
- गंभीर के हेड कोच के रूप में लिए कड़े फैसले फैसले टीम इंडिया के काम आए
- भारतीय क्रिकेट टीम गंभीर के मार्गदर्शन में सही राह पर
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत के अजेय रह तटस्थ स्थान दुबई में अपने सभी पांचों मैच जीत आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट खिताब जीतने टीम से पूर्व धुरंधर ओपनर गौतम गंभीर की टीम इंडिया के हेड कोच के रूप में गाड़ी पटरी पर आ गई है। गंभीर भारत के मेहमान न्यूजीलैंड से तीन टेस्ट की सीरीज 0-3से और मेजबान ऑस्ट्रेलिया से पहला टेस्ट जीतने के बाद पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी 1-3 से हारने के बाद आलोचकों के खासे निशाने पर रहे। हेड कोच गंभीर के मार्गदर्शन में भारत की टीम इससे पहले श्रीलंका से उसके घर में तीन वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों की क्रिकेट सीरीज 0 -2 से हार गया था। भारत के मेहमान इंग्लैंड से पांच टी 20 की सीरीज 4-1 और तीन वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज 3-0 से जीतने के बाद दुबई में जीत के ‘पंजे’ के साथ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने से हेड कोच गंभीर ने अपने और टीम इंडिया के आलोचकों का मुंह बंद दिया। सच तो यह है कि गंभीर के हेड कोच के रूप में लिए कड़े फैसले फैसले टीम इंडिया के काम आए। भारत को तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में जिस तरह उसके दो सबसे सीनियर क्रिकेटरों विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा ने बल्ले से धमाल कर मौके पर चौका जड़ दोनों ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले ‘शुभचिंतकों’ को एकदम शांत करा हेड कोच गंभीर के भरोसे को सही साबित किया। अब एक बात तो लगभग तय है कि विराट और रोहित जैसे धुरंधर बल्लेबाजों तो के साथ हेड कोच गौतम गंभीर की त्रिमूर्ति 2027 के वन डे विश्व कप मे भारत की नुमाइंदगी करती दिखेगी। भारत अब दक्षिण अफ्रीका , जिम्बाब्वे व नामिबिया की संयुक्त मेजबानी में 2027 में होने वाले आईसीसी वन डे क्रिकेट विश्व कप से पहले 27 वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलेगी। बेशक भारत का हेड कोच गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतना भविष्य में कामयाबियों की नई कहानी लिखने का बस आगाज भर है।
गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में भारतीय क्रिकेट टीम सही राह पर है। गौतम गंभीर बतौर हेड कोच बिंदास हो अपनी बात कहने में संकोच नहीं करते और मुमकिन है उनकी कोई बात किसी सीनियर क्रिकेटर को कभी चुभ भी जाती हो। गंभीर के लिए बेहतर होगा कि वह यदि टीम के खिलाड़ियों के साथ बेहतर संवाद कर भारत को अपने तीन बरस के इस कार्यकाल में यदि 2027 दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामिबिया की संयुक्त मेजबानी में होने वाला आईसीसी वन डे क्रिकेट विश्व तीसरी बार जिताए तो इससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता है। इससे पहले गंभीर के मार्गदर्शन में हालांकि मौजूदा चैंपियन भारत के सामने अपने घर में तीसरी बार टी 20 विश्व कप भी जीतने की चुनौती होगी।
रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत के 2024 में आईसीसी टी 20 क्रिकेट विश्व कप जीतने के बाद राहुल द्रविड़ के हेड कोच के पद से इस्तीफा देने के बाद गौतम गंभीर ने 9 जुलाई, 2024 को भारत के हेड कोच की जिम्मेदारी संभाली। गंभीर ने एक नहीं अनेक धुरंधरों से सज्जित टीम इंडिया को शुरू के छह महीनों में अपने से खेलने की छूट देने के बाद ऑस्ट्रेलिया के हाथों कड़े तेवर दिखाए और बताया जाता है कि फिर उन्होंने टीम इंडिया में खिलाड़ियों को साफ साफ कह दिया कि अब वह तय करेंगे कि टीम कैसे खेलेगी।
पाकिस्तान के भारत की सरहद पर पाकिस्तान के आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने पर उसकी धरती पर खेलने से इनकार करने पर उसके सभी मैच जब तटस्थ दुबई में कराने का फैसला किया गया तो हेड कोच गंभीर ने कप्तान रोहित शर्मा के साथ वहां की स्थितियों का सही आकलन कर अंतिम समय में बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की जगह मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती और तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की जगह हर्षित राणा को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए 15 सदस्यीय टीम में शामिल करने के कड़े फैसले लिए जो उनकी तुरुप चाल साबित हुए। बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के बजाय केएल राहुल और टी 20 विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह की जगह शुरू के दो मैचों में हर्षित राणा और आखिर के तीन मैचों में स्पिन ऑलराउंडर वाशिंगटन की बजाय मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को एकादश में शामिल करने जैसे हेड कोच गौतम गंभीर के कड़े और दिल से फैसलों का नतीजा है रहा कि भारत ने दुबई में सेमीफाइनल और फाइनल सहित अपने सभी पांचों मैच जीत चैंपियंस ट्रॉफी जीती। भारत की चैंपियंस ट्रॉफी की खिताबी जीत हेड कोच गौतम गंभीर के अब तक कोचिंग कार्यकाल का सबसे बड़ा अहम और कामयाब पड़ाव है। गौतम गंभीर इस लिहाज से खुशकिस्मत हैं कि कप्तान रोहित शर्मा ने उनकी बनाई रणनीति को मैदान पर अमली जामा पहनाया। गौतम गंभीर ने भी रोहित शर्मा के बतौर ओपनर उनकी शुरू से ही दे दनादन अंदाज में बल्लेबाजी करने पर उनकी फाइनल में अहम अर्द्धशतक से पहले छोटी पारियों का यह कह कर बचाव किया वे उनके रनों नहीं बल्कि इनके मैच में नतीजों में अहमियत के लिहाज से देखते है। यह बात सही भी साबित हुई क्योंकि रोहित के अपने सलामी जोड़ीदार के रूप में शुरू से दे दनादन का नतीजा रहा कि भारत के मध्यक्रम और निचले क्रम के बल्लेबाजों पर दुबई की धीमी पिचों पर दबाव ही नहीं आया। मध्यक्रम में बाएं और दाएं हाथ की जोड़ी के लिए अक्षर पटेल को बल्लेबाजी में पांचवें और केएल राहुल को छठे नंबर पर उतारने का हेड कोच गंभीर का फैसला चैंपियंस ट्रॉफी के लिहाज से मास्टर स्ट्रोक साबित हुए। केएल राहुल ने फिनिशर की और हार्दिक पांडया ने सातवें नंबर पर उतर कर ताबड़तोड कर किसी भी टीम को भारत पर दबाव बनाने का मौका दिया।
भारत ने अपने घर में सूर्य कुमार यादव की कप्तानी व हेड कोच गंभीर के मार्गदर्शन में मेहमान इंग्लैंड से पांच टी 20 वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज 4-1 से जीती और इसी में मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने 14 विकेट चटका मैन ऑफ द’ सीरीज रहे। हेड कोच गंभीर के मार्गदर्शन में भारत ने 2025 में मेहमान इंग्लैंड को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले तीन वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों में एक शतक व एक अर्द्धशतक सहित कुल 259 रन मैन ऑफ द सीरीज शुभमन गिल के बल्ले से धमाल और कप्तान रोहित के शतक की बदौलत इंग्लैंड का सूपड़ा साफ कर 3-0से जीती। चैंपियंस ट्रॉफी में सभी पांचों मैच खेलने वाले एक शतक व एक अर्द्धशतक जड़ने वाले विराट कोहली (कुल 218 रन) , एक शतक जड़ने वाले शुभमन गिल ( कुल 188 रन) तथा और कप्तान रोहित शर्मा (कुल 180 रन) के फाइनल में अर्द्धशतक तथा दो अर्द्धशतकों सहित रन बनाने में दूसरे स्थान पर रहे श्रेयस अय्यर (कुल243 रन), केएल राहुल (तीन में अविजित कुल 140 रन) ने सही वक्त पर अलग अलग मैचों में अहम पारियां खेल कर भारत की पांच जीतों में योगदान किया। चैंपियंस ट्रॉफी में मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने मात्र न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच में चटकाए पांच विकेट सहित तीन मैचों में कुल 9 विकेट चटकाए वही चोट के बाद वउपसी करते हुए मोहम्मद शमी ने पहले मैच में बांग्लादेश के खिलाफ पांच विकेट सहित पांच मैचों में नौ विकेट चटकाए। वरुण(9 विकेट), कुलदीप यादव (5 मैच, 7 विकेट), रवींद्र जडेजा(5 मैच, पांच विकेट), अक्षर पटेल (पांच मैच,5 विकेट)की भारतीय स्पिन चौकड़ी ने चैंपियंस ट्रॉफी में कुल 26 विकेट चटकाए जबकि पांच पांच मैच खेलने वाले शमी (9 विकेट)व हार्दिक पांडया(चार विकेट) दो मैच खेलने वाले हर्षित राणा(चार विकेट)वाले तेज गेंदबाज की त्रिमूर्ति ने 17 विकेट बांट कर हेड कोच गौतम गंभीर के भरोसे को सही साबित किया।