रविचंद्रन अश्विन ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा

Ravichandran Ashwin said goodbye to international cricket

  • अश्विन बोले, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सभी फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेटर के रूप में आखिरी दिन
  • आप पत्रकारों का मेरे बारे में अच्छी बातें लिखने के साथ कभी कभी कड़वी बातें लिखने के लिए आभार

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : रविचंद्रन अश्विन ने अपने टेस्ट करियर का समापन भारत के दूसरे 106 टेस्ट मैचों में 24 की औसत से कुल 537 विकेट चटका दूसरे सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में किया। अश्विन अब महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले( 132 टेस्ट, 629 विकेट) के बाद भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने में दूसरे नंबर है। अश्विन ने साथ ही भारत के लिए टेस्ट में छह शतकों और 14 अर्द्धशतकों सहित 3503 टेस्ट रन बनाए। वह दुनिया के टेस्ट में 300 से ज्यादा विकेट और 3000 से ज्यादा रन बनाने वाले 11 ऑलराउंडरों में शामिल हैं। अश्विन टेस्ट में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के साथ दुनिया में संयुक्त रूप से 11 -11 बार मैन ऑफ द सीरीज रहे। अश्विन का भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर 2010 में शुरू हुआ और वह 2011 में वन डे विश्च कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे। अश्विन ने भारत के लिए 116 अंतर्राष्ट्रीय वन डे मैच खेल 156 विकेट और 65 टी 20 अतर्राष्ट्रीय मैच खेल 72 विकेट चटकाए।

भारत के सर्वकालीन महान स्पिनरों में से एक ऑफ रविचंद्रन अश्विन ने तत्काल प्रभाव से बुधवार को गाबा(ब्रिस्बेन) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के खत्म होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की घोषणा कर दी। वह बृहस्पतिवार को ब्रिस्बेन से भारत के लिए रवाना होंगे। अश्विन हालांकि गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के तीसरे टेस्ट में भारत की एकादश का हिस्सा नहीं थी। अंतिम दिन जब बारिश के कारण खेल रुका तो वह भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली के साथ बैठे और फिर तभी उठकर विराट कोहली ने जब उनके गले लगे तो तब यह जरूर लगा कुछ खास बात तो है लेकिन क्या है, तब यह मालूम नहीं पड़ा। तीसरा टेस्ट ड्रॉ समाप्त किए जाने की घोषणा के बाद अश्विन कप्तान रोहित शर्मा के साथ संवाददाता सम्मेलन में आए और उनसे पहले वह बोले।

अश्विन ने इस संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मेरा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सभी फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेटर के रूप में आज यानी बुधवार आखिरी दिन है। मैं मानता हूं कि बतौर क्रिकेटर मुझमें अभी भी काफी दम बाकी है लेकिन मैं इसे अब क्लब स्तर के क्रिकेट पर ही प्रदर्शित करना चाहूंगा लेकिन भारतीय क्रिकेट के रूप में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आखिर दिन है। मेंने बहुत लुत्फ उठाया। मैं यह जरूर कहूंगा कि हम ड्रेसिंग रूप में पुराने क्रिकेटरों के आखिरी पीढ़ी है औा मैं इस स्तर पर खेलने की अपनी आखिरी तारीख के रूप में चिन्हित करूंगा। मैं बहुत लोगों का आभार जताना चाहूंगा लेकिन मैंने यदि बीसीसीआई और अपने साथी खिलाड़ियों का धन्यवाद नहीं किया तो मैं अपने कर्त्तव्य को पूरा नहीं करूंगा। मै सभी क्रिकेट उस्तादों का आभारी हूं, जो मेरी इस क्रिकेट यात्रा का हिस्सा रहे। सबसे अहम है रोहित, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, जिन्होंने मैदान पर प्रतिद्वंद्वी टीम के बल्लेबाजों के बल्ले से लग कर उछली गेंदों पर शानदार कैच लपक कर मुझे बरसों बराबर विकेट दिलाए। मैं ऑस्ट्रेलियाई टीम का भी आभार जताना चाहूंगा जो कि बेहद कड़ी प्रतिद्वंद्वी है। मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का लुत्फ उठाया।’

अश्विन ने कहा कि आज मीडिया के किसी भी तरह के सवालों का जवाब नहीं देंगे और केवल अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के लिए रोहित के साथ इस संवाददाता सम्मेलन में अए हैं। अश्विन ने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की घोषणा करना मेरे लिए बेहद भावुक क्षण है। मुझे नहीं लगता कि मैं उस स्थिति में हूं जहां मैं सवालों का सही जवाब दे पाउंगा।आप मुझे इसके लिए क्षमा करेंगे। आप पत्रकारों का मेरे बारे में अच्छी बातें लिखने के साथ कभी कभी कड़वी बातें लिखने के लिए आभार। मुझे लगता है यह एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम हमेशा बनाए रखेंगे। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में आने वाले क्रिकेटरों को आपका उतरना ही स्नेह मिलेगा।’आखिरी में अश्विन ने इस बात की पुष्टि की वह आईपीएल(चेन्नै सुपर किंग्स) और टीएनपीएल (डिंडीगल ड्रैगंस) में जरूर क्रिकेटर के रूप में जरूर जुड़े रहेंगे

हमें अश्विन के टीम के साथी के रूप में उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए : रोहित
जब रविचंद्रन अश्विन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की घोषणा की तो उनके साथ भारत के कप्तान रोहित शर्मा भी मौजूद थे। अश्विन के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की बाबत भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, ‘कुछ फैसले बेहद निजी होते हैं और मैं इस बाबत न तो बहुत से सवाल पूछे जाने चाहिए और न ही सवाल उठाए जाने चाहिए। यदि किसी खिलाड़ी ने कोई फैसला कर लिया है तो उसे इसे लेने का अधिकार होना चाहिए। अश्विन जैसा क्रिकेटर जो कि बहुत बरस से हमारे साथ हे और उन्हें खुद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने जैसे फैसले लेने की इजाजत मिलनी चाहिए। हमें अश्विन के टीम के साथी के रूप में उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए। वह जो कुछ करना चाहते थे वह उसकी बाबत पूरी तरह आश्वस्त थे और पूरी टीम उनकी इस सोच में उनके साथ है। अब बेशक टेस्ट मैचों के बीच काफी समय है और टीम के लिए हमारे लिए फिर से जुड़ आपस में विचार करना अहम है। मैं पर्थ पहुंचा तो मैंने अश्विन की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की योजना की बाबत सुना। बेशक में मैं पर्थ टेस्ट में शुरू के तीन चार दिन वहां नहीं था। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की बात अश्विन के जेहन में तभी से ही चल रही थी। मुझे पूरा विश्वास है अश्विन इसका जवाब देने की स्थिति में होंगे। मैं यह कहूंगा कि अश्विन यह समझते हैं कि टीम क्या सोचती है और हम टीम के लिए किस तरह के संयोजन की बाबत सोचते हैं। जब ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर आए थे तो हम इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि कौन सा स्पिनर खेलेगा। हम बस आकलन कर यह जानना चाहते थे कि हमारे सामने क्या स्थिति है। मैं जब पर्थ पहुंचा तो हमारी यही बात हुई और मैंने इस बात के लिए राजी कर लिया कि वह एडिलेड में गुलाबी गेंद से दूसरे टेस्ट तक रुक जाए। यह बस इसीलिए हुआ कि अगर उन्हें लगे कि अभी भी सीरीज में मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे लिए बेहतर होगा कि मैं अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दू। हम अभी भी मेलबर्न में चौथे टेस्ट के लिए नहीं पहुंचे हैं हमें नहीं मालूम कि वहां क्या स्थिति होगी और किस तरह के संयोजन की जरूरत होगी। अश्विन को खासतौर पर जेहन में रख उन्हें सम्मान देते हुए यदि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की सोच चुके हैं तो हमें उन्हें इसकी अनुमति देनी चाहिए। ऐसे में हम सभी को इस मोड़ पर उनके साथ खड़ा होना चाहिए। मैं इस वक्त यही सोच रहा हूं और मेरी और गौतम गंभीर की इस बाबत यह बात हुई है। यह अहम है अश्विन जैसा भारतीय टीम के लिए बहुत बड़ा मैच विजेता रहा क्रिकेटर उसे अपना निर्णय लेने की अनुमति है और ऐसा है तो है ऐसा हो।