‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे अभियानों ने रक्षा और अंतरिक्ष विज्ञान में नए आयाम स्थापित किए हैं : राज्यपाल

Campaigns like ‘Make in India’ and ‘Digital India’ have established new dimensions in defence and space science: Governor

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : नई दिल्ली में एसआईए-इंडिया द्वारा आयोजित डैफसेट-2025 कार्यक्रम में राज्यपाल ले.जन.(सेनि) गुरमीत सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भारत का भविष्य रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में न केवल उज्ज्वल है, बल्कि आशा और संभावनाओं से परिपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि हमारा ‘विकसित भारत 2047’ का दृष्टिकोण हमें न केवल आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी अग्रणी भूमिका निभाएं। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे अभियानों ने रक्षा और अंतरिक्ष विज्ञान में नए आयाम स्थापित किए हैं। तेजस जैसे स्वदेशी लड़ाकू विमान और अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारत के आत्मनिर्भर रक्षा ढांचे का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। राज्यपाल ने इसरो की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि उसकी दीर्घकालिक योजनाएं, जैसे उपग्रह प्रक्षेपण और अंतरग्रहीय मिशन, भारत को न केवल तकनीकी रूप से सक्षम बना रही हैं, बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान दे रही हैं। उन्होंने अंतरिक्ष और रक्षा प्रौद्योगिकियों को समग्र दृष्टिकोण के साथ विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता में भी योगदान देगा। राज्यपाल ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आज न केवल हमारी सीमाओं की सुरक्षा करती है, बल्कि नई संभावनाओं के द्वार भी खोलती है। अंतरिक्ष और रक्षा प्रौद्योगिकी का यह संगम भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाता है। राज्यपाल ने आत्मनिर्भरता और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों के बीच मजबूत साझेदारी को आवश्यक बताया। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स, छोटे और मध्यम उद्योगों की भागीदारी को बढ़ावा देने और भारत को ‘स्पेस फॉर ऑल’ नीति के तहत एक अग्रणी राष्ट्र बनाने पर बल दिया।