गोलरक्षक श्रीजेश की मुस्तैदी से भारत ने दी रोमांचक मैच में दी ओलंपिक व विश्व चैंपियन बेल्जियम को शिकस्त

  • अनुभवी मनप्रीत और आकाशदीप की सूझबझ भारत के काम आई
  • बेल्जियम के गोलरक्षक लोइक वॉन डोरेन ने दिखाई मुस्तैदी

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : अनुभवी गोलरक्षक पीआर श्रीजेश की मुस्तैदी, आक्रामक मिडफील्डर मनप्रीत सिंह की सूझबूझ और आकाशदीप सिंह, मनदीप सिंह ललित उपाध्याय के साथ नौजवान स्ट्राइकर अभिषेक और शमशेर की हॉकी की कलाकारी शनिवार देर रात ओलंपिक और विश्व चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ भारत के बहुत काम आई। गोलरक्षक श्रीजेश की मुस्तैदी और पूरी टीम के आखिर क्षण तक हार न मानने के जज्बे की बदौलत भारत की पुरुष टीम ने शनिवार को बेल्जियम को एफआईएच हॉकी प्रो लीग के एंटवर्प में खेले गए सांस रोक देने वाले बेहद रोमांचक पहले मैच में शूटआउट के जरिए 5-4 से हरा कर दो अंक पाए। भारत ने बढ़त लेने के बाद 1-3 से पिछडऩे के बाद अखिरी क्षण गजब का जीवट दिखा कर अंतिम नौ मिनट में दो गोल कर तीन-तीन की बराबरी पा मैच को शूटआउट में खींच दिया था। बेल्जियम के गोलरक्षक लोइक वान डोरेन ने निर्धारित समय में जिस जीवट से भारत के स्ट्राइकर अभिषेक, आकाशदीप और शमशेर के मैदानी गोल के ज्यादातर प्रयासों को और पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत सिंह और जुगराज के ड्रैग फ्लिक को रोका उसके लिए उनकी भी तारीफ की जानी चाहिए। भारतके अब 13 मैचों से 29 अंकों के साथ एफआईएच प्रो लीग में दूसरे स्थान पर पहुंच गया जबकि मेजबान बेल्जियम की टीम के इतने ही मैचों से 28 अंक ही रह और वह फिलहाल तीसरे स्थान पर है। नीदरलेंड की टीम 11 मैचों में सबसे ज्यादा 31 अंकों के साथ शीर्ष पर है।

भारत के हमलों के तांते को बेल्जियम के गोलरक्षक लोइक वान डोरेन ने जैसे तैसे पहले क्वॉर्टर तक किसी तरह रोक उसे गोल खाने से बचाए रखा। कप्तान अमित रोहिदास के डी के बार दाएं से बढ़ाई गेंद को अभिषेक ने डी के भीतर संभाल तेज शॉट जमाया जिसे गोलरक्षक लोइक के पैड से रोकने की कोशिश पर लौटती गेंद को शमशेर सिंह ने दूसरे क्वॉर्टर के तीसरे मिनट में गोल में डाल भारत का खाता खोला। सेड्रिक चार्लियर ने तीन मिनट बाद अकेले ही भारत की पूरी रक्षापंक्ति को छका गोल कर बेल्जियम को एक-एक की बराबरी दिला दी। साइमन गुगनार्ड ने डी के ठीक सामने मौका ताड़ गेंद को संभाल तेज शॉट से गोलरक्षक श्रीजेश को छका गोल कर बेल्जियम को तीसरे क्वॉर्टर के छठे मिनट में 2-1 से आगे कर दियाा। अलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने चौथे क्वॉर्टर के छठे मिनट में पांचवें पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर बेल्जियम को 3-1 का दिया। अगले ही क्षण सेंटर हाफ मनप्रीत सिंह को अपनी डी के भीतर बेल्जियम के आर्थर डी स्लूवर द्वारा खतरनाक ढंग से रोकने पर भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला और हरमनप्रीत सिंह ने इसे गोल में बदल स्कोर 2-3 कर दिया। भारत ने 58 वें मिनट में एक के बाद एक लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए। इसमें नौंवें और अंतिम पेनल्टी कॉर्नर पर जुगराज ने सीधा शॉट न ले बैक फ्लिक से गेंद डी के उपर खड़े जर्मनप्रीत सिंह की ओर सरकाई और उन्होंने दनदनाते जमीनी फ्लिक से बेल्जियम के गोलरक्षक लोइक वान डोरेन को छका गोल कर भारत को तीन-तीन की बराबरी दिला दी। बेल्जियम ने अंतिम मिनट में एक के बाद एक तीन पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन भारत के गोलरक्षक पीआर श्रीजेश और दोनों रशर कप्तान अमित रोहिदास व और मनप्रीत सिंह ने मिलकर तीनों को रोक कर उसे निर्धारित समय में विजयदाई गोल से रोक मैच शूटआउट में खींच दिया।

शूटआउट में गोथियर बोकार्ड ने पहले प्रयास में भारत के गोलरक्षक पीआर श्रीजेश को छका गोल कर बेल्जियम को 1-0 से आगे कर दिया। हरमनप्रीत ने बेल्जियम के गोलरक्षक लोइक वान डोरेन को गच्चा दे गोल कर भारत को 1-1 की बराबरी दिला दी। दूसरे प्रयास में तेंगई कजिंस को बाधा पहुंचाने पर मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर अलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने अचूक फिलक से गोलरक्षक श्रीजेश को छका गोल कर बेल्जियम को 2-1 से आगे कर दिया। स्ट्राइकर अभिषेक ने बेहतरीन रिवर्स फ्लिक से गोलरक्षक लोइक को छका गोल भारत को 2-2 की बराबरी दिला दी। साइमन गगुनार्ड ने गोलरक्षक श्रीजेश को छका बेल्जियम को 3-2 से आगे किया लेकिन ललित उपाध्याय ने हॉकी की बेहतरीन कलाकारी दिखा गोलरक्षक लोइक को गच्चा दे जमीनी फ्लिक से गोल कर भारत को 3-3 की बराबरी दिला दी। अगले और चौथे प्रयास में ऑर्थर डी स्लूवर को बाधा पहुंचाने पर मिले दूसरे पेनल्टी स्ट्रोक को हेंड्रिक्स ने गोल में बदल कर बेल्जियम को 4-3 की बढ़त दिला दी। शमशेर सिंह ने चौथे प्रयास को गोल में बदल कर भारत को 4-4 की बराबरी दिलाई। शूटआउट में पांचवें व अंतिम प्रयास पर निकोलस डी करपल को गोलरक्षक श्रीजेश द्वारा बाधा पहुंचाने पर बेल्जियम को शूटआउट में तीसरा पेनल्टी स्ट्रोक मिला। एक बार फिर बेल्जियम के लिए यह पेनल्टी स्ट्रोक हेंड्रिक्स ने लिया लेकिन इस बार भारत के गोलरक्षक श्रीजेश ने अच्छा पूर्वानुमान लगा उनके फ्लिक का कोण भांप रोक लिया और स्कोर 4-4 ही रह गया। सदाबहार अनुभवी आकाशदीप सिंह ने बेहद शांत तरीके से बेल्जियम के गोलरक्षक लोइक वान डोरेन के दाएं से गेंद को फ्लिक कर भारत को एफआईएच प्रो लीग का संभवत: सबसे रोचक और यादगार मैच जिता दिया।

‘इस जीत के लिए मैं अपनी टीम के साथियों का आभारी हूं। हमें यह जीत टीम प्रयास से मिली। हमारी भारतीय टीम ने पिछडऩे के बाद आखिर क्षण तक जूझने का जज्बा दिखा बेल्जियम के खिलाफ यह जीत हासिल की। बेल्जियम विश्व और ओलंपिक चैंपियन है और हमने एक क्षण के लिए मैच को हल्के नहीं लिया और इसीलिए हम मैच में आखिर तक बने रहे। हम सभी ने मैच में आखिरी क्षण तक उर्जा बनाए रखी। मेजबान बेल्जियम को अपने घर मे एंटवर्प में जिस तरह का समर्थन मिला उसके खिलाफ आप एक भी गलती गवारा नहीं कर सकते।
पीआर श्रीजेश, भारत के गोलरक्षक