रविवार दिल्ली नेटवर्क
लुधियाना/चण्डीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा राज्य के विद्यार्थियों को मानक शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता के अंतर्गत वाशिंगटन डीसी के क्षेत्रीय अंग्रेज़ी भाषा कार्यालय (रेलो) द्वारा अंग्रेज़ी के अध्यापकों के लिए एक दिवसीय वर्कशॉप लगाई गई। यह वर्कशॉप पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना में पंजाब सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से करवाई गई।
इस वर्कशॉप में पंजाब भर से 320 अंग्रेज़ी, सामाजिक शिक्षा के अध्यापकों ने सक्रियता के साथ भाग लिया।
प्रशिक्षण सत्र में शिक्षा मंत्री श्री गुरमीत सिंह मीत हेयर, डायरैक्टर ऐजूकेशन जीएनसीटी दिल्ली के प्रमुख सलाहकार श्री शैलेंदर शर्मा, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के ओएसडी डॉ. प्रवीण चौधरी, डायरैक्टर एस.सी.ई.आर.टी. डॉ. मनिन्दर सरकारिया, सहायक डायरैक्टर श्री राजेश भारद्वाज, सहायक डायरैक्टर श्री गुरजीत सिंह, स्टेट रिसोर्स पर्सन श्री चन्द्र शेखर विशेष रूप से शामिल हुए।
क्षेत्रीय अंग्रेज़ी भाषा कार्यालय, अमेरिकी दूतावास में क्षेत्रीय अंग्रेज़ी भाषा अफ़सर श्रीमती रूथ गूडे, क्षेत्रीय अंग्रेज़ी भाषा कार्यालय अमेरिकी दूतावास में क्षेत्रीय अंग्रेज़ी भाषा विशेषज्ञ श्वेता खन्ना, मैंटर (सलाहकार) अध्यापक और शिक्षा डायरैक्टोरेट, जीएनसीटी दिल्ली में अंग्रेज़ी भाषा अध्यापक मनु गुलाटी ने इस वर्कशॉप को विद्यार्थियों और अध्यापकों के साथ एक प्रभावशाली और मानक बातचीत सत्र बताया।
श्रीमती रूथ गूडे (रेलो) ने वर्कशॉप को संबोधित करते हुए भाषायी कक्षाओं में अंग्रेज़ी के प्रयोग के महत्व पर ध्यान केंद्रित करके अध्यापकों के साथ अपने जीवन के प्रेरणादायक और वैश्विक अनुभव साझे किए।
शिक्षा मंत्री मीत हेयर ने अध्यापकों को उनके सम्बन्धित स्कूलों में पेश आ रही गंभीर समस्याएँ बड़े ध्यान से सुनी और आने वाले समय में उनके तत्काल समाधान करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने विद्यार्थियों की समग्र प्रगति और विकास के लिए अध्यापकों द्वारा किए जा रहे शानदार प्रयासों की सराहना की।
शिक्षा मंत्री ने अध्यापकों को केवल अध्यापन पर पूरा ध्यान देने के लिए प्रेरित करते हुए आश्वासन दिया कि उनको भविष्य में सभी ग़ैर-शिक्षण गतिविधियों से मुक्त किया जाएगा।
श्री मीत हेयर ने पंजाब में मानक शिक्षा लाने के लिए विदेशों से हर संभव विचारों और विधियों को अपनाने और समझने का वादा भी किया।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी अध्यापक पर फज़ऱ्ी आंकड़े दिखाने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा और असल तथ्यों/परिणामों को लेकर ही आगे चला जाएगा।