यूं तो लोग बीमारी की हालात में अस्पताल में एक आशा की किरण लेकर आते हैं लेकिन जब वो अस्पताल खुद ही बीमारी की हालात में पड़ा हो तो उस आशा की किरण का टूटना लाज़मी हो जाता हैं, मुख्यमंत्री के व्यवस्था परिवर्तन के इस दौर में 50 पंचायतो का जिमा संभाल रहा सिविल अस्पताल चौपाल खुद बीमारी की हालत में पड़ा हुआ है ,जो की लंबे समय से उपचाराधीन है लेकिन मजाल है कि कोई पॉलिटिकल डॉक्टर इस अस्पताल की सुध लेते होंगे, विशेषज्ञ चिकित्सक तो छोड़िए यहां पर अगर रहने के लिए अच्छा भवन और मरीजों के लिए शौचालय तक भी अच्छे मिल जाते तो लोग धन्य हो जाते..!

चौपाल के स्थानीय लोगों का कहना है की अस्पताल में हालात इस प्रकार से हैं की यहां पर लगाए गए ब्लोअर मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं बाकी यहां पर दाखिल मरीज़ अपने घर से खुद हीटर लाने को मजबूर है, जबकि यहां पर नेत्र विशेषज्ञ तो उस समय से नहीं देखा गया है जब से यहां पर अस्पताल स्थापित किया गया है, और अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाएं तो छोड़िए जनाब, यहां विशेषज्ञ चिकित्सको की कमी से भी अस्पताल लंबे समय से जूझ रहा है जिसके चलते छोटे से इलाज़ के लिए भी 150 किलोमीटर दूर शिमला का रुख करना पड़ता है,

उनका कहना है की यहां शौचालय की दशा इस प्रकार से है की अंदर जाने का जी तक नहीं करता है, वहीं पुष्कर भोटा और कृष्णा मेहता ने एंबुलेंस सुविधाओं पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि 3 सालों से यहां पर एक एंबुलेंस अस्पताल का जिम्मा संभाले हुए हैं, अगर कहीं दो हादसे हो जाते हैं तो घंटों एंबुलेंस आने का इंतजार करना पड़ता है..! साथ ही बीमारी की हालात में दूर दराज क्षेत्र कुपवि से आए बुजुर्ग ने कहा की कुपवि अस्पताल में उचित इलाज न मिलने पर चौपाल अस्पताल आया था लेकिन यहां पर भी धक्के खाने को हो गया हूं.. अब सवाल यह पैदा होता है की ऐसा व्यवस्था परिवर्तन का दौर और सुख की सरकार का सुख कब तक चलता रहेगा..!