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रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बजट 2025-26 की सराहना करते हुए इसे “उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ाने वाला स्पष्ट रोडमैप” बताया है। डॉ. सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया कि यह बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट होने के साथ तकनीकी पैरामीटर्स पर भी आदर्श बजट है। राजकोषीय घाटा: 2.97% है जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफ०आर०बी०एम० एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है। नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है।
डॉ. सिंह ने आगे जोड़ा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 11.6% की दर से बढ़ रही है, जो राष्ट्रीय औसत (9.6%) से अधिक है। कोविड मंदी के बावजूद 2016-17 में प्रतिवर्ष आय 52,671 से वर्ष 2023-24 में बढ़कर ₹93,514 रूपये हुई है। विधायक ने जोड़ा इस बजट का 22% हिस्सा आधारभूत संरचना, 13% शिक्षा और कौशल विकास, 11% कृषि और 6% स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा, जिससे प्रदेश के समग्र विकास को मजबूती मिलेगी। यह बजट प्रदेश के संतुलित आर्थिक विकास, आधारभूत संरचना, डिजिटल परिवर्तन, शिक्षा, औद्योगिक निवेश, कृषि, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बजट 2025-26 की मुख्य विशेषताएं:
बजट का कुल आकार: ₹8,08,736.06 करोड़ (पिछले वर्ष की तुलना में 9.8% की वृद्धि)
कुल राजस्व प्राप्तियां: ₹7,79,242.65 करोड़
राजकोषीय घाटा: 2.97% (GSDP का) – FRBM सीमा 3.5% से कम
पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure): ₹2,25,561.49 करोड़
नई योजनाओं में निवेश: ₹28,478.34 करोड़
बजट में प्रमुख क्षेत्रों को दिया गया बढ़ावा:
बुनियादी ढांचा और उद्योग:
₹1050 करोड़ से 4 नए एक्सप्रेसवे का निर्माण
₹2900 करोड़ राजमार्गों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण हेतु
₹461 करोड़ Defence Industrial Corridor के विकास हेतु
₹1000 करोड़ Storm Water Drainage योजना हेतु
₹400 करोड़ स्मार्ट सिटी योजना हेतु
डिजिटल शिक्षा और साइबर सुरक्षा:
₹580 करोड़ से PM श्री योजना में स्मार्ट शिक्षा का विस्तार
₹454 करोड़ से ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना
₹5 करोड़ से लखनऊ में AI City का विकास
स्वरोजगार और स्टार्टअप:
₹1000 करोड़ मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान हेतु
₹300 करोड़ टेक्सटाइल पार्क के लिए
₹225 करोड़ स्टार्टअप्स और स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु
कृषि और ग्रामीण विकास:
₹4882 करोड़ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना हेतु
₹1100 करोड़ लघु सिंचाई योजना हेतु
₹2045 करोड़ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) हेतु
नगरीय विकास और आवास:
₹3150 करोड़ प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 1.0 हेतु
₹1732 करोड़ प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 हेतु
लखनऊ सहित 6 जिलों को मिलाकर स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) का गठन
रोजगार सृजन और औद्योगिक निवेश:
पिछले 8 वर्षों में कुल निवेश प्रस्ताव: ₹45 लाख करोड़
धरातल पर उतरा निवेश : ₹15 लाख करोड़
60 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित
राजकोषीय अनुशासन और वित्तीय स्थिरता:
नीति आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश को “फ्रंट रनर” राज्य घोषित किया गया
UP की अर्थव्यवस्था 11.6% की दर से बढ़ रही है, जो राष्ट्रीय औसत (9.6%) से अधिक है
राजस्व अधिशेष: ₹79,516.36 करोड़
प्रति व्यक्ति आय में ऐतिहासिक वृद्धि:
2016-17: ₹52,671
2019-20: ₹65,660
2023-24: ₹93,514 (कोविड मंदी के बावजूद)
डॉ. सिंह ने कहा कि “यह बजट केवल व्यय का विवरण नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की आर्थिक ताकत को दर्शाने वाला एक दूरदर्शी दस्तावेज़ है।” उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में आई तेजी और प्रति व्यक्ति आय में हुई बढ़ोतरी दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। डॉ. सिंह प्रदेश की 25 करोड़ जनता के हितों का ध्यान रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का विशेष आभार भी व्यक्त किया।