आस्था के सम्मान की सबसे अनोखी मिसाल: सरोजनीनगर से करतारपुर तक

The most unique example of respect for faith: From Sarojininagar to Kartarpur

रविवार दिल्ली नेटवर्क

लखनऊ : मंगलवार का दिन न केवल सरोजनीनगर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत गौरवशाली, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से अभूतपूर्व रहा। सरोजनीनगर के 41 सिख श्रद्धालुओं ने अटारी-वाघा बॉर्डर पार कर पाकिस्तान स्थित पवित्र करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका और गुरु नानक देव जी की चरण रज प्राप्त कर अपने जीवन की एक अधूरी इच्छा को पूर्ण किया। यह यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा, आस्था और भक्ति का सजीव प्रमाण बनी, जिसमें हर श्रद्धालु की आंखें श्रद्धा और कृतज्ञता से छलक रही थीं।

इस पावन तीर्थयात्रा का सपना सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह जी की अथक संकल्पशक्ति और दूरदृष्टि के कारण साकार हो सका। वर्षों से सिख समाज की यह आकांक्षा थी कि उन्हें करतारपुर साहिब के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो। इस भावना को आत्मसात करते हुए, डॉ. सिंह जी ने ‘अमृतसर-करतारपुर तीर्थयात्रा’ की भव्य योजना बनाई और इसे क्रियान्वित किया। उनके प्रयासों का ही परिणाम है कि सरोजनीनगर के श्रद्धालुओं को न केवल अमृतसर के पवित्र स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने, बल्कि पाकिस्तान स्थित सिख आस्था की धरोहर, श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ।

सभी 41 श्रद्धालुओं का जत्था 24 फरवरी को अमौसी एयरपोर्ट से इंडिगो फ्लाइट द्वारा अमृतसर के लिए रवाना हुआ, जहां उनका ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत हुआ। स्वर्ण मंदिर में दर्शन करने के बाद, सभी श्रद्धालु करतारपुर साहिब के लिए रवाना हुए। इस यात्रा के हर पड़ाव पर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा विशेष प्रबंध किए गए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उनकी टीम के वालंटियर्स पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के साथ रहे, जिससे इस यात्रा को पूरी तरह से सुव्यवस्थित और सहज बनाया गया। करतारपुर साहिब के दर्शन के दौरान कई श्रद्धालु भावुक हो उठे। उनकी आंखों में श्रद्धा के अश्रु छलक पड़े, क्योंकि यह वह पावन धाम है जहां सिखों के प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किए और पूरी मानवता को प्रेम, एकता और सेवा का संदेश दिया। श्रद्धालुओं ने कहा कि यह यात्रा उनके जीवन की सबसे यादगार और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाली यात्रा रही। सभी ने इस ऐतिहासिक अवसर को संभव बनाने के लिए विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का आभार जताया।

करतारपुर साहिब की यात्रा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता और सिख समाज के प्रति उनके सम्मान का प्रत्यक्ष प्रमाण है। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रयासों से करतारपुर कॉरिडोर की स्थापना हुई, जिससे भारतीय श्रद्धालुओं को बिना वीज़ा पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब के दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ। यह पहल न केवल सिख समाज बल्कि संपूर्ण भारतीय संस्कृति और धार्मिक विरासत के लिए अत्यंत गौरव का विषय रही है। प्रधानमंत्री जी की इसी सोच से प्रेरित होकर, डॉ. राजेश्वर सिंह ने भी अपने क्षेत्र के श्रद्धालुओं की इस आध्यात्मिक यात्रा को संभव बनाया और आगे भी ऐसी यात्राओं को जारी रखने का संकल्प लिया है। डॉ. राजेश्वर सिंह केवल एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और सेवा भाव के प्रतीक बनकर उभरे हैं। उनकी पहल पर अब तक 37 राम रथ श्रवण यात्राओं के माध्यम से हजारों श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम के दर्शन कराए जा चुके हैं। उन्होंने सरोजनीनगर को केवल एक विधानसभा क्षेत्र के रूप में नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक परिवार के रूप में देखा है। इसी सोच के तहत उन्होंने यह यात्रा आयोजित की, जिससे श्रद्धालु अपनी धार्मिक आस्था को पूर्ण कर सकें और आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकें।