भारत के सामने चीन की ‘दीवार’ तोड़ जूनियर महिला हॉकी एशिया कप खिताब बरकरार रखने की चुनौती

India faces the challenge of breaking China's 'wall' and retaining the Junior Women's Hockey Asia Cup title

भारत की जू.टीम ने जापान की जू.टीम को सेमीफाइनल में 3-1 से हराया

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : स्ट्राइकर मुमताज खान, साक्षी राणा और ऑलराउंडर दीपिका सहरावत के पहले क्वॉर्टर के 13 मिनट के भीतर दागे एक क गोल की बदौलत भारत ने पूल बी में अपने चारों मैच जीत शीर्ष पर रही जापान की टीम को मस्कट (ओमान) में शनिवार रात जूनियर महिला हॉकी एशिया कप के पहले सेमीफाइनल में 3-1 से हराया। पराजित जापान की जूनियर टीम की ओर से इकलौता गोल दूसरे क्वॉर्टर में निको मरुयामा ने दागा।

किंगमियाओ फेंग,लिहांग वांग, जियालिंग ली और कप्तान ओलंपियन जिंजहुआंग तान के एक एक गोल से चीन की जूनियर टीम ने देक्षिण कोरिया की जूनियर टीम को दूसरे सेमीफाइनल में 4-1से हरा अजेय रहकर फाइनल में स्थान बनाया। अब भारत की जूनियर के पास फाइनल में चीन की जूनियर टीम को हरा उससे पूल ए में बेहद करीबी मैच में मिली 1-2 से हार का हिसाब चुकता कर खिताब बरकरार रखने का मौका है। भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम को खिताब बरकरार रखना है कि मौजूदा टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 12 गोल कर शीर्ष पर चल रही ऑलराउंडर दीपिका सहरावत, सात गोल कर दूसरे नंबर पर चल रही कणिका सिवाच और अब तक पांच गोल कर चुकी उसकी तेज तर्रार स्ट्राइकर की त्रिमूर्ति को मैदानी गोल करने के साथ पेनल्टी कॉर्नर भी बनाने होंगे। साथ ही भारत की कप्तान फुलबैक पर चीन के लिए सबसे ज्यादा सात सात गोल करने वाली
गुआतोंग हाओ और लिहांग वांग के साथ पांच गोल करने वाली कप्तान ड्रैग फ्लिकर ओलंपियन जिंजहुआंग तान की मजबूती से चौकसी करनी होगी।

भारत की जूनियर टीम ने जापान की जूनियर टीम के खिलाफ सेमीफाइनल में आक्रामक अंदाज में आगाज कर 3-0 की बढ़त ले अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी। मुमताज खान ने जापान की जूनियर टीम की रक्षापंक्ति का लाभ उठा चौथे मिनट में गोल कर भारत की जूनियर टीम का खाता खोला और अगले ही मिनट साक्षी राणा ने डी के उपर से तेज शॉट जमा अपनी टीम को 2-0 की बढ़त दिला दी। ऑलराउंडर दीपिका ने पहला क्वॉर्टर खत्म होने से दो मिनट ब्यूटी डुंगडुंग को डी के भीतर जापान की जूनियर टीम की गोलरक्षक द्वारा गिराने पर मिले पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदल कर भारत की जूनियर टीम की बढ़त 3-0 कर दी। जापान की जूनियर टीम मैच की वापसी के मकसद से उतरी और दूसरे क्वॉर्टर के आठवें मिनट में निको मरुयामा ने गोल कर स्कोर 1-3 कर दिया और इसके बाद मैच में अैर गोल नहीं हुआ। दोनों टीमों ने और गोल करने की कोशिश की लेकिन तीसरे क्वॉर्टर में और गोल नहीं हुआ।

जापान की जूनियर टीम ने चौथे क्वॉर्टर में आक्रामक में अंदाज में आगाज किया लेकिन भारत की जूनियर टीम में खासतौर पर फुलबैक ज्योति सिंह ने अपने किले की बहुत चतुराई से चौकसी कर उसकी और गोल करने की हसरत पर पानी फेर दिया। भारत की जूनियर टीम की कप्तान ज्योति सिंह ने ठीक गोलरेखा पर गेंद को रोक जापान की जूनियर टीम के हमले को नाकाम किया।