अजय कुमार
लखनऊ : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान,आज 3 फरवरी को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर तीसरा और अंतिम शाही स्नान संपन्न हुआ। त्रिवेणी संगम पर आयोजित इस महायोजन में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, जिसमें संतों, महंतों और महामंडलेश्वरों की विशेष उपस्थिति रही।इसी के साथ तमाम अखाड़ों के साधू संतों और शंकराचार्य महाकुंभ से वापसी करते हुए अपनं-अपने स्थायी अखाड़ों के लिये रवाना होने लगे हैं।
बसंत पंचमी, जिसे विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना के लिए जाना जाता है, इस वर्ष महाकुंभ के अंतिम शाही स्नान के साथ एक विशेष संयोग लेकर आई। पंचमी तिथि 2 फरवरी को दोपहर 12:45 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी को सुबह 9:48 बजे तक रही। इस अवधि में, ब्रह्म मुहूर्त में अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:05 बजे से 5:55 बजे तक था, जिसमें श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ अर्जित किया।
महाकुंभ के इस अंतिम शाही स्नान के दौरान, प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। हाल ही में मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई भगदड़ की घटना के बाद, व्यवस्थाओं को और भी सुदृढ़ किया गया। सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई, भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष उपाय अपनाए गए, और निगरानी के लिए अतिरिक्त कैमरों का उपयोग किया गया।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए, प्रशासन ने अस्थायी पुलों, चिकित्सा शिविरों, स्वच्छता सुविधाओं और यातायात प्रबंधन के विशेष इंतजाम किए थे। साथ ही, संतों और अखाड़ों के लिए विशेष मार्ग और स्नान घाटों की व्यवस्था की गई थी, ताकि शाही स्नान की परंपरा निर्विघ्न संपन्न हो सके।